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यूपी: सिस्टम से परेशान किसान ने दे दी अपनी जान

बैंक का कर्ज भी चुका दिया लेकिन सिस्टम ने इतना तंग कर दिया कि थक-हारकर किसान ने अपनी जान ही दे दी। चंदन सिंह के पुत्र गुरतारा सिंह ने सोमवार को बिजली का तार पकड़कर आत्महत्या की। न्याय के लिए इस...

यूपी: सिस्टम से परेशान किसान ने दे दी अपनी जान
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 20 Oct 2015 08:31 AM
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बैंक का कर्ज भी चुका दिया लेकिन सिस्टम ने इतना तंग कर दिया कि थक-हारकर किसान ने अपनी जान ही दे दी। चंदन सिंह के पुत्र गुरतारा सिंह ने सोमवार को बिजली का तार पकड़कर आत्महत्या की।

न्याय के लिए इस किसान का परिवार दशकों से भटक रहा है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। जमीन की दाखिल-खारिज न होने पर इस परिवार में यह चौथी आत्महत्या है। किसान चंदन सिंह के नाम 21 बीघा जमीन है।

वर्ष 1985 में शामली के एक बैंक से दस हजार का लोन जमीन पर लिया था। बताया जा रहा है कि वर्ष 1989 तत्कालीन सरकार ने किसानों के दस हजार रुपये तक के कर्ज माफ कर दिए थे। इससे पहले चंदन सिंह 5700 रुपये जमा करा चुका था। उस समय उस पर 12 हजार मय ब्याज बकाया थे।

आरोप है कि तत्कालीन बैंक मैनेजर ने दस हजार रुपये माफ करने के लिए शेष दो हजार रुपये की रकम जमा कराने के लिए कहा, लेकिन वह दो हजार रुपये नहीं दे सका। इस पर बैंक ने आरसी जारी कर 1993 में जमीन को पुरमाफी के हरबीर के नाम नीलाम कर दी।

पीड़ित किसान के मुताबिक इसके खिलाफ उसने कमिश्नर के यहां याचिका दायर की जिस पर वर्ष 2009 में चंदन सिंह मुकदमा जीत गए। कमिश्नर के आदेश पर साठ हजार रुपये भी जमा कराए, लेकिन फिर भी जमीन चंदन सिंह के नाम वापस नही आयी।

इस बीच हरबीर ने निर्मल को जमीन बेच दी। इससे परेशान चंदन सिंह ने तीस दिसंबर 2013 को राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर परिवार समेत इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी थी। सोमवार को चंदन सिंह के बेटे गुरतारा सिंह ने खेत में जाकर बिजली के तार को पकड़कर जीवनलीला समाप्त कर ली।

इस मामले में डीएम ओपी वर्मा का कहना है कि कमिश्नर के आदेश के विरुद्ध दूसरी पार्टी जिसने नीलामी में जमीन खरीदी थी उसने हाईकोर्ट से स्टे लिया है। इसलिए जमीन उसके नाम नहीं चढ़ सकी। प्रशासन हाईकोर्ट में भी किसान की पैरवी कर रहा है। जो घटना सोमवार को घटित हुई उसकी जांच कराई गई है। वह आत्महत्या नहीं बल्कि दुर्घटना है। ट्यूबवेल पर बिजली कनेक्शन नहीं है। सोमवार को टय़ूबवेल पर अवैध रूप से तार डालते समय गुरतारा सिंह की करंट लगने से मौत हुई है।

परिवार में कब-कब हुई आत्महत्याएं

सबसे पहले 1995 में चंदन सिंह की लड़की ने फांसी लगाकर जीवन समाप्त किया। दूसरी आत्महत्या 1999 में कमलेश पत्नी गुरतारा सिंह ने की। इसके बाद इस परिवार में तीसरी आत्महत्या चंदन सिंह के बेटे गुलाब सिंह ने फांसी लगाकर की। चौथी आत्महत्या सोमवार को हुई, लेकिन इस जमीन को लेकर आजतक प्रशासन ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई।

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