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कानपुर के नर्वल में दो पक्षों के बीच हिंसा, वृद्धा की मौत

नर्वल में सोमवार देर शाम दो पक्षों के बीच वर्चस्व को लेकर पथराव लाठी और कुल्हाड़ियां चल गई। इसमें एक वृद्धा बुरी तरह से घायल हो गई। डाक्टरों और पुलिस की लापरवाही के कारण वृद्धा की सोमवार को जान चली...

कानपुर के नर्वल में दो पक्षों के बीच हिंसा, वृद्धा की मौत
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 01 Nov 2016 02:50 PM
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नर्वल में सोमवार देर शाम दो पक्षों के बीच वर्चस्व को लेकर पथराव लाठी और कुल्हाड़ियां चल गई। इसमें एक वृद्धा बुरी तरह से घायल हो गई। डाक्टरों और पुलिस की लापरवाही के कारण वृद्धा की सोमवार को जान चली गई। पुलिस ने उसे पोस्टमार्टम हाउस भिजवाया। दोनों पक्षों से तहरीर लेकर बीस लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। दोनों तरफ से पुलिस ने चार लोगों को जेल भेजा है।

कैसे हुई झगड़े की शुरूआत

भगवाखेड़ा गांव में नट राज कुमार और नट संतोष अपने परिवारों के साथ रहते हैं। दोनों हीं अड्डी लगाकर भैंसों को वाहनों में चढ़ाने का काम करते हैं। दोनों के बीच काफी पुराना विवाद है। 30 अक्तूबर की देर शाम अड्डी पर मवेशी को चढ़ाने को लेकर हल्का फुल्का झगड़ा लड़ाई में बदल गया। दोनों तरफ से समर्थन में लोग उतर आए। पथराव के साथ ही लाठी डंडे और कुल्हाड़ियां चल गई। इसमें संतोष की मां यशोदा देवी समेत राज कुमार, काली चरण, आकाश और नब्बी गम्भीर रूप से घायल हो गए। सभी को सीएचसी ले जाया गया। इधर राज कुमार वाले पक्ष ने यशोदा देवी के घर पर हमला बोल दिया। उनके परिवारीजनों को आरोप है कि राजकुमार और उसके साथियों ने घर में आग लगा दी। जिससे सारा सामान जलकर खाक हो गया।

कहां हुई लापरवाही

यशोदा देवी समेत अन्य घायलों की हालत देख उन्हें हैलट अस्पताल रेफर किया गया। यशोदा को दाखिल कराने वाले होमगार्ड कालीचरण उसे हैलट न ले जाकर सीएचसी में छोड़कर चला गया। सोमवार को यशोदा देवी को पुलिस ने उसके घर पहुंचा दिया। जहां उनकी हालत बिगड़ी और मौत हो गई। हंगामे पर पुलिस फिर से उसे सीएचसी लेकर पहुंची। मगर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित करते हुए जानकारी दी कि पहले ही उसे हैलट रेफर किया जा चुका है। तब तक यशोदा के परिवारीजन भी वहां इकट्ठा हो गए और डाक्टरों की लापरवाही बता हंगामा शुरू कर दिया। सीएचसी के कर्मचारियों से धक्का मुक्की हुई। मौके पर मौजूद पुलिस ने आनन फानन यशोदा देवी के हैलट भिजवा दिया।

दर्ज हुई एफआईआर

सोमवार की देर शाम पुलिस ने संतोष और राजकुमार के पक्ष से तहरीर ली। राजकुमार के बेटे मुन्ना ने जितेन्द्र, संतोष, रवि, आकाश, मुकुंद, प्रकाश, राम खिलावन, कालीचरण, नरेश, चंदन और छोटू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। वहीं संतोष के बेटे आकाश ने राजकुमार, महेश, मुन्ना, दिनेश, सुनील, नब्बी, लाले और बबलू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। दोनों एफआईआर में लूटपाट, बलवा, तोड़फोड़, गम्भीर चोट पहुंचाना, आगजनी, पथराव और 7 सीएलए की धारायें लगाई गई है। पुलिस ने मामले में राज कुमार, मुन्ना, आकाश और कालीचरण को जेल भेज दिया है।

पोती की शादी का सामान जला

यशोदा की पोती भूरी का 2-3 महीने बाद विवाह था। भूरी के पिता संतोष ने कहा कि शादी के जेवरात और नकदी भी घर में मौजूद थी। जो कि आग में जलकर राख हो गई।

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