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कानपुर में बोलीं उमा, अगले साल से दिखेगा गंगा का निर्मल स्वरूप: उमा

केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने दावा किया कि अगले साल यानी वर्ष 2018 में गंगा का निर्मल स्वरूप दिखाई देने लगेगा। उन्होंने कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगवाने के लिए 13000 करोड़ रुपए का बजट जारी करवा...

कानपुर में बोलीं उमा, अगले साल से दिखेगा गंगा का निर्मल स्वरूप: उमा
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली Sun, 14 May 2017 10:32 PM
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केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने दावा किया कि अगले साल यानी वर्ष 2018 में गंगा का निर्मल स्वरूप दिखाई देने लगेगा। उन्होंने कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगवाने के लिए 13000 करोड़ रुपए का बजट जारी करवा दिया है। कानपुर में एसटीपी लगाने का पैसा भी आ गया है। गंगा को अविरल और निर्मल बनाने की शुरुआत हो चुकी है और इसका बिगुल भी कानपुर में बजा चुकी हूं। केवल जनसहयोग इसी तरह मिलता रहा तो गंगा की कल-कल करती धारा सिद्धनाथ, बिठूर, परमट में फिर बहेगी। वह रविवार को सरसैया घाट में आयोजित भजन संध्या कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद बातचीत कर रही थीं।

उमा ने कहा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल हो या फिर राज्य सरकार। अब गंगा को निर्मल बनाने की योजनाएं कहीं से भी प्रभावित नहीं होंगी। देश की सीमाओं पर निरंतर होने वाले आतंकी हमलों के बाबत पूछे गए सवाल पर बताया कि आतंकवाद का आखिरी पड़ाव चल रहा है। इस पर जल्द ही अंकुश लगेगा। बोलीं, जल्द ही भारत माता की सारी सीमाएं आतंकियों से मुक्त होंगी। देश की एकता और अखंडता के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसके लिए पहली बार किसी केंद्रीय सरकार ने पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों के तहत सबसे अधिक रक्षा बजट का प्रावधान किया। साथ ही आतंकवाद की समस्याओं से जूझ रहे अन्य देशों का दौरा करके पीएम नरेंद्र मोदी ने इससे लड़ने के लिए सभी से सहयोग भी मांग चुके हैं। इसका असर भी दिखने लगा है।

सांप्रदायिक की परिभाषा पर मंथन की जरूरत बताने वाले से पूछो : उनसे जब पूछा गया कि यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी ने कहा है कि उन पर और पार्टी पर हर विपक्षी सांप्रदायिक होने का आरोप लगाते हैं। जबकि संघ के लोग कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक राष्ट्र एकता के लिए दिन-रात काम करते हैं। इस कारण सांप्रदायिक की परिभाषा को स्पष्ट करने के लिए मंथन या खुली बहस होनी चाहिए। इसके लिए मैं तैयार हूं। इस पर उमा भारती ने कहा कि जिसने यह कहा है, उसी से सवाल पूछो। हम तो गंगा प्रहरी है और रहेंगे। इस कारण मां गंगा को निर्मल, अविरल बनाने की योजनाओं को पूछो।

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