माता-पिता के मुकाबले बच्चों से अधिक प्यार होता
मनुष्य जिसकी सेवा करता है उसे उतना ही प्रेम करता है। जैसे आम जीवन में मनुष्य अपने माता-पिता की तुलना में बच्चों की अधिक सेवा करता है, इसी कारण उसका प्रेम माता पिता की तुलना में बच्चों से अधिक होता...
मनुष्य जिसकी सेवा करता है उसे उतना ही प्रेम करता है। जैसे आम जीवन में मनुष्य अपने माता-पिता की तुलना में बच्चों की अधिक सेवा करता है, इसी कारण उसका प्रेम माता पिता की तुलना में बच्चों से अधिक होता है। ये विचार कथा वाचक अपरिमेय दास प्रभु ने सोमवार को इस्कॉन मंदिर में व्यक्त किये। वो अमर शहीद पथ स्थित श्री श्री राधा रमण बिहारी (इस्कॉन) मंदिर में सोमवार को पंचम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर पर कथा पाठ कर रहे थे।
सुशांत गोल्फ सिटी के इस्कॉन सेक्टर एफ के इस अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावना मृत संघ के इस इस्कॉन मंदिर में राधा रमण बिहारी का धुप, चरणामृत, घी, दूध आदि से महाभिषेक हुआ। उन्होंने गजेंद्र(हाथी) की प्रभु भक्ति और ग्राह (मगरमच्छ) से उसके युद्ध की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि एक समय गजेंद्र प्रभु के चरणों में चढ़ाने के लिए तलाब से कमल का फूल तोड़ने गया लेकिन वहां तालाब में मौजूद ग्राह ने गजेंद्र का पैर अपने जबड़ो में जकड़ लिया। पैर को छुड़ाने के लिए दोनों के बीच कई साल तक युद्ध चला। लेकिन गजेंद्र उससे परास्त हो गए। ऐसे में उसने प्रभु को पुकार लगाई। गजेंद्र की भक्तिमय पुकार सुन प्रभु ने सुदर्शन चक्र से ग्राह का सर धड़ से अलग कर दिया। इसलिए यदि हम मुश्किल के समय प्रभु को याद करते है। यानि प्रभु से हमारा नित्य सम्बन्ध है, जरुरत है बस उस भूले हुए सम्बन्ध को जाग्रत करने की।