पंचामित्र से भगवान बालाजी का अभिषेक
बारीडीह में विजया गार्डेन के पास भगवान बालाजी के छह दिवसीय ब्रह्मोत्सव के अंतिम दिन सोमवार सुबह साढ़े पांच बजे सुप्रभात पूजा से धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत हुई। पंचामित्र से भगवान बालाजी का अभिषेक...
बारीडीह में विजया गार्डेन के पास भगवान बालाजी के छह दिवसीय ब्रह्मोत्सव के अंतिम दिन सोमवार सुबह साढ़े पांच बजे सुप्रभात पूजा से धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत हुई। पंचामित्र से भगवान बालाजी का अभिषेक किया गया।
मंदिर परिसर में बने कुंड में सबसे पहले बालाजी भगवान को स्नान कराया गया। इसके बाद दो सौ से भी अधिक महिलाओं और पुरुषों ने उसी कुंड में स्नान किया, ताकि जीवन में जो भी उनसे गलती हुई है, भगवान उससे मुक्ति दे दें।
भक्तों ने ग्रहण किया प्रसाद
स्नान के बाद भगवान बालाजी का दूध, जल और पंचामित्र से अभिषेक कराया गया। इसके बाद पूर्णाहूति हुई। सभी भगवान की महाआरती हुई और इसके बाद भक्तों को बैठाकर प्रसाद ग्रहण कराया गया।
द्वादश आराधना
शाम साढ़े पांच बजे बारह प्रकार के फूलों से बालाजी भगवान की (पुष्प यज्ञ) पूजा की गई। इसके बाद घर में बनी बारह प्रकार की मिठाइयां और पकवान (द्वादश अराधना) भगवान को चढ़ाए गए। इसके बाद वेद परायण हुआ।
सभी पंडितों का सम्मान
मौके पर हैदराबाद के बिड़ला मंदिर से आए प्रधान पुरोहित नरहसिंम्हा आचार्य सहित सभी आठ पंडितों को मंदिर कमेटी की ओर से शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इसके बाद महाआरती हुई और भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम मे आयोजन में बालाजी मंदिर के पुरोहित ई. श्रीनिवास शास्त्री, सच्चयवर प्रसाद शास्त्री, नरसिंहा साई कुमार शास्त्री, नागराज, अमरजीत सिंह और मंदिर कमेटी के सदस्यों व बस्तीवासियों का सहयोग रहा।