थायरॉयड कम या ज्यादा है तो ये खबर है आपके लिए बेहद ज़रूरी
जिन महिलाओं और पुरुषों का थायरॉयड कम या ज्यादा होता रहता है उनके लिए ये एक बेहद ज़रूरी खबर है। एचसीएफआई के अध्यक्ष डॉक्टर के के अग्रवाल ने अपनी एक नई रिपोर्ट में दावा किया है कि ये स्थिति दिल की सेहत...
जिन महिलाओं और पुरुषों का थायरॉयड कम या ज्यादा होता रहता है उनके लिए ये एक बेहद ज़रूरी खबर है। एचसीएफआई के अध्यक्ष डॉक्टर के के अग्रवाल ने अपनी एक नई रिपोर्ट में दावा किया है कि ये स्थिति दिल की सेहत बिगाड़ सकती है। अग्रवाल कहते हैं कि ‘सबक्लिनिकल थॉयरायड डिस्फंक्शन’ दिल के रोगों को और करीब लाने का काम करता है।
अग्रवाल ने पत्रिका ‘एन्लज ऑफ इंटरनल मेडिसन’ में प्रकाशित स्विट्जरलैंड की लुसेन युनिवर्सिटी के डॉ. निकोलस रोडोंडी की एक अध्ययन रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि कम सक्रिय थायरॉयड या जिसे सबक्लिनिकल हायपोथायरोडिजम भी कहा जाता है, के रोगियों में कॉर्नरी हार्ट डिसीज की आशंका रहती है और इसकी वजह से मौत होने की आशंका क्रमश: 20 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 12 प्रतिशत बढ़ जाती है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि डॉ. निकोलस रोडोंडी की टिपोर्ट मेडलाइन (195० से 2००8) के दौरान किए गए 12 अध्ययनों की पड़ताल पर आधारित है। इनमें से 10 अध्ययनों में 14,449 लोगों को शामिल किया गया था। उन्होंने बताया कि जिन लोगों में थायरॉयड बिना लक्षणों के अधिक सक्रिय था, उन्हें भी दिल के रोगों का 21 प्रतिशत, दिल के रोगों से मौत का 19 प्रतिशत और अन्य कारणों से मौत का 12 प्रतिशत अधिक खतरा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, थॉयरायड की जांच के लिए टीएसएच ब्लड टेस्ट करवाना होता है। सामान्य स्तर 0.3 से 3 यूनिट तक होता है। बिना लक्षणों के 3 से 1० के बीच का आंकड़ा हो तो उसे हायपोएक्टिव थायरॉयड और 0.3 से कम हो तो उसे सबक्लिनिकल अति सक्रिय थायरॉयड कहा जाता है।