सआदतगंज बाजार बंद करके व्यापारियों ने दिया धरना
- जिला प्रशासन और पुलिस के खिलाफ व्यापारियों ने की नारेबाजी - एसएसपी ने तीन-चार दिन में खुलासा करने का आश्वासन दिया - मृतक के परिजनों को पचास लाख रुपये मुआवजे की मांग- डीएम ने आचार संहिता का हवाला...
- जिला प्रशासन और पुलिस के खिलाफ व्यापारियों ने की नारेबाजी
- एसएसपी ने तीन-चार दिन में खुलासा करने का आश्वासन दिया
- मृतक के परिजनों को पचास लाख रुपये मुआवजे की मांग
- डीएम ने आचार संहिता का हवाला देकर नहीं दिया आश्वासन
लखनऊ कार्यालय संवाददाता
व्यापारी श्रवण साहू की हत्या से नाराज व्यापारियों ने शुक्रवार को सआदतगंज बाजार बंद करके सड़क से लेकर कोतवाली तक धरना दिया। उग्र व्यापारियों ने पुलिस व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसकी सूचना पर जिलाधिकारी और एसएसपी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। व्यापारियों ने उन्हें मांग पत्र सौंपा। एसएसपी ने वारदात के खुलासे के लिए तीन से चार दिन का समय मांगा और शेष पांच मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया। तब जाकर लोग शांत हुए और कोतवाली से हटे। पर, लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। शाम को व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने बड़ा चौराहे पर जाम-प्रदर्शन किया। पुलिस की मान-मनौव्वल के बाद लोगों ने धरना खत्म किया।
प्रदर्शनकारियों और पुलिस में हुई नोकझोंक
बुजुर्ग व्यापारी श्रवण साहू की हत्या ने व्यापारियों को झकझोर कर रख दिया है। शुक्रवार को व्यापारियों ने लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष हरीशचन्द्र अग्रवाल और वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्र के नेतृत्व में सआदतगंज बाजार बंद करके बड़े चौराहे पर धरना दिया। धरने में व्यापारियों ने लापरवाही और अपराधियों से मिलीभगत को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरने और नारेबाजी की सूचना पाकर मौके पर जिलाधिकारी गौरीशंकर प्रियदर्शी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी भी पहुंची। अधिकारी व्यापारियों को धरना समाप्त करने के लिए समझाते रहे लेकिन व्यापारी कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं थे। इसको लेकर कुछ व्यापारियों और पुलिस कर्मियों में नोकझोंक भी हुई।
व्यापारियों की सुरक्षा की मांग
व्यापारी नेता देवेन्द्र गुप्ता व पवन मनोचा ने कहा कि व्यापारियों की हत्या और लूट जैसी घटनाओं का कभी खुलासा नहीं हो पाता है। सुहैल हैदर अल्वी ने कहा कि चुनाव आते ही व्यापारियों को लूट के लिए निशाना बनाया जाता है। ट्रांस गोमती प्रभारी अमिताभ श्रीवास्तव ने कहा कि व्यापारियों के साथ लूट और हत्या जैसी घटना होने के बावजूद प्रशासन उनके असलहे जमा कराने में जुटा हुआ है। उन्होंने व्यापारियों की सुरक्षा की मांग की। धरने में राजेन्द्र अग्रवाल, प्रमिल गुप्ता, विनय जैन, अरविन्द पाठक और जितेन्द्र सिंह चौहान आदि शामिल हुए।
व्यापारी भी बोले.. सीबीआई जांच से ही मिलेगा इंसाफ
धरने और नारेबाजी पर अड़े व्यापारियों को शांत करने के लिए डीएम-एसएसपी ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। इसके बाद व्यापारियों ने छह सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मृतक श्रवण के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद, पुलिस गश्त, पिकेट की व्यवस्था और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती, जमीन व सट्टे के कारोबार में लिप्त पुलिस कर्मियों को कार्यमुक्त करना, व्यापारियों के शस्र लाइसेंस जमा न कराना और हर थाने में व्यापारियों के साथ मासिक बैठक करने जैसी मांग रखी। एसएसपी मंजिल सैनी ने तीन-चार दिन में मामले का खुलासा करके हत्यारों को गिरफ्तार करने के आश्वासन के साथ ही पांच मांगें मान लीं। जिलाधिकारी ने पचास लाख रुपए की आर्थिक मदद पर कहा कि अभी चुनाव आचार संहिता लगी हुई है लेकिन प्रयास किया जाएगा कि जल्द ही आर्थिक मदद परिजनों को दिलाई जा सके।
जाम में फंसे लोग
शाम 4 बजे व्यापारियों ने बड़ा चौराहे पर धरना-प्रदर्शन किया। इससे दोनों तरफ की सड़क जाम हो गई और दूर तक वाहनों की कतार लग गई। एसओ समरबहादुर यादव ने व्यापारियों से बातचीत करके उन्हें मनाया जिसके बाद लोगों ने धरना खत्म किया। करीब दो घंटे तक ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त रही।