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पूर्व सिविल सर्जन के पुत्र ने की आत्महत्या

पूर्व सिविल सर्जन डॉ. बालेश्वर चौधरी के 33 वर्षीय पुत्र जयकिशन चौधरी ने आत्महत्या कर ली। हाउसिंग कॉलोनी एचआइजी 11 निवासी डॉ. बालेश्वर घटना के समय घर में नहीं थे। घटना शनिवार की सुबह साढे़ नौ बजे की...


पूर्व सिविल सर्जन के पुत्र ने की आत्महत्या
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 05 Mar 2016 10:18 PM
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पूर्व सिविल सर्जन डॉ. बालेश्वर चौधरी के 33 वर्षीय पुत्र जयकिशन चौधरी ने आत्महत्या कर ली। हाउसिंग कॉलोनी एचआइजी 11 निवासी डॉ. बालेश्वर घटना के समय घर में नहीं थे। घटना शनिवार की सुबह साढे़ नौ बजे की है। घर पर जयकिशन चौधरी और उसका छोटा भाई प्रणव चौधरी ही मौजूद था। प्रणव विकालांग है और घर के निचले हिस्से में रहता है जबकी जयकिशन पहली मंजिल पर। उसने घर का दरवाजा बंद कर बिस्तर में आग लगा दिया।

थोड़ी ही देर में आग ने पूरे कमरे को अपनी आगोश में ले लिया। पहली मंजिल से धुआं निकलते देख पड़ोसियों ने शोर मचाया। लोग बचाव के लिए दौड़े लेकिन कमरा आग और धुएं से भरा था और दरवाजा अंदर से बंद था। घर के अगले हिस्से में क्लिनिक में धुआं घुसने से अफरातफरी मच गई। बाद में दमकल विभाग को इसकी सूचना दी गई। मौके पर पहुंची दमकल की टीम दरवाजा तोड़ कर अंदर घुसी और बाथरूम में बेहोश पडे़ जयकिशन को बाहर निकाला। बाथरूम का नल खुला हुआ था। आनन-फानन में उसे पीएमसीएच ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद दमकल विभाग ने आग पर काबू पाया।

पिता गए थे आसनसोन और पत्नी दुग्दा
जयकिशन की पत्नी पूनम कुमारी अपने नौ साल के बच्चे कृष के साथ मायके दुग्दा गई थी। पिता डॉ. बालेश्वर चौधरी आसनसोल अपने काम से गए थे। घर पर सिर्फ उनका छोटा भाई प्रणव था। प्रणव ने बताया कि जयकिशन की दिमागी हालत ठीक नहीं थी। रांची में इलाज चल रहा था। हाल में ही उसे एक बाबा के पास भी दिखाने ले गए थे। बताया कि सुबह वह कार लेकर निकला। साढे़ नौ बजे वापस तेज गति से आया और गाड़ी को घर के बाहर बीच सड़क पर खड़ी कर दौड़ता हुआ ऊपर चढ़ गया। फिर दरवाजा बंद कर उसने आग लगा ली। दो दिन पूर्व ही उसने आग लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया था।

क्लिनिक में मची अफरातफरी
डॉ. बालेश्वर चौधरी ने घर के अगले हिस्से को एक निजी क्लिनिक को भाडे़ पर दे रखा था। धुआं ऊपर मंजिल से जब नीचे की ओर आया, तो क्लिनिक में अफरातफरी मच गई। क्लिनिक के केयरटेकर नीलकंठ ने बताया कि घटना के समय दो मरीजों को आननफानन में बाहर ले जाना पड़ा। स्टाफ भी बाहर आ गए।

दम घुटने से हुई मौत
दोपहर को जयकिशन के परिजन पीएमसीएच पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम हुआ।  पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार जयकिशन की स्वांस नली में बहुत ज्यादा धुआं भर गया था। स्वांस नली में कार्बन जमा हो गया था। दम घुटने से उसकी मौत हो गई।

नौकरी जाने के कारण की आत्महत्या : कर्मचारी संघ
एनआरएचएम अनुबंध कर्मचारी संघ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि नौकरी जाने के गम में जयकिशन ने आत्महत्या की है। वर्ष 2008 में गोविंदपुर स्थित मलेरिया विभाग में अनुबंध पर एमपीडब्ल्यू के पद पर कार्यरत था। लेकिन योजना बंद होने के बाद उसके साथ 1892 लोगों को हटा दिया गया। फिलहाल पुनर्बहाली के लिए राज्य सराकार के साथ केस चल रहा है।
 

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