फोटो गैलरी

Hindi Newsईरान पर नहीं लगी लगाम, तो सऊदी अरब बनाएगा परमाणु बम

ईरान पर नहीं लगी लगाम, तो सऊदी अरब बनाएगा परमाणु बम

सऊदी अरब ने अपनी पुरानी नीति को बदलते हुए धमकी दी है कि अगर ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने में ढील दी गई, तो वह भी परमाणु हथियार बनाने पर विचार करेगा। ब्रिटेन में सऊदी अरब के राजदूत और सऊदी...

ईरान पर नहीं लगी लगाम, तो सऊदी अरब बनाएगा परमाणु बम
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 16 Jun 2015 04:31 PM
ऐप पर पढ़ें

सऊदी अरब ने अपनी पुरानी नीति को बदलते हुए धमकी दी है कि अगर ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने में ढील दी गई, तो वह भी परमाणु हथियार बनाने पर विचार करेगा। ब्रिटेन में सऊदी अरब के राजदूत और सऊदी शाही खानदान के वरिष्ठ सदस्य प्रिंस मोहम्मद बिन नव्वाफ अब्दुलअजीज सऊद ने कहा कि उनका देश वर्षों से परमाणु हथियार विकसित नहीं करने की नीति का पालन कर रहा है। इस नीति की आधारशिला दिवंगत किंग फहाद ने रखी थी। इसके उलट ईरान ने अपनी नीति जनसंहार के लिए परमाणु हथियार बनाने की ओर मोड़ दी। इससे पूरे क्षेत्र का परिदृश्य बदल गया है।

सऊद ने उम्मीद जताई कि ईरान की अमेरिका के नेतृत्व में छह महाशक्तियों (अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, जर्मनी, चीन) के साथ हो रही वार्ता के सकारात्मक नतीजे निकलेंगे। उन्होंने कहा, हम उम्मीद कर रहे हैं कि ओबामा ईरान से पुख्ता तौर पर परमाणु हथियारों से दूर रहने का वचन लेने में सफल होंगे। सऊदी राजदूत ने कहा, हमने हमेशा इस समस्या का हल बातचीत के जरिये और राजनीतिक तौर पर करने का समर्थन किया है। इसके बावजूद अगर ईरान परमाणु हथियार विकसित करने की राह पर चलेगा तो हमारे लिए भी परमाणु हथियार विकसित करने सहित सभी दरवाजे खुले हैं।

खतरनाक स्थिति
विशेषज्ञों का कहना है कि इस महीने के अंत तक तय समय सीमा के अंदर अगर ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने संबंधी सबूत नहीं देता, तो ऐसे में सऊदी अरब अपना परमाणु कार्यक्रम शुरू कर सकता है। इस प्रकार वह घोषित तौर पर अरब जगत का परमाणु संपन्न देश बन सकता है। उसके इस कदम का अनुकरण मिस्र और तुर्की जैसे देश भी कर सकते हैं, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ेगी।

पाकिस्तान से मदद
पश्चिमी खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम में 60 फीसदी पैसा सऊदी अरब ने लगाया है। सऊदी अरब ने यह सहयोग इस भरोसे पर किया है कि पाकिस्तान आपात स्थिति में उसको तत्काल परमाणु हथियार की आपूर्ति करेगा। 

आठ दशक रहा तटस्थ
- 1932 : मौजूदा सऊदी अरब की स्थापना के बाद से ही शाही परिवार पड़ोस के मामलों से तटस्थ रहा 
- 1980 :  ईरान-इराक युद्ध के दौरान इराकी सुन्नियों से हमदर्दी रखने के बावजूद पूरे प्रकरण से दूर रहा
- 1991 : इराकी कब्जे से कुवैत को आजाद कराने में भी सऊदी अरब ने सीमित भूमिका निभाई
- 2003 : इराक पर अमेरिकी हमले के मामले में भी अलग रहा, फलस्तीन मामले में भी सक्रिय नहीं

शाह के साथ बदला सत्ता का अंदाज
- 2015 की जनवरी में किंग सलमान के सत्ता में आने के बाद तटस्थ रहने की नीति में आया बदलाव
- 1.5 लाख जवान यमन के हौती विद्रोहियों के खिलाफ तैनात किए, हवाई हमलों की अगुआई भी की
- 37 अरब पांउड विगत दो साल में सेना के आधुनिकीकरण पर खर्च किए, क्षेत्रीय ताकत बनने की कोशिश
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें