82 घंटों बाद मलबे से जिंदा निकला युवक
भीषण भूकंप के बाद मलबे में तब्दील इमारतों में जिंदगी तलाश रहे बचावकर्मियों को बुधवार उस वक्त एक बड़ी कामयाब हाथ लगी, जब फ्रांसीसी बचाव दल ने 82 घंटों तक मौत से जूझने वाले एक साहसी युवक को बाहर निकाल...
भीषण भूकंप के बाद मलबे में तब्दील इमारतों में जिंदगी तलाश रहे बचावकर्मियों को बुधवार उस वक्त एक बड़ी कामयाब हाथ लगी, जब फ्रांसीसी बचाव दल ने 82 घंटों तक मौत से जूझने वाले एक साहसी युवक को बाहर निकाल लिया। भूख-प्यास से तड़प रहे 27 साल के ऋषि खनल को इस दौरान अपना ही मूत्र पीना पड़ा।
अस्पताल में परिजनों से घिरे खनल ने बताया कि हादसे के दिन वह लंच करके होटल की दूसरी मंजिल पर स्थित अपने कमरे में लौटा ही था कि सब कुछ हिलने लगा। वह भी मलबे में दब गया और उसका एक पैर बड़े पत्थर के नीचे दब गया। खनल ने कहा, मौत के सन्नाटे के बीच वह चीखता-चिल्लाता रहा ताकि कोई उसकी मदद को आ जाए।
लाशों की दुर्गंध के बीच तीन दिन और रात की जद्दोजहद के बाद उसने जिंदा बचने की उम्मीद छोड़ दी थी। उसके सारे नाखून सफेद पड़ चुके थे और ओंठ फट चुके थे। फिर भी आखिरी वक्त तक वह पत्थरों को हिलाता रहा और आखिरकार फ्रांसीसी टीम ने आहट महसूस की और उसे बचाने की कवायद शुरू की।
उसने कहा कि मेरे पास खाने-पीने के लिए कुछ नहीं था, लिहाजा स्वमूत्र पीने को विवश होना पड़ा। हादसे में उसके एक पैर में फ्रैक्चर हो चुका है,जिसका आपरेशन किया जाएगा।