इनसे सीखें : आपराधिक प्रवृत्ति से बचपन को बचा रहीं प्रभा जायसवाल
जमशेदपुर की प्रभा जायसवाल झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को आपराधिक दुनिया से अलग कर उनका जीवन संवारने में लगी हैं। यह काम वह कई सालों से कर रही हैं। बच्चों को दे रहीं संस्कार : आदर्श सेवा...
जमशेदपुर की प्रभा जायसवाल झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को आपराधिक दुनिया से अलग कर उनका जीवन संवारने में लगी हैं। यह काम वह कई सालों से कर रही हैं।
बच्चों को दे रहीं संस्कार : आदर्श सेवा संस्थान की सचिव प्रभा अपनी संस्था के नाम को चरितार्थ करते हुए जमशेदपुर ही नहीं, इसके आस-पास के इलाकों में भी आदर्श सेवा की मिसाल पिछले तीन दशकों से पेश कर रही हैं। बच्चों के बीच रहना, उनके जीवन को संवारना, उनकी पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था करना और अपराध की दुनिया में भटके बच्चों को जीवन की मुख्यधारा से जोड़ना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। वह स्लम क्षेत्रों में काम करने वाले 50 से ज्यादा बच्चों को संस्कारित कर चुकी हैं। उनका मानना है कि बच्चे अपराधी नहीं होते, उन्हें बनाया जाता है। उनके कोमल मन को वयस्क अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं।
अभिभावकों को करती हैं प्रेरित : बच्चों को घरेलू माहौल देने के बाद ऐसे दंपतियों को जिनका अपना बच्चा नहीं है, उन्हें बच्चा गोद लेने के लिए प्रेरित करती हैं। समाज में अनाथ बच्चों को गोद लेने की परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं।
चला रहीं मुहिम : पुलिस स्टेशनों में बाल पुलिस कक्ष की विशेष व्यवस्था की गई है। इसमें जिला महिला एवं बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष के तौर पर प्रभा जायसवाल उन बच्चों को जो अपराध की दुनिया में भटककर शामिल हो जाते हैं, उनका काउंसलिंग करती हैं। सही और गलत के बारे में बच्चों को बताया जाता है।