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रामपुर के बैंक में पैसे जमा करने को पांच घंटे लाइन से खड़ी रही 80 बरस की वृद्धा

चार हजार रुपये की मामूली रकम जमा करने को 80 साल की बुजुर्ग पांच घंटे से महिलाओं की लाइन में लगी है। पैर कंपकंपाने लगे लेकिन भीड़ के चलते अभी तक उसके पैसे जमा नहीं हो पा रहे हैं। थकी–हारी वृद्धा हर...

रामपुर के बैंक में पैसे जमा करने को पांच घंटे लाइन से खड़ी रही 80 बरस की वृद्धा
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 10 Nov 2016 03:00 PM
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चार हजार रुपये की मामूली रकम जमा करने को 80 साल की बुजुर्ग पांच घंटे से महिलाओं की लाइन में लगी है। पैर कंपकंपाने लगे लेकिन भीड़ के चलते अभी तक उसके पैसे जमा नहीं हो पा रहे हैं। थकी–हारी वृद्धा हर आने-जाने वाले से पूछती है कब जमा होंगे पैसे। बैंक पर लगी महिलाओं की कतार काफी धीरे-धीरे आगे खिसक रही है।

शहर के मोहल्ला चौक मोहम्मद सईद खां निवासी कनीज बेगम की आयु करीब 80 साल है। पंद्रह-सोलह साल पहले उनके पति चंदा मियां का देहांत हो गया। तब से उनपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। किराए के मकान पर रहने वाली कनीज बेगम को कुदरत ने एक बेटा दिया जिसकी उम्र 50 साल है लेकिन, वह भी अपने दोनों पैरों से विकलांग है। कनीज बेगम की चार बेटियां थी जिनमें उन्होंने जैसे-तैसे तीन बेटियों की शादी कर दी। लेकिन, एक बेटी अमीर जहां उम्र करीब 30 साल अभी तक अविवाहित है। उन्होंने आसरा योजना के तहत चपटा के फेज वन के समय आवास के लिए आवेदन भी किया था लेकिन, आवास नहीं मिला है। कनीज बेगम को विधवा और उनके बेटे को विकलांग पेंशन मिलती है जिससे घर का गुजर बसर चलता है। इधर चंदौसी में बैंकों में विकलांग, महिला और वरष्ठि नागरिकों को जो प्राथमिकता दी जाती थी। गुरुवार को सभी को एक समान तरीके से रुपए बदलने के लिए कतार में खड़ा होना पड़ा। अगर कोई विकलांग और वरष्ठि नागरिक ने आगे पहुंचने की कोशिश भी की तो उसे अन्य लोगों ने लाइन में ही खड़े होने को बोल दिया। इससे विकलांग व अन्य लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।

...घर में खाने को नहीं,

करेंसी बदलने आईं कनीज बेगम स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में गुरुवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे पहुंची कनीज बेगम का नंबर दोपहर डेढ़ बजे तक नहीं आया था। जब उनसे पूछा गया कि वह क्यों आई हैं। उन्होंने बताया कि घर में खाने को नहीं हैं। पांच-पांच सौ के आठ दिखाते हुए बताया कि यह उन्होंने जोड़कर रखे थे इन्हें बदलने के लिए आई हैं। यह सुन कतार में खड़ी महिलाएं अपनी हंसी रोक नहीं सकीं। इ नागरिक ने आगे पहुंचने की कोशिश भी की तो उसे अन्य लोगों ने लाइन में ही खड़े होने को बोल दिया। इससे विकलांग व अन्य लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।

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