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एसपी हरदोई ने लापरवाही की तो मातहत भी दोषी मिले

एसपी की सरकारी गाड़ी चोरी का मामला लखनऊ। प्रमुख संवाददाताएसपी हरदोई राजीव मल्होत्रा की सरकारी गाड़ी लखनऊ में थी और इस बारे में वहां कोई जानकारी नहीं थी। फिर उनकी गाड़ी के ड्राइवर ने भी लापरवाही बरती...

एसपी हरदोई ने लापरवाही की तो मातहत भी दोषी मिले
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 01 Dec 2016 09:44 PM
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एसपी की सरकारी गाड़ी चोरी का मामला

लखनऊ। प्रमुख संवाददाता

एसपी हरदोई राजीव मल्होत्रा की सरकारी गाड़ी लखनऊ में थी और इस बारे में वहां कोई जानकारी नहीं थी। फिर उनकी गाड़ी के ड्राइवर ने भी लापरवाही बरती और उसे अपार्टमेंट के बाहर ही खड़ी कर दिया। जबकि इसमें वायरलेस सेट लगा हुआ था। ऐसे में दोनों की गलती रही। एसपी लापरवाह रहे और मातहत की कार्य प्रणाली में काफी खामियां मिली। कुछ ऐसा ही जिक्र डीआईजी की जांच रिपोर्ट में है। यह रिपोर्ट गुरुवार को आईजी ए.सतीश गणेश को सौंप दी गई है।

चार नवम्बर को एसपी हरदाई की सरकारी टाटा सूमो उनके हजरतगंज के शालीमार इम्पीरियल स्थित आवास के बाहर से चोरी हो गई थी। इस गाड़ी के चोरी होने के बाद महकमे में हड़कम्प इस बात पर मचा कि आखिर सरकारी गाड़ी वहां से लखनऊ क्यों आई थी? इस पर हरदोई के पुलिस अधिकारी गोलमोल जवाब दे रहे थे। इस मामले के तूल पकड़ने पर डीजीपी ने आईजी को सख्त कार्रवाई के लिए कहा था। इसके बाद पूरे प्रकरण की जांच डीआईजी प्रवीण त्रिपाठी को सौंप दी गई थी।

देर से जांच पूरी हुई

दो दिन पहले क्राइम ब्रांच ने मड़ियांव के राम किशोर को गिरफ्तार इस सरकारी गाड़ी को टुकड़ों में बरामद किया था। इसके बाद ही फिर सवाल उठा था कि आखिर अभी तक डीआईजी ने जांच रिपोर्ट क्यों नहीं तैयार की? इसके बाद ही गुरुवार को डीआईजी ने अपनी जांच रिपोर्ट आईजी को सौंप दी। डीआईजी ने रिपोर्ट के तथ्य के बारे में कुछ नहीं बताया पर सूत्रों का कहना है कि उन्होंने रिपोर्ट में लिखा है कि एसपी हरदोई के साथ गाड़ी ड्राइवर व आरआई की कार्यप्रणाली में कमियां पाई गई हैं।

रिपोर्ट देखने के बाद निर्णय होगा-आईजी

आईजी ए.सतीश गणेश ने बताया कि रिपोर्ट उन्हें गुरुवार शाम को मिली है। मेट्रो कार्यक्रम में व्यस्त होने की वजह से इस रिपोर्ट को अभी देखा नहीं जा सका है। रिपोर्ट में जो भी बिन्दु सामने आएंगे, उसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी। हालांकि एसपी स्तर के अधिकारी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने का अधिकार नियुक्ति विभाग को है।

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