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शांति के लिए अहंकार नष्ट जरुरीः संत प्रमोद दास

लखनऊ। निज संवाददातासरोजनी नगर में चल रही श्रीराम कथा में बुधवार को संत प्रमोद दास जी महाराज ने कहा कि अहंकार नष्ट हुए बिना शांति सम्भव नही है। अयोध्या से जनकपुर की यात्रा शांति (सीता) की प्राप्ति की...

शांति के लिए अहंकार नष्ट जरुरीः संत प्रमोद दास
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 12 Apr 2017 08:00 PM
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लखनऊ। निज संवाददातासरोजनी नगर में चल रही श्रीराम कथा में बुधवार को संत प्रमोद दास जी महाराज ने कहा कि अहंकार नष्ट हुए बिना शांति सम्भव नही है। अयोध्या से जनकपुर की यात्रा शांति (सीता) की प्राप्ति की कथा है। प्रभु यह जगत को संदेश देते है कि जिसमे पांच चीजें होंगी गुरु समीपता, दोषों को मिटाना, यज्ञ की पूर्णता, विवेकवान बुद्धि की प्राप्ति और अहंकार का भंग होना है सीता (शांति) उसी को मिलेगी।संतश्री ने प्रभु सीताराम का रसमय विवाह प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। चारो दुल्हा देई भमरियां हो, संग सोहती दुल्हिन नजरिया हो। भजन सुन कर उपस्थित भक्त समाज पुलकित हो गया। व्यास पूजन रश्मि दीक्षित, रंजना दुबे, योगेंद्र वर्मा , राजेंद्र मिश्रा, जया सिंह, मंगलेश्वर सिंह, ममता सिंह , पियूष दीक्षित ने किया। कथा आयोजक अवधेश दीक्षित, ज्ञान चन्द्र दुबे ने बताया कि गुरुवार को वन गमन लीला का प्रसंग सुनाया जायेगा।

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