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सौ अनाथ बच्चों को आईसीपी योजना के तहत लाने के निर्देश

सौ अनाथ बच्चों को आईसीपी योजना के तहत लाने के निर्देश हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को दिए निर्देश अनाथ बच्चों के देखभाल व सुरक्षा मामले में 13 वरिष्ठ अधिकारी हुए पेश विधि संवाददाता लखनऊ। हाईकोर्ट...

सौ अनाथ बच्चों को आईसीपी योजना के तहत लाने के निर्देश
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 01 Mar 2017 09:00 PM
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सौ अनाथ बच्चों को आईसीपी योजना के तहत लाने के निर्देश हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को दिए निर्देश अनाथ बच्चों के देखभाल व सुरक्षा मामले में 13 वरिष्ठ अधिकारी हुए पेश विधि संवाददाता लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दृष्टि सामाजिक संस्थान के अनाथालय में रह रहे सौ अनाथ बच्चों को आईसीपी योजना (एकीकृत बाल संरक्षण योजना) के तहत लाने के निर्देश केंद्र व राज्य सरकार को दिए हैं। न्यायालय ने दोनों सरकारों से उम्मीद की है कि वे इस मामले में यथोचित निर्णय जल्द लेंगे ताकि अनाथलायों द्वारा उन्हें सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें। मामले की सुनवाई के दौरान दो प्रमुख सचिवों व लखनऊ के जिलाधिकारी और एसएसपी समेत 13 वरिष्ठ अधिकारी न्यायालय में मौजूद रहे। यह आदेश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय व न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ ने अनूप गुप्ता की जनहित याचिका पर दिया। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि दृष्टि सामाजिक संस्थान के अनाथालय में रह रहे दो सौ में से मात्र सौ बच्चों को ही केंद्र सरकार के आईसीपी योजना के तहत सुविधाएं मिल रही हैं। केंद्र सरकार की ओर से महिला व बाल विकास विभाग के अवर सचिव राजेश कुमार ने न्यायालय को बताया कि इस दिशा में कार्यवाही की जा रही है। वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों से इस सम्बंध में जल्द निर्देश प्राप्त करेंगे। वहीं राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता बुलबुल गोडियाल ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि इस बाबत जल्द ही एक प्रस्ताव भारत सरकार को भेज दिया जाएगा। न्यायालय के समक्ष यह भी तथ्य सामने आया कि जिला मॉनीटरिंग कमेटी द्वारा बच्चों के आश्रय गृहों का निरीक्षण 10 अक्टूबर 2014 से किया ही नहीं गया है। न्यायालय ने राज्य सरकार को इस सम्बंध में सभी अधिकारियों व कमेटियों को निर्देश जारी करने के भी आदेश दिए। वहीं न्यायालय के पूर्व के आदेश के अनुपालन में पॉवर कॉर्पोरेशन के एमडी एपी मिश्रा भी न्यायालय में पेश हुए। उन्होंने अनाथालयों से बिजली के बिल की वसूली के सम्बंध में प्रस्ताव पेश करने के लिए और समय देने की गुजारिश की। जिस पर न्यायालय ने उन्हें पुनः हाजिर होने का आदेश देते हुए मामले की अग्रिम सुनवाई के लिए 2 मार्च की तिथि निर्धारित की है। ये अधिकारी हुए पेश सरकारी व निजी अनाथालयों में रह रहे बच्चों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए न्यायालय के आदेश के अनुपालन में विभिन्न विभागों के अधिकारी पेश हुए। रेणुका कुमार प्रमुख सचिव, महिला व बाल कल्याण विभाग, महेश गुप्ता प्रमुख सचिव, विकलांग कल्याण विभाग, आरती श्रीवास्तव निदेशक, महिला कल्याण विभाग, एके वर्मा प्रभारी निदेशक, विकलांग कल्याण विभाग, जीएस प्रियदर्शी जिलाधिकारी, लखनऊ, मंजिल सैनी एसएसपी, लखनऊ, सर्वेश कुमार पांडेय जिला परिवीक्षा अधिकारी, डीबी गुप्ता मुख्य परिवीक्षा अधिकारी, जीएस बाजपेई मुख्य चिकित्सा अधिकारी और राजेश कुमार अवर सचिव, महिला व बाल कल्याण विभाग, भारत सरकार इत्यादि अधिकारी सुनवाई के दौरान मौजूद रहे।

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