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एक साथ दस अर्थियां देख कर दहला गंगापुर कदीम गांव

क्या बच्चे, क्या जवान और क्या बूढ़े। क्या महिलाएं और क्या पुरुष। सबकी आंखें नम या फिर रो-रोकर सूजी हुईं। विलाप का ऐसा मंजर कि देखने वाले का दिल दहल जाए। पथराई हुईं बूढ़ी आंखों ने पूरी उम्र में एक ही घर...

एक साथ दस अर्थियां देख कर दहला गंगापुर कदीम गांव
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 12 May 2017 09:10 PM
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क्या बच्चे, क्या जवान और क्या बूढ़े। क्या महिलाएं और क्या पुरुष। सबकी आंखें नम या फिर रो-रोकर सूजी हुईं। विलाप का ऐसा मंजर कि देखने वाले का दिल दहल जाए। पथराई हुईं बूढ़ी आंखों ने पूरी उम्र में एक ही घर से आज तक इतनी अर्थियां एक साथ उठते नहीं देखीं।

शुक्रवार को केमरी के गंगापुर कदीम गांव में मातम पसरा हुआ था। गांव के सारे लोग हादसे के शिकार हुए घर के परिजनों को ढांढस बंधाने में लगे हुए थे। परिवार के लोग और उनके आए हुए रिश्तेदार चीत्कार कर रहे थे। उनकी चीख-पुकार पास खड़े लोगों को अंदर तक दहला रही थी। गम के मारे पूरे गांव में दर्दनाक हादसे के बाद से चूल्हे ठंडे पड़े हुए थे और गलियों में भी सन्नाटा था। सवेरे-सवेरे काम पर निकल जाने वाले लोग भी गांव में रुक गए थे। गुरुवार रात को गांव में सबसे पहले हादसे में सात लोगों के मरने की खबर पता चली। बाद में तीन घायलों के भी दम तोड़ देने के बाद यह संख्या दस हो गई। शुक्रवार सवेरे जब एक साथ दस शव गांव लाए गए, तो लोगों की चीख-पुकार ने पूरे गांव को दहला दिया। घूंघट के परदे में रहने वाली महिलाएं भी फूट-फूटकर रोने लगीं। गांव के घरों की छतों पर भी देखने वालों की भीड़ जमा हो गई। अंतिम संस्कार के समय जब एक साथ दस अर्थियां निकलने लगीं, तो विलाप के स्वर और तेज हो गए। मृतकों की मां-बहनों समेत तमाम महिला रिश्तेदार पछाड़े मार-मारकर रो रही थीं। कुछ महिलाएं रोते-रोते बेसुध भी हो गईं।

खुद भी ट्रक ड्राइवर था मित्रपाल

केमरी। ट्रक के नीचे आकर अपने तीन बच्चों समेत खुद भी सड़क हादसे का शिकार हुआ मित्रपाल स्वयं एक प्रशिक्षित ट्रक चालक था। वह काफी समय से गांव के ही रहने वाले नईम खां का ट्रक चलाने का काम करता था। गुरुवार की रात अपने ही गांव के वीर सिंह की शादी में शामिल होकर जिस कार से वह अपने परिवार समेत लौट रहा था। वह कार भी उसके मालिक नईम की ही थी। कुछ ग्रामीणों का कहना था कि उन्हें मित्रपाल के इस तरह से हादसे का शिकार होने पर विश्वास ही नहीं हो रहा है, मगर शायद विधि के विधान को यही मंजूर था।

कफ्र्यू सा सन्नाटा...मगर चीखों का शोर था

केमरी। गंगापुर कदीम में शुक्रवार को हादसे का असर साफ दिखाई दे रहा था। गांव की गलियां ऐसी सूनी थीं कि मानों गांव में कफ्र्यू लगा हो। और दूसरी तरफ मृतकों के घरों पर ग्रामीणों की भारी संख्या जुटी हुई थी। वहां पर विलाप कर रहे महिला-पुरूषों की चीख-पुकार किसी का भी दिल अंदर तक दहला देने के लिए काफी थी।

अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ दर्ज हुई रिपोर्ट

केमरी। कार सवार तेरह में से दस लोगों की सड़क हादसे में मौत के जिम्मेदार ट्रक चालक के खिलाफ गंगापुर कदीम गांव के रामगोपाल ने जनपद के सिविल लाईन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि आगे चल रहे ट्रक चालक ने लापरवाही करते हुए अचानक ब्रेक लगा दिए, जिससे पीछे चल रही कार उसमें जा घुसी और दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। हादसे के तुरंत बाद चालक मौके से ट्रक लेकर फरार हो गया था।

बच गई छत्रपाल की पत्नी

केमरी।सड़क हादसे में कार में सवार तेरह में से जो दस लोग मौत का शिकार हुए, उसमें छत्रपाल के चार बच्चे भी शामिल थे। इस हादसे में खुद छत्रपाल गंभीर घायल हो गया है। उसकी पत्नी सावित्री देवी अपने भाग्य के चलते इस हादसे में शामिल होने से बाल-बाल बच गई। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि सावित्री बारात में शामिल होने के लिए गांव से कार से ही गई थी। परन्तु लौटते वक्त उसने दूल्हा-दुल्हन की कार से आने का निर्णय लिया, जिस कारण वह हादसे का शिकार होते-होते बच गई।

काश गांव जल्दी पहुंचने की न ठानता मित्रपाल

केमरी। कार हादसे का शिकार हुआ मित्रपाल ही पूरे विवाह समारोह का कर्ता-धर्ता था । ग्रामीणों के अनुसार उसी ने गांव के रहने वाले अपने रिश्तेदार वीर सिंह की शादी पटवाई के नरखेड़ी गांव में तय कराई थी। वह बारात पहुंचने से दो घंटे पहले ही नरखेड़ी पहुंच गया था। और वहां विवाह की सारी व्यवस्थाओं की देख-रेख का जिम्मा संभाला था। इसके बाद वह गांव जाकर भी दुल्हन की पूरी शान से आवाभगत करना चाहता था। यही सोचकर इसने गांव में दुल्हन पहुंचने से पहले जाने का निर्णय लिया और नरखेड़ी से दो घंटे पहले ही रवाना हो गया। परंतु शायद विधि को कुछ और ही मंजूर था। रास्ते में ही एक सड़क हादसे ने उसकी दस लोगों समेत जान ले ली।

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