फोटो गैलरी

Hindi Newsजाट रेजीमेंट के जांबाजों ने एवरेस्ट पर बचाई 400 लोगों की जान

जाट रेजीमेंट के जांबाजों ने एवरेस्ट पर बचाई 400 लोगों की जान

नेपाल में आए भूकंप के दौरान माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर रहे पर्वतारोहियों के दल को जाट रेजीमेंट की टीम ने जान पर खेलकर बचाया। हिमस्खलन ज्यादा होने की वजह से 18 पर्वतारोही और पांच शेरपाओं की मौत हो गई,...

जाट रेजीमेंट के जांबाजों ने एवरेस्ट पर बचाई 400 लोगों की जान
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 02 May 2015 10:54 AM
ऐप पर पढ़ें

नेपाल में आए भूकंप के दौरान माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर रहे पर्वतारोहियों के दल को जाट रेजीमेंट की टीम ने जान पर खेलकर बचाया। हिमस्खलन ज्यादा होने की वजह से 18 पर्वतारोही और पांच शेरपाओं की मौत हो गई, जबकि करीब 60 लोग घायल हो गए। 350 से ज्यादा लोगों को आर्मी के जाबांजों ने बर्फ के मलबे से निकालकर बेस कैंप तक पहुंचाया। आर्मी जवान अब माउंट एवरेस्ट पर रास्ता ठीक करने में लगे हुए हैं। सब कुछ ठीक-ठाक करने के बाद ही टीम स्वदेश वापसी करेगी।

बरेली जाट रेजीमेंट सेंटर के मेजर रणवीर सिंह जांबाल के नेतृत्व में एक अप्रैल को 30 लोगों की टीम को दिल्ली में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल दलवीर सिंह सुहाग ने शुभकामनाओं के साथ नेपाल भेजा था। बरेली से गई आर्मी की यह टीम करीब 400 लोगों के साथ माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई कर रही थी।

इसी बीच 25 अप्रैल को आए भूकंप की वजह से माउंट एवरेस्ट में जबरदस्त हिमस्खलन होने लगा। बर्फ के मलबे में दजर्नों पर्वतारोही दब गए। इंडियन आर्मी के जवानों ने जान की बाजी लगाकर माउंट एवरेस्ट पर फंसे लोगों को निकालना शुरू किया। जाट रेजीमेंट के कर्नल एडम कमांडेंट राजेश त्यागी ने बताया कि अचानक आई आपदा में मलबे में दबकर 23 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में कई विदेशी भी थे। इसके अलावा 60 लोग घायल हो गए। उन्हें मेडिकल सहायता, खाने के पैकेट मुहैया कराए गए।

आर्मी ने रेस्क्यू आपरेशन कर सभी लोगों को माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप तक सकुशल पहुंचाया। कुछ लोग कैंप में अभी भी हैं। 300 लोग कैंप से अपने घरों को रवाना हो चुके हैं। वहीं हिमस्खलन की वजह से माउंट ऐवरेस्ट चढ़ने वाले रास्ते पर काफी मलबा जमा है।

शुक्रवार को जाट रेजीमेंट के अफसरों ने मेजर रणवीर से संपर्क साधा। मेजर ने बताया कि वह लोगों को बचाने के बाद रास्ते को ठीक करने में लगे हैं। रास्ते को दुरुस्त करने के बाद ही लौटेंगे। इससे पहले कई दिन तक सेना के अफसरों का मेजर रणवीर से संपर्क नहीं हो रहा था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें