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श्रीलंका में नए संविधान का प्रस्ताव पेश, तमिलों को मिलेगा बराबरी का अधिकार

श्रीलंका सरकार ने नए संविधान का प्रस्ताव पेश किया है, जिसके तहत अल्पसंख्यक तमिल समुदाय को ज्यादा अधिकार देकर उनके पुनर्वास के लिए कदम उठाया जाएगा ताकि कई वर्षों तक चले जातीय तनाव की स्थिति फिर से...

श्रीलंका में नए संविधान का प्रस्ताव पेश, तमिलों को मिलेगा बराबरी का अधिकार
एजेंसीSun, 10 Jan 2016 08:54 AM
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श्रीलंका सरकार ने नए संविधान का प्रस्ताव पेश किया है, जिसके तहत अल्पसंख्यक तमिल समुदाय को ज्यादा अधिकार देकर उनके पुनर्वास के लिए कदम उठाया जाएगा ताकि कई वर्षों तक चले जातीय तनाव की स्थिति फिर से उत्पन्न ना हो।

सुधारवादी राष्ट्रपति के तौर पर जाने जाने वाले सिरिसेना ने 26 वर्षों तक चले श्रीलंका सैनिकों और तमिल टाइगर के विद्रोहियों के बीच 26 वर्षों तक चले संघर्ष के दौरान कथित युद्ध अपराधों के बाद दोनो पक्षों के सुलह को बढ़ावा देने के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को चुनाव में हराने वाले सिरिसेना ने राष्ट्रपति प्रणाली खत्म करने के वादे के अलावा लोकतंत्र और मौलिक अधिकारों को मजबूत करने के लिए नए संविधान का वादा किया था।

संसद में पेश किये गए प्रस्ताव के मुताबिक, नये संविधान में मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता की गारंटी देने के साथ जिम्मेदार और जवाबदेह सरकार के गठन की बात कही गयी है।

हालांकि कुछ विपक्षी दलो ने आरोप लगया कि सरकार पश्चिमी देशो के दबाव में बौद्ध धर्म को कमजोर करने के लिए यह कदम उठा रही है लेकिन सरकार ने विपक्ष के इस दलील को खारिज कर दिया।

सिरिसेना ने अपने बयान कहा कि देश के दक्षिणी और उत्तरी इलाके में चरमपंथियों के कारण हजारों नौजवनों की जान गयी है। हमें सुलह और सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा ताकि फिर से संघर्ष की स्थिति ना बने। नया संविधान 1978 से लागू मौजूदा संविधान की जगह लेगा।

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