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बर्ड वाचिंग डे पर जलाशयों में 321 बच्चों ने 1321 पक्षियों को देखा

जिले में बर्ड वाचिंग डे पर शुक्रवार को विभिन्न स्कूलों के 321 बच्चों ने 1321 पक्षियों को देखा। इस दौरान 26 प्रजाति के पक्षी देखे गए। इसमें देशी पक्षियों की अधिकता रही। इनके साथ ही बच्चों को साइबेरियन...

बर्ड वाचिंग डे पर जलाशयों में 321 बच्चों ने 1321 पक्षियों को देखा
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 02 Dec 2016 02:20 PM
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जिले में बर्ड वाचिंग डे पर शुक्रवार को विभिन्न स्कूलों के 321 बच्चों ने 1321 पक्षियों को देखा। इस दौरान 26 प्रजाति के पक्षी देखे गए। इसमें देशी पक्षियों की अधिकता रही। इनके साथ ही बच्चों को साइबेरियन पक्षियों को भी देखने का मौका मिला। बच्चे इन पक्षियों को देखकर अंदर ही अंदर खूब खुश हुए। बच्चों के मन में उठ रहे कौतुहल भरे सवाल का वन विभाग के कर्मचारियों ने संतुष्ट जवाब दिया। यही नहीं पक्षियों की पर्यावरण में महत्ता और उपयोगिता के बारे में भी बताया। बच्चों से भी पक्षियों के सुरक्षा की अपील की गई। इससे बच्चों ने पक्षियों को देखने के बहान खूब मस्ती भी की।

प्रदेश सरकार की ओर से वर्ड वाचिंग डे पर सभी जिलों में स्कूली बच्चों को पक्षियों को दिखाने के लिए अभियान चलाया गया। बच्चों को पक्षियों को दिखाकर उनके बारे में बताने के साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में प्रयास करने पर जोर दिया गया था। इसी को ध्यान में रखकर वन विभाग की ओर से जिले में बच्चों को पक्षियों को दिखाने के लिए स्कूलों से संपर्क करके बच्चों को निर्धारित स्थलों पर ले आने को कहा गया था। कोहरा होने के कारण आस-पास के सरकारी, गैर सरकारी स्कूलों के बच्चे सुबह नो बजे तक निर्धारित आठ स्थलों पर पक्षी देखने के लिए इकट्ठा हुए। उनके साथ विद्यालयों के शिक्षक और शिक्षिकाएं भी मौजूद रहे। डीएफओ मिर्जापुर केके पाण्डेय ने बताया कि बच्चों के पहुंचने से पहले ही वन विभाग की टीम निर्धारित स्थलों पर मौजूद रही। सभी स्थानों पर बच्चों को दिखाए गए पक्षियों की रिपोर्ट प्राप्त हो गयी है। उसे शासन को भेज दिया गया। जिससे यह पता चल जाए कि जंगल और जलाशयों में कितने प्रकार के पक्षी और कितनी संख्या में मौजूद हैं।

इन स्थानों पर दिखाया गया पक्षियों को

लोअर खजुरी बांध, अपर खजुरी बांध,सिरसी बांध, विंढमफाल, ड्रमंडगंज, सुकृत जंगल, चुनार के सक्तेशगढ स्थित सिद्धनाथ की दरी, टांडाफाल।

इस प्रजाति के देशी पक्षी देखे गए:

सत वहिनी, गौरैया, चुनमुन, पनकउआ, लालसर, महोफ, ग्रीन बीईटर,सन बर्ड, मैना तोता, कौऔ, किंग फिशर, हरियाली, भुजंगा आदि।

इस प्रजाति के विदेशी पक्षी देखे गए:

सिर्फ साइबेरियन पक्षियों को जलाशयों में देखा गया। जंगलों में इनकी मौजूदगी नहीं रही। इनकी विशेषता भी यही है कि यह साइबेरिया में अधिक बर्फ पड़ने के कारण वह भारत में प्रजनन के लिए आते हैं। फरवरी महीने के अंत से इनकी वापसी होने लगती है।

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