यूपी में भी समाप्त होगा सेवाकर
प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय
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गुड्स सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद विभागों को होने वाले सेवाकर के नुकसान की भरपाई के लिए विभागध्यक्षों से प्रस्ताव मांगा गया है। प्रमुख सचिवों को पत्र भेजकर पूछा गया है कि सेवाकर से उन्हें कितना मिल रहा है और इसके बंद होने से कितना नुकसान होगा।
जीएसटी में 82 सेवाओं को कर से मुक्त रखा गया है। अपर मुख्य सचिव वाणिज्य कर एवं मनोरंजन कर राजेंद्र कुमार तिवारी ने इस संबंध में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिवों को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि 1 जुलाई से अप्रत्यक्ष करों की नई व्यवस्था जीएसटी लागू किया जाना प्रस्तावित है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर अधिनियम 2017 के प्रावधानों के अनुसार वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर की दरें जीएसटी काउंसिल की संस्तुति के आधार पर ही राज्य सरकार व केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित की जाएगी।
जीएसटी काउंसिल की हुई बैठक में सेवाकर से मुक्त 82 सेवाओं को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। इसलिए यूपी में चलाई जा रही इस प्रकार की योजनाओं के अंतर्गत दी जा रही ऐसी सभी सेवाओं जिन पर पूर्ण या आंशिक रूप से सेवाकर लिया जा रहा है उसे समाप्त किया जाना है। इसलिए सभी विभाग इस संबंध में अपना प्रस्ताव वाणिज्य कर विभाग को औचित्य सहित उपलब्ध करा दें। इसमें यह भी पूछा गया है कि सेवाकर समाप्त किए जाने से विभाग को कितने का नुकसान होगा।