फोटो गैलरी

Hindi Newsआत्म साधना का पवित्र स्थल है मंदिर

आत्म साधना का पवित्र स्थल है मंदिर

जैन तीर्थ क्षेत्र श्री दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर में चल रहे श्री शांतिनाथ विधान के आठवें दिन मुख्य जिनालय में श्रद्धालुओं ने भगवान का अभिषेक कर शांतिधारा की गयी। गुरुवार को विधान में प्रवचन...

आत्म साधना का पवित्र स्थल है मंदिर
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 11 May 2017 09:10 PM
ऐप पर पढ़ें

जैन तीर्थ क्षेत्र श्री दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर में चल रहे श्री शांतिनाथ विधान के आठवें दिन मुख्य जिनालय में श्रद्धालुओं ने भगवान का अभिषेक कर शांतिधारा की गयी।

गुरुवार को विधान में प्रवचन करते हुए श्री भाव भूषण महाराज ने कहा कि मंदिर आत्म साधना का पवित्र स्थान है। मंदिर में घरेलू काम काज तथा धन संपति के विचारों को त्याग कर धार्मिक भावनाएं ही मन में लानी चाहिए। व्यावहारिक कार्य और घरेलू चर्चा मंदिर में करना पाप है। धार्मिक मर्यादाओं के पालन से जीवन सफल होता है। उन्होंने कहा कि सूरज पश्चिम से उग सकता है सांप के मुंह में जहर की जगह अमृत हो सकता है, लेकिन जहां हिंसा है वहां धर्म नहीं हो सकता।

कार्यक्रम में शांतिनाथ, कुंथुनाथ, अरहनाथ भगवान का अभिषेक किया व सुसज्जित मांडले पर 90 परिवारों द्वारा श्री फल अर्पित किया गया। सांयकाल में भगवान की मंगल आरती की गई। तत्पश्चात रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें गुरुकुल के छात्रों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें