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Hindi News नीलम सिंह हत्याकांड के आरोपी को मिली उम्रकैद

नीलम सिंह हत्याकांड के आरोपी को मिली उम्रकैद

24 वर्ष पूर्व हुई नीलम सिंह की हत्या के मामले में न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश लाल बहादुर (द्वितीय) ने आरोपी पर दोष सिद्ध पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी ने अपनी बहन-बहनोई सहित तीन को...

 नीलम सिंह हत्याकांड के आरोपी को मिली उम्रकैद
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 28 Sep 2016 08:44 PM
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24 वर्ष पूर्व हुई नीलम सिंह की हत्या के मामले में न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश लाल बहादुर (द्वितीय) ने आरोपी पर दोष सिद्ध पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी ने अपनी बहन-बहनोई सहित तीन को गोली मारी थी। जिसमें बहन की मौत हो गई थी। जबकि दो घायल इलाज के बाद बच गए थे।

कैसरगंज थाने के गुथिया निवासी उमेश कुमार सिंह पुत्र देशराज सिंह अपनी पत्नी नीलम सिंह के साथ दिन में एक बजे कमरे में थे, जबकि बगल के कमरे में उनके भाई राकेश कुमार सिंह मौजूद थे। इसी दौरान उमेश कुमार सिंह का सगा साला बस्ती जिले के हरैया थाने के मधवापुर निवासी इन्द्र कुमार सिंह पुत्र बलराम सिंह पहुंचा, और उसने उमेश कुमार के दरवाजे को खटखटाया। जैसे ही उमेश ने दरवाजा खोला, इंद्र कुमार ने कमरे में तेजी से घुसते हुए अपनी बहन नीलम सिंह के ऊपर गोली चलाई। जिससे नीलम सिंह व उसे बचा रहे उमेश सिंह घायल होकर गिर पड़े। हत्या का प्रयास कर फरार हो रहे इंद्रकुमार सिंह को लोगों ने पकड़ने का प्रयास किया। इसी गांव निवासी रमेश कुमार सिंह पकड़ने को लपके। तो इंदकु मार सिंह ने उनके पैर में गोली मार दी। जिससे उनकी हड्डी टूट गई। इसी दौरान मौके पर पहुंची पुलिस ने इंद्र कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। तीनों घायलों को कैसरगंज सीएचसी लाए जाने पर जिला अस्पताल रेफर किया गया। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान नीलम सिंह ने दम तोड़ दिया। इस प्रकरण में राकेश कुमार सिंह की तहरीर पर हत्या व हत्या के प्रयास की धारा में इंद्र कुमार सिंह को नामजद करते हुए केस दर्ज किया गया। इंद्रकुमार सिंह पुलिस महकमें में बहराइच पुलिस लाइन में दरोगा के पद पर तैनात था। इस मामले में पुलिस ने तहकीकात के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। जिस पर कोर्ट में विचारण शुरू हुआ।

बुधवार को न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या एक के विद्वान जज लाल बहादुर (द्वितीय) ने बचाव पक्ष व अभियोजन पक्ष से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह के तर्कों को सुना। दोष सिद्ध पाए जाने पर इंद्रकुमार सिंह को हत्या के प्रयास में आजीवन कारावास व दस हजार का जुर्माना, जबकि हत्या के प्रयास की धारा में दस वर्ष का कारावास व सात हजार का जुर्माना की सजा सुनाई। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।

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