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सड़क हादसों में कमी लाने के लिए केजीएमयू की अनोखी पहल

डाक्टरों ने मनाया हेड इंजरी जागरूकता दिवस लखनऊ। कार्यालय संवाददातारोजाना हो रहे सड़क हादसे में 60 फीसदी के लिए हम सभी जिम्मेदार हैं। हेलमेट व सीट बेल्ट न लगाने की वजह से लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। यह...

सड़क हादसों में कमी लाने के लिए केजीएमयू की अनोखी पहल
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 22 Mar 2017 07:44 PM
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डाक्टरों ने मनाया हेड इंजरी जागरूकता दिवस

लखनऊ। कार्यालय संवाददाता

रोजाना हो रहे सड़क हादसे में 60 फीसदी के लिए हम सभी जिम्मेदार हैं। हेलमेट व सीट बेल्ट न लगाने की वजह से लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। यह चौंकाने वाले आंकड़े नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने जारी किया है। संस्था के सर्वे में हमारी आंखें खोलने वाले तथ्य सामने आए हैं कि 73 फीसदी सड़क दुर्घटनाओं के लिए गाड़ी का चालक यानी ड्राइवर ही दोषी रहता है। इनमें सबसे बड़ा कारण दो पहिया वाहन में हेलमेट न लगाना और कार में सीट बेल्ट न लगाना रहता है। ट्रॉमा टू के प्रभारी संदीप तिवारी ने कहा कि 73 फीसदी से अधिक दुघर्टनाएं गाड़ी चलाने वालों की वजह से हो रही हैं पर, लोगों के गले से यह तथ्य नीचे नहीं उतरता है। दुघर्टना के लिए दूसरों पर तोहमत लगाकर अपनी जिम्मेदारी से मुकर जाते हैं। उन्होंने बताया कि भारत में बीते वर्ष एक लाख 49 हजार लोगों की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन कर सड़क हादसों में 80 फीसदी तक कमी लाई जा सकती है।

रोजाना 50 से 70 घायल आ सिर में चोट के

केजीएमयू के न्यूरोसर्जरी विभाग में रोजाना 50 से 70 सिर में चोट लगे मरीज आ रहे हैं। डॉ बीके ओझा ने बताया हर साल लगभग 2500 घायलों को केजीएमयू में भर्ती किया जा रहा है l 2000 मरीजों के ऑपरेशन हो रहे हैं l मरीजों का जबरदस्त दबाव है। ऑपरेशन की वेटिंग चल रही है। देश में हर 3 से 4 मिनट में सिर में चोट लगने की वजह से एक मरीज की सांसें थम रही है।

नुकसान सब जानते हैं लेकिन हेल्मेट लगाने से परहेज

लोग हेल्मेट लगाने व सीट बेल्ट बाधने के फायदे तो जानते हैं लेकिन उस पर अमल करने से गुरेज करते हैं। लोग गाड़ी चलाते समय फोन पर भी बाते करते हैं। नशे में भी गाड़ी चलाते हैं। न्यूरोसर्जरी विभाग के डॉ. क्षितिज श्रीवास्तव ने कहा कि इन कारणों की वजह से सड़क हादसों में इजाफा हो रहा है। उन्होंने कहाकि शराब पीकर गाड़ी चलाना घातक है। नशे में लोग खुद तो चोटिल होते ही हैं दूसरों को भी घायल कर देते हैं।

6 लाख की आबादी पर एक डॉक्टर

डॉ. बीके ओझा ने बताया कि भारत में करीब 2,000 न्यूरो सर्जन हैं। मरीजों के दबाव के हिसाब से नाकाफी हैं l भारत में छह लाख की आबादी पर एक न्यूरो सर्जन हैं। जापान में 5000 की आबादी पर एक न्यूरो सर्जन है। डॉक्टरों की कमी को दूर कर सिर में चोट लगे मरीजों को मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकता है l

छह माह कोमा में रहने के बाद आया होश

करीब दो साल पहले दोस्त की शादी की तैयारियों के सिलसिले में मोटरसाइकिल से शहर की तरफ जा रहा था। हेल्मेट नहीं लगा रखा था। सड़क हादसा हो गया। सिर में गंभीर चोटे आईं। आजमगढ़ के प्राइवेट अस्पताल में 15 दिन भर्ती रखा गया। करीब साढ़े चार लाख रुपये खर्च हुए। बाद में डॉक्टरों ने केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। यहां डॉ. बीके ओझा के निर्देशन में इलाज हुआ। ऑपरेशन हुआ। करीब छह महीने तक कोमा में रहा। डॉक्टर व परिवारीजनों की मेहनत की वजह से नया जीवन मिला है। यह बताते हुए आजमगढ़ निवासी राम प्रवेश की आंखें भर आई। छोटे भाई प्रदीप प्रजापति ने बताया कि डॉक्टरों ने भाई की जान बचाने की कोशिश की। इस घटना ने परिवार को झंकझोर दिया है। अब पूरा परिवार मोटरसाइकिल चलाने से पहले हेल्मेट जरूर लगाते हैं। गाड़ी के पीछे बैठने वाला सदस्य भी हेल्मेट लगाता है।

सड़क हादसों में कमी लाने के लिए केजीएमयू की अनोखी पहल

सड़क हादसों में कमी लाने के लिए केजीएमयू अनोखी पहल करेगा। लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करेगा। घायलों को कैसे अस्पताल पहुंचाया जाए इसका प्रशिक्षण भी देगा। एम्बुलेंस चालकों को भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। ताकि घायलों को कम से कम नुकसान हो। ये जानकारी केजीएमयू न्यूरोसर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. बीके ओझा ने दी।

केजीएमयू शताब्दी अस्पताल परिसर में न्यूरोसर्जरी विभाग की ओर से हेड इंजरी जागरूकता दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. बीके ओझा ने कहा कि लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक व सभाएं की जाएंगी। यातायात विभाग के अफसरों के साथ बैठकर नीति बनाई जाएगी। साथ ही ऑटो, टैम्पो, चालकों को भी संजीदा किया जाएगा। घायलों को कैसे अस्पताल पहुंचाया जाए इसके लिए एम्बुलेंस चालकों को टिप्स दी जाएगी। प्री हॉस्पिटल ट्रेनिंग से लोगों को रू-ब-रू कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक माह इस तरह का आयोजन हुआ। योजना का खाका तैयार किया जा रहा है। इसमें ट्रॉमा सर्जरी विभाग की भी मदद ली जाएगी। इस मौके पर नुक्कड नाटक के लिए जरिए लोगों को जागरूक किया गया।

रैली निकली, शपथ दिलाई

शताब्दी से केजीएमयू मुख्य गेट तक रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया गया। कार्यक्रम में लारी कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. वीएन नारायण, डॉ. अंकुर समेत अन्य डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ उपस्थित थे। कार्यक्रम में लोगों को यातायात नियमों का पालन करने की शपथ दिलाई गई।

इनका पालन करें, रहें सुरक्षित

-शराब पीकर गाड़ी न चलाएं

-हेल्मेट या सीट बेल्ट जरूर बांधे

-गाड़ी की रफ्तार सामान्य रखें

-गलत दिशा में गाड़ी न चलाएं

-गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात न करें

-गाड़ी चलाते समय कुछ भी खाने या पीने से परहेज करें।

-सड़क पर पैदल या वाहन चलाते समय हेडफोन का इस्तेमाल कतई न करें

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