बड़ी नौकरी ठुकरा कामना ने बनाया एजुकेशनल एप
कुछ अलग करने के लिए साहसी होना जरूरी है। ऐसा ही कुछ करने की ठानी है, वीमेंस कॉलेज से एमसीएम की पढ़ाई कर रही कामना ने। गोलमुरी के पुलिस लाइन की रहने वाली कामना ने एक बेहतर आईटी कंपनी की मोटे पैकेज की...
कुछ अलग करने के लिए साहसी होना जरूरी है। ऐसा ही कुछ करने की ठानी है, वीमेंस कॉलेज से एमसीएम की पढ़ाई कर रही कामना ने। गोलमुरी के पुलिस लाइन की रहने वाली कामना ने एक बेहतर आईटी कंपनी की मोटे पैकेज की नौकरी छोड़कर उद्यमिता की राह चुनी है।
कामना कुमारी वेब और एप डेवलपर है। कामना ने शिक्षा क्षेत्र के लिए 'दृष्टि' नाम का एक एजुकेशनल एप का निर्माण किया है। इस एप को मोबाइल में डाउनलोड करने के बाद इसकी मदद से कई तरह की सुविधाएं अभिभावक और विद्यार्थियों को मिलेगी। कामना का कहना है कि वे इस एप के अधिकाधिक इस्तेमाल हो इसके लिए स्कूल और कॉलेजों से संपर्क किया जा रहा है।
स्किल इंडिया से प्रभावित : कामना बताती है कि प्रधानमंत्री मोदी के स्किल इंडिया अभियान से बेहद प्रभावित हैं। वह अब नौकरी करने के बजाएं खुद का उद्यम स्थापित कर दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा करना चाहती है। दो साल पहले शहर के स्कूल के पास विद्यार्थियों के अपहरण और गायब होने की घटना से उसे इस तरह के एप बनाने का आइडिया आया।
एप से मदद ये सुविधा
- विद्यार्थियों की ट्रैकिंग
- अभिभावकों को विद्यार्थियों के स्कूल में उपस्थिति का मिल जाएगा मैसेज
- ई लाईब्रेरी की होगी सुविधा
- ई बुक की सुविधा
- स्कूल और अभिभावकों के बीच संवाद में कमी को कम करेगा
- बयान -
मैं नौकरी के बजाएं उद्यमिता के क्षेत्र में जाना चाहती हूं। इसके लिए कोशिश जारी है। दृष्टि एप से स्कूल, विद्यार्थी और अभिभावक तीनों को फायदा होगा।
-कामना, युवा उद्यमी