राज्यपाल ने संताली भाषा में गीत गाया
झारखंड की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने सावंता सुसार बैसी के बाहा पर्व पर आयोजित धर्मसभा में संताली भाषा में गीत गाकर आदिवासी समाज को भावविभोर कर दिया। भाषण के छह मिनट बाद उन्होंने मंच से गीत गाना शुरू...
झारखंड की राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने सावंता सुसार बैसी के बाहा पर्व पर आयोजित धर्मसभा में संताली भाषा में गीत गाकर आदिवासी समाज को भावविभोर कर दिया। भाषण के छह मिनट बाद उन्होंने मंच से गीत गाना शुरू किया जो पूरे लय के साथ करीब तीन मिनट तक गाया। जबतक वे गीत गाती रहीं, तबतक धर्मसभा में शांति छाई रही। गीत के बाद उन्होंने फिर से अपना भाषण संताली में शुरू किया।
इस संबंध में ओल चिकी लिपि के जानकार महादेव टुडू ने बताया कि राज्यपाल के गीत में बाहा पर्व का वर्णन और बखान है। उन्होंने इस पर्व की खासियत को अपने गीत के माध्यम से लोगों को बताने का काम किया। यह पर्व प्रकृति से कैसे जुड़ा हुआ है और आदिवासी समाज के लोगों के लिए यह कैसे खास है के बारे में इसमें बताया गया है।
राज्यपाल के गीत का हिन्दी भावार्थ देवघर कालेज की प्राचार्य और साहित्यकार डा. प्रमोदिनी हांसदा ने इस प्रकार किया है-
आप ही सच्ची सृष्टिकर्ता, दुख से उबारने वाली
आप ही इस जीवन यात्रा को पार कराने वाली
सबको उबारने वाली
हे मां सृष्टिकर्ता मुझे रास्ता दिखाइये
ज्ञान रस से मुझे तृप्त कीजिए
इस जीवन को आप ही स्वच्छ निर्मल बनाइए
हे मां आप ही जाहेर एरा
आप ही मां सरस्वती,आप ही मां भगवती
जीवन पथ पर आगे बढ़ाने वाली
गुझे निश्छल, निष्कपट बनाइये
जीवन की तृष्णा बुझाइये
इस जीवन को आप ही स्वच्छ, निर्मल बनाइये।