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झरिया में सड़क चौड़ीकरण के दौरान धंसी जमीन, निकलने लगी गैस

झरिया-सिंदरी मुख्य सड़क चौड़ीकरण के दौरान जमीन धंस गई।  इससे ढाई फीट व्यास का गोफ बन गया, जिससे लगातार गैस निकल रही है। गैस रिसाव से लोगों में दहशत है। यहां की लगभग पांच हजार आबादी पर खतरा बढ़...

झरिया में सड़क चौड़ीकरण के दौरान धंसी जमीन, निकलने लगी गैस
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 28 Jul 2016 09:12 PM
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झरिया-सिंदरी मुख्य सड़क चौड़ीकरण के दौरान जमीन धंस गई।  इससे ढाई फीट व्यास का गोफ बन गया, जिससे लगातार गैस निकल रही है। गैस रिसाव से लोगों में दहशत है। यहां की लगभग पांच हजार आबादी पर खतरा बढ़ गया है।

जमीन धंसते ही मचा हड़कंप
सिंदरी से धनबाद तक सड़क चौड़ीकरण का काम बुधवार को चल रहा था। पोकलेन से मिट्टी हटाई जा रही थी। तभी यहां जमीन धंस गई। संयोग अच्छा रहा कि मशीन नहीं धंसी। जमीन धंसते ही यहां से लगातार गैस निकल रही है। इससे क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। अभी बचाव कार्य शुरू नहीं हुआ है। चौड़ीकरण का कार्य रूका हुआ है। बचाव कार्य शुरू नहीं होने से भी लोगों में आक्रोश है।

बीसीसीएल और पीडब्ल्यूडी को दी गई जानकारी
घटनास्थल बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) के के लोदना क्षेत्र और पीबी एरिया का सीमावर्ती क्षेत्र है। झरिया विधायक विधायक संजीव सिंह के समर्थक बाबू जेना ने इसकी सूचना गुरुवार की सुबह लोदना क्षेत्र के एजीएम बीएन सिंह और पीडब्लूडी के कार्यपालक अभियंता को फोन पर दी। दोनों अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लेने और बचाव कार्य करवाने की बात कही है लेकिन अभी तक बचाव कार्य शुरू नहीं हुआ है।

कई दुकानों और प्रतिष्ठानों पर खतरा
घटना सुराटांड़ और बनियाहीर हनुमानगढ़ी के बीच सड़क के चौड़ीकरण के दायरे में हुई है। इसके समीप बनियाहीर चार नंबर में घनी आबादी है। पार्षद आयशा खातून का आवास भी इसी बस्ती में है। करीब पांच हजार से अधिक की आबादी है। आसपास कई दुकानें और गैराज हैं। करीब 100 गज की दूरी पर पेट्रोल पंप और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा है। 50 गज की दूरी पर हनुमानगढ़ी है। यहां भी बड़ी आबादी है। इन्हें गैस रिसाव से खतरा है। लगातार गैस निकलने से लोगों को घुटन हो रही है।

पहले भी हो चुकी है घटना
सुराटांड़ के समीप पहले भी कई बार गोफ और गैस रिसाव की घटना हो चुकी है। वर्ष 2008 से लेकर 2014 तक दर्जनों बार गोफ बन चुका है। सड़क बनने के बाद गोफ बनने की घटना रुकी थी। तब लोगों ने राहत की सांस ली थी। जब भी गोफ बनता था, प्रबंधन द्वारा भराई कर दी जाती थी। यह इलाका अग्नि प्रभावित क्षेत्र में है, जिसका बोर्ड भी प्रबंधन ने पूर्व में लगाया था। खदान के 9, 10 सीम में आग लगने की बात कही जा रही है। 1960 के दशक में सुराटांड़ के समीप भूमिगत आग दिखाई पड़ी थी।

कई महत्वपूर्ण सड़क भी दायरे में
यह सड़क झरिया से भागा स्टेशन, पाथरडीह, भौंरा, जोड़ापोखर, चासनाला, सिंदरी, चंदनक्यारी, बोकारो आदि को जोड़ती है। इस सड़क से सैकड़ों यात्री वाहन के अलावा बीसीसीएल के  हाईवा व टाटा, सेल, एसीसी, एफसीआई के वाहन भी गुजरते हैं।

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