दालों की कमी दूर करेगा सीएसए
भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के बाद अब चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने दालों की कमी को दूर करने की कमान संभाल ली है। सीएसए विश्वविद्यालय के दहलन अनुभाग में सीड हब खोल दिया गया...
भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के बाद अब चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने दालों की कमी को दूर करने की कमान संभाल ली है। सीएसए विश्वविद्यालय के दहलन अनुभाग में सीड हब खोल दिया गया है। इसमें एक हजार कुंतल उन्नत बीज की पैदावार एक वर्ष में सीएसए किसानों की मदद से करेगा। इसकी शुरुआत खरीफ की फसल से हो चुकी है। 22 हेक्टेयर में मूंग, अरहर और उरद की फसल तैयार हो गई है।
दो वर्ष में मौसम की मार के चलते देश में दालों की कमी हो गई थी। इसे देखते हुए दालों की पैदावार बढ़ाने के प्रयास चल रहे हैं। इसकी कमान भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान को सौंपी गई थी। इसमें अब चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय का दलहन अनुसंधान विभाग भी दालों की पैदावार बढ़ाने में जोर-शोर से आगे आया है। खरीफ की फसल में बेहतर पैदावार करने के बाद अब सीएसए रबी में मटर, चना और मसूर की फसल तैयार करने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए 60 से 70 हेक्टेयर में पैदावार की जाएगी। खरीफ से रबी में रकबा ज्यादा लिया गया है। जिससे ज्यादा से ज्यादा उन्नत बीज को तैयार किया जा सके। सीड हब बनाने के लिए सीएसए को डेढ़ करोड़ में से 50 लाख रुपए भी मिल चुके हैं। उन्नत बीज उगाने की तैयारी ज्यादातर किसानों के खेतों और कृषि विज्ञान केंद्र में हो रही है।
सीड हब में तैयार होंगे उन्नत व रोग रहित बीज
दहलन की फसलों में सर्वाधिक कीड़े लगते हैं। इसे देखते हुए सीड हब में रोग रहित बीजों को तैयार करने की तैयारी चल रही है। इसमें उन्नत बीज की पैदावार की जाएगी। इसीलिए ज्यादातर सीड हब कृषि विज्ञान केंद्र में खोले जा रहे हैं। वहां पर बेहतर बीज की प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है, जिससे किसानों को पैदावार बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिल सके। इसमें भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान पूरी मदद कर रहा है।
दलहन की स्थिति एक नजर में-
-150 सीड हब देश में खोले जाने हैं
-100 सीड हब खोले जा चुके हैं
-14.50 मिलियन हेक्टेयर में रिकार्ड खरीफ की फसल तैयार हुई
-16.40 मिलियन टन दाल की पैदावार देश में 2015-16 में हुई थी
-21 मिलियन टन दाल की पैदावार इस बार पैदा करने का लक्ष्य है
इनका कहना है
सीएसए विश्वविद्यालय में खोले गए सीड हब ने काम करना शुरू कर दिया है। इसमें किसानों के साथ मिलकर पैदावार बढ़ाने के लिए उन्नत और रोग रहित बीज तैयार करने हैं। खरीफ की फसल में 22 हेक्टेयर की पैदावार तैयार हो गई है। अब रबी की फसल की तैयारी हो गई है। इसके लिए 50 लाख रुपए मिल चुके हैं-डॉ.हरिज्ञान प्रकाश निदेशक शोध सीएसए विश्वविद्यालय