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मुरादाबाद के अफसरों की लापरवाही से यूपी परिवहन निगम को 50 लाख का नुकसान

परिवहन निगम अफसरों की लापरवाही से रोडवेज को पचास लाख का नुकसान होने का मामला उजागर हुआ है। कांसगज में चुनाव डयूटी के लिए आरएम कासगंज ने छह फरवरी को मुरादाबाद रीजन से 64 बसें मांगी,अफसरों ने आए डिमांड...

मुरादाबाद के अफसरों की लापरवाही से यूपी परिवहन निगम को 50 लाख का नुकसान
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 11 Apr 2017 01:30 PM
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परिवहन निगम अफसरों की लापरवाही से रोडवेज को पचास लाख का नुकसान होने का मामला उजागर हुआ है। कांसगज में चुनाव डयूटी के लिए आरएम कासगंज ने छह फरवरी को मुरादाबाद रीजन से 64 बसें मांगी,अफसरों ने आए डिमांड पत्र पर अमल तो किया लेकिन बस भिजवाने में कुछ जल्दी कर दी। जिस दिन बसों को मांगा गया था,उससे तीन दिन पहले ही बसें भेज दी, नतीजा तीन दिन तक बसें खाली खड़ी रही। इससे मुरादाबाद रीजन को करीब 50 लाख नुकसान हुआ। इस मामले की शिकायत यूपी रोडवेज इंपलाइज यूनियन के पदाधिकारियों ने डीएम से की,जिस पर उन्होंने मामले की जांच अपर उपजिलाधिकारी सदर को सौंपकर तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। विधान सभा चुनाव में आरएम कांसगज ने आरएम मुरादाबाद अतुल जैन को पत्र भेजकर चुनाव डयूटी को रीजन से 64 बसें छह फरवरी 2017 को भिजवाने को कहा। कासगंज आरएम का पत्र आरएम मुरादाबाद को मिला,बसों को जुटाया भी गया लेकिन किसी अफ सर ने पत्र में दी तारीख को नहीं देखा और छह फरवरी को मांगी गई बसों को तीन फरवरी को ही कांसगज भेज दिया। नतीजा पुलिस लाइन ने तय तारीख से पहले बसें लेने से मना कर दिया,मजबूरी में सभी 64 बसें तीन,चार और पांच फरवरी को खाली खड़ी रही। अफसरों की इस घोर लापरवाही से रोडवेज को सीधे सीधे 50 लाख रुपए की राजस्व हानि हुई। यूपी रोडवेज इंपलाइज यूनियन के प्रांतीय उपाध्यक्ष जगवीर सिंह यादव ने डीएम को शिकायती पत्र देकर जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जिस पर डीएम जुहैर बिन सगीर ने इसके लिए अपर उपजिलाधिकारी सदर,संतराम को जांचाधिकारी नियुक्त कर तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। कहा रिपोर्ट में जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

एसी बसों में दी जानी बोतल में हुआ ‘खेल :

रोडवेज की मुरादाबाद और पीतलनगरी डिपो से चलने वाली अनुबंधित एसी बसोें में यात्री को एक पानी की बोतल देनी की व्यवस्था है। इस बोतल की कीमत दस रुपए है लेकिन विभाग स्टाफ की मिलीभगत से बसों में घटिया दर्जे को पानी सप्लाई हो रहा है। इससे भी निगम को दस से पंद्रह लाख का नुकसान होने के बाद यूनियन पदाधिकारियों ने कही। इसकी भी जांच डीएम ने अपर उपजिलाधिकारी को सौंपी है।

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