नाशपाती में हमारे शरीर के लिए जरूरी सभी प्राकृतिक विटामिन्स, खनिज, एंजाइम और पानी में घुलनशील फाइबर समृद्घ मात्र में पाए जाते हैं जो इसे हमारी सेहत का खजाना बना देते हैं। अपने एंटीऑक्सीडेंट गुण के कारण नाशपाती हमारे शरीर को अनेक रोगों से भी बचाती है।
बारिश की उमस भरी गर्मी के मौसम में बाजार में छाई घंटी के आकार की नाशपाती अपने शानदार स्वाद और अनूठे पोषक गुणों के कारण सबका पसंदीदा फल है। इसका बॉटिनिकल नाम ‘जीनस सेबी‘ है। वास्तव में नाशपाती पीयर या बब्बूगोशा फल सेब परिवार से जुड़ा हुआ है। इसकी कुछ किस्में तो गोल सेब के आकार की होती हैं। बाहर से हरे, लाल, नारंगी या पीले रंग की दिखने वाली नाशपाती सेब की तरह अंदर से सफेद रंग की मीठी, कुरकुरी, नरम और रसदार होती है। नाशपाती में सेब की तरह औषधीय गुण भी पाए जाते हैं, जिनकी वजह से कई लोगों ने तो इसे ‘देवताओं का उपहार’ फल का दर्जा दिया है।
प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार लाता है
नाशपाती में एंटीऑक्सीडेंट गुण, विटामिन सी और तांबा पर्याप्त मात्रा में मिलता है जो आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। विटामिन सी सामान्य चयापचय और ऊतकों के मरम्मत में मदद करता है। घाव के उपचार में काम आता है और संक्रामक रोगों के खिलाफ रक्षा में मदद करता है।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है
नाशपाती में मौजूद पैक्टिन नामक घुलनशील फाइबर रक्त कोलेस्ट्रॉल और सेलूलोज के स्तर को नियंत्रित करता है। कम कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग और मधुमेह को रोकने में मदद करता है। इसमें मौजूद पोटेशियम मांसपेशियों के संकुचन, तंत्रिका संचरण, काबरेहाइड्रेट और प्रोटीन के चयापचय पाचन में मदद करता है।
रक्तचाप को नियंत्रित करता है
नाशपाती में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और ग्लूटाथिओन तत्व उच्च रक्तचाप और हार्ट स्ट्रोक को रोकने में मदद करते हैं।
कैंसर की रोकथाम
नाशपाती में हाइड्रोऑक्सीनॉमिक एसिड होता है जो पेट के कैंसर को रोकने में मदद करता है। इसका फाइबर पेट के कैंसर को बढ़ने से रोकता है और बड़ी आंत को स्वस्थ बनाए रखता है। नाशपाती के नियमित सेवन से मोनोपॉज के बाद महिलाओं में होने वाले कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है। इसमें मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट गुण कैंसर के नुकसान से कोशिकाओं की रक्षा करती है।
मधुमेह नियंत्रण
प्रचुर मात्रा में फाइबर से युक्त नाशपाती मधुमेह रोगियों के लिए स्मार्ट नाश्ते के समान है। इससे मीठा खाने की तलब में आराम मिलता है। इसकी शर्करा को खून धीरे-धीरे अवशोषित कर लेता है, लेकिन फाइबर इसके स्तर को नियंत्रित रखता है।
बरतें सावधानियां
नाशपाती को अच्छी तरह धो कर छिलके समेत चबा-चबा कर खाना चाहिए। विटामिन और खनिज ज्यादातर नाशपाती के छिलके में होते हैं इसलिए इसे बिना छीले खाना ज्यादा फायदेमंद है। जल्दबाजी में बिना चबाए इसके टुकड़े को निगलने पर पाचन तंत्र पर दवाब पड़ता है, जिससे कई बार पेट दर्द की शिकायत हो जाती है। देर से काट कर रखी नाशपाती नहीं खानी चाहिए। इससे नाशपाती में मौजूद लौह ऑक्साइड से लोहा फैरिक ऑक्साइट के रूप में बदल जाता है। हवा के संपर्क में आने से यह ब्राउन रंग में बदल जाता है जिसे खाना नुकसानदेह होता है।