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अभिभावक हुए जागरूक : मुरादाबाद में 11 माह के बच्चे का आईक्यू टेस्ट

बच्चों के आईक्यू (बुद्धिलब्धि) को लेकर अभिभावक इतना जागरूक हो गए हैं कि इसकी जांच कराने में उनकी उम्र पर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। मंगलवार को ग्यारह महीने के बच्चे का आईक्यू टेस्ट कराने के लिए माता...

अभिभावक हुए जागरूक : मुरादाबाद में 11 माह के बच्चे का आईक्यू टेस्ट
Wed, 17 May 2017 07:01 PM
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बच्चों के आईक्यू (बुद्धिलब्धि) को लेकर अभिभावक इतना जागरूक हो गए हैं कि इसकी जांच कराने में उनकी उम्र पर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। मंगलवार को ग्यारह महीने के बच्चे का आईक्यू टेस्ट कराने के लिए माता पिता जिला अस्पताल मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ पहुंच गए। जिला अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ पर आईक्यू और पर्सनाल्टी टेस्ट की सुविधा हाल ही में उपलब्ध हुई है। मनोचिकित्सक डॉ.एस धनंजय ने बताया कि ग्यारह महीने के इस बच्चे का आईक्यू औसत से नीचे आया। उसके माता पिता को सलाह दी गई कि यह बच्चा दूसरे बच्चों के मुकाबले चीजों को धीमे धीमे सीखेगा इसलिए उन्हें धैर्य रखना होगा साथ ही किसी भी चीज के बारे में बच्चे को बार बार बताना और समझाना पड़ेगा। शुरुआत में प्रकोष्ठ पर नौ लोगों का आईक्यू टेस्ट हुआ जिसमें 11 महीने से लेकर 24 साल तक लोग शामिल हैं।ऐसे निकाला जाता है आई क्यू:इसके लिए व्यक्ति की मानसिक आयु में वास्तविक आयु का भाग देकर उसे सौ से गुणा किया जाता है। किसी भी व्यक्ति का बौद्धिक विकास 16 साल की उम्र तक ही होता है। इसलिए इससे अधिक उम्र के प्रत्येक व्यक्ति की वास्तविक आयु 16 वर्ष ही मानी जाती है। छह साल से कम बच्चों का टेस्ट है डीक्यू: छोटे यानि छह साल तक के बच्चों का मानसिक परीक्षण आईक्यू नहीं, बल्कि डीक्यू (डेवलपमेंट कोशंट) के तौर पर जाना जाता है। ग्यारह महीने के बच्चे का डीक्यू 40 निकला जोकि काफी कम है।आईक्यू 115 से ऊपर तो समझें होनहार: किसी व्यक्ति का आई क्यू 85 से 115 तक होना सामान्य माना जाता है। आईक्यू 115 से 160 निकलने का मतलब व्यक्ति होनहार है। आईक्यू की 70 से 84 तक बॉर्डर लाइन मानी जाती है, जबकि 69 से नीचे होने पर उसे मंदबुद्धि मान लिया जाता है।

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