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कर्ज में डूबे किसान ने गोली मारकर की आत्महत्या

शहजादनगर थाना क्षेत्र में कर्ज में डूबे किसान ने मंगलवार को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। किसान ने अपनी लाइसेंसी रायफल से खुद को गोली से उड़ा लिया। इससे घर में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर...

 कर्ज में डूबे किसान ने गोली मारकर की आत्महत्या
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 10 Jan 2017 10:50 PM
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शहजादनगर थाना क्षेत्र में कर्ज में डूबे किसान ने मंगलवार को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। किसान ने अपनी लाइसेंसी रायफल से खुद को गोली से उड़ा लिया। इससे घर में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया है।

घटना मंगलवार को सुबह करीब दस बजे मौलागढ़ गांव में हुई। किसान मोहम्मद रफी पुत्र मोहम्मद यासीन कुछ रोज से तनाव में था। बताया जाता है कि उस पर करीब छह लाख का कर्ज था। चार लाख रुपये बैंक का बकाया था और 80 हजार सहकारी समिति का देना था। इसके अलावा एक लाख साहूकार का भी था। छह माह पहले मोहम्मद रफी ने छोटे भाई की शादी में साहूकार से लोन लिया था। इसका दबाव उस पर था और कुछ रोज से तनाव में था।

मंगलवार को मोहम्मद रफी जद्दोजहद से हिम्मत हार गया। वह अपने कमरे में गया और दरवाजा बंद कर लिया। हांलाकि अंदर से कुंडी बंद नहीं की इसके बाद रायफल से खुद को गोली से उड़ा लिया। फायर की आवाज सुनकर परिजन कमरे में दौड़े, लेकिन कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। अस्पताल ले जाने का मौका भी नहीं लगा। गोली सीने में लगी। मौत से घर में कोहराम मच गया। सूचना पाकर सीओ केमरी और थाना प्रभारी अजय कुमार भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया।

ससुराल वालों ने लगाए आरोप, दौड़ी पुलिस

किसान मोहम्मद रफी की ससुराल पास के ही गांव की है। घटना की जानकारी पर ससुराल के लोग भी आ गए, जिन्होंने मोहम्मद रफी के परिवार वालों पर ही शक जताया और हत्या का आरोप लगाया। पुलिस को भी फोन कर दिया, जिस पर सीओ केमरी और शहजादनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने घटना के बारे में जानकारी ली, लेकिन मोहम्मद रफी की पत्नी ने अपने मायके वालों के आरोप नकार दिए। पत्नी ने बताया कि उन्होंने आत्महत्या की है।

पुलिस ने कब्जे में ली रायफल

मौके पर पहुंची पुलिस ने मोहम्मद रफी की राइफल को कब्जे में ले लिया है। रायफल का लाईसेंस उसी के नाम था। रायफल को थाने में जमा कर दिया गया है।

घटना की सूचना पर मैं मौके पर गया। ग्रामीणों और परिजनों से जानकारी की। पता चला कि मोहम्मद रफी पर कर्जा था और आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।

नरेन्द्र पाल सिंह, सीओ केमरी

पापा! हमें सरकारी स्कूल में दाखिल करा देना

रामपुर। पापा हमें सरकारी स्कूल में दाखिल करा देना, लेकिन आप कुछ मत करना, सनवे स्कूल में पढ़ रहे बच्चों ने दो दिन पहले ही यह कहा था, लेकिन परेशानी के सामने बच्चों की गुहार का भी उस पर कोई असर नहीं हुआ।

मंगलवार को आत्महत्या करने वाला किसान मोहम्मद रफी गरीब नहीं था। गांव में उसका मकान भी बेहतर बना है। जमीन भी करीब पांच एकड़ है और तीन भाई हैं, लेकिन कर्जा हो गया था। हालांकि वह हिम्मत नहीं हारता तो करीब छह लाख का कर्जा उसके लिए कुछ नहीं था और किसी तरह पैसे का इंतजाम किया जा सकता था। वह कई रोज से घर में अपनी परेशानी का जिक्र कर रहा था। कई बार अपनी जान देने का भी जिक्र किया था, जिस पर बच्चों ने कहा था कि पापा हमें सरकारी स्कूल में दाखिल करा देना, लेकिन आप कुछ मत करना। बच्चों की इस बात का भी उस कोई असर नहीं हुआ और जान दे दी।

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