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काव्यशाला में कवियों ने कविताएं पढ़ी

कविता लोक सृजन संस्थान की ओर से महोना के चंद्रवाटिका शिक्षा निकेतन में मंगलवार को काव्यशाला का आयोजन किया। कवि मंजुल मंजर लखनवी ने कहा, प्राण खुश्बू हैं हवाओं में बिखर जाएगी रचना को पेश किया। गौरव...

काव्यशाला में कवियों ने कविताएं पढ़ी
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 17 Jan 2017 07:57 PM
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कविता लोक सृजन संस्थान की ओर से महोना के चंद्रवाटिका शिक्षा निकेतन में मंगलवार को काव्यशाला का आयोजन किया। कवि मंजुल मंजर लखनवी ने कहा, प्राण खुश्बू हैं हवाओं में बिखर जाएगी रचना को पेश किया। गौरव पांडेय रुद्र ने ,‘साए मायूसी है चारों तरफ ही, आस का दीपक जलाओ तुम जरा, विपिन मलिहाबादी ने ‘वो चुपके चुपके जा रहें हैं गुठली मारकर ,राहुल स्मित ने ‘जिन आंखों की बंजर दुनिया जैसी रचनाओं से श्रोताओं की तालियां बटोरी। सम्मेलन में चेतराम अज्ञानी, योगेश चौहान, शशि सौरभ, मुकेश मिश्र, नीरज द्विवेदी, भैरोनाथ तथा श्याम फतनपुरी ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि नरेंद्र भूषण ने की।

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