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Hindi Newsपेरिस हमलाः रेडियो रिपोर्टर ने बचाई खून से लथपथ बच्ची की जान

पेरिस हमलाः रेडियो रिपोर्टर ने बचाई खून से लथपथ बच्ची की जान

चश्मदीद 1 : पेरिस के कॉन्सर्ट हॉल बाताक्लैन में जहां कार्यक्रम चल रहा था, वहां मौजूद एक रेडियो रिपोर्टर ने आतंकियों के इस बर्बर कृत्य के बारे में सीएनएन को बताया। रेडियो रिपोर्टर जुलियन पीयर्स ने...

पेरिस हमलाः रेडियो रिपोर्टर ने बचाई खून से लथपथ बच्ची की जान
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 14 Nov 2015 12:57 PM
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चश्मदीद 1 : पेरिस के कॉन्सर्ट हॉल बाताक्लैन में जहां कार्यक्रम चल रहा था, वहां मौजूद एक रेडियो रिपोर्टर ने आतंकियों के इस बर्बर कृत्य के बारे में सीएनएन को बताया। रेडियो रिपोर्टर जुलियन पीयर्स ने बताया कि उसने दो आतंकवादियों को कॉन्सर्ट रूम में घुसते देखा। उनके हाथ में एके 47 थे। उन्होंने सिर्फ काले कपड़े पहन रखे थे। उनकी उम्र 20 से 25 साल के बीच की ही थी। उनके दाढ़ी मूछें भी नहीं थीं।

जुलियन ने बताया कि वे अंदर घुसते ही अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। न कोई चेहरे पर भाव, न डर, न गुस्सा। बस उन्हें फायरिेंग करने से मतलब था। करीब 10 मिनट तक उन दोनों ने लगातार फायरिंग की। बीच में दो तीन बार कारतूस रीलोड भी किया। वहां मौजूद करीब 2000 लोग दहशत के मारे सिर्फ झुक गए। सिर बचाते हुए सीटों के नीचे छुपने की कोशिश कर रहा था हर कोई। सभी एग्जिट प्वाइंट तलाश रहे थे ताकि कैसे बाहर निकला जाए।

इस रेडियो रिपोर्टर ने सीएनएन को बताया वह भाग्यशाली थी कि जब तक आतंकवादी कारतूस रीलोड कर रहा था, वह उस जगह से भागने में सफल हुई। जैसे ही मैं बाहर गलियों में आई तो मैंने 20 से 25 लाशें देखीं साथ ही कई लोग बुरी तरह जख्मी हालत में पड़े हुए थे। तभी वहां मैंने एक बच्ची को देखा वो भी खून से लाल थी। मैं उसको लेकर वहां से भागी, करीब 200 मीटर भागने के बाद एक कैब मिली, मैंने उसे अंदर डाला और कैब ड्राइवर से कहा, इसे अस्पताल ले जाओ मैं अपने कुछ और दोस्तों को देखती हूं जो मुझे अंदर से एसएमएस कर रहे हैं। अंदर जो लोग फंसे थे उनमें से कई मेरे जानने वाले थे जो मुझे बार बार एसएमएस कर रहे थे। उनके दहशत का आलम ये था कि इस घटना के हुए दो घंटे बाद भी वे वहां से हिल भी नहीं पा रहे थे। सभी को इंतजार था कि पुलिस आए।

चश्मदीद 2 : स्टेज के इमरजेंसी एग्जिट से बचकर भागा
फ्रांसीसी अखबार लिबरेशन ने भी एक चश्मदीद से बात की। उसने बताया कि कॉन्सर्ट में बहुत तेज म्यूजिक साउंड था। अचानक मैंने कुछ तेज गड़गड़ाने की आवाज पीछे से सुनी। मैं आगे की तरफ स्टेज के करीब था। मैं पीछे मुड़ा तो देखा बेसबॉल कैप पहले एक व्यक्ति पीछे के दरवाजे के सामने खड़े होकर अंधाधुंध फायरिंग कर रहा है। उसने मेरी ओर भी फायरिंग किया। लोग गिर रहे थे और कुछ खुद को बचाने के लिए नीचे छुप रहे थे। तभी मेरे बगल वाला गिर पड़ा, मुझे लगता है वह मर गया होगा। फिर मैंने भीड़ से अलग हटकर स्टेज के पास इमरजेंसी एग्जिट से निकल कर जान बचाई। मैं भागा और दूसरी मंजिल पर स्थित कैफेटेरिया में छुप गया। मैं सिर्फ फायरिंग की आवाज सुन पा रहा था और पुलिस के सायरन की आवाज

चश्मदीद 3 : लाशों को रौंदते हुए भागना पड़ा
एक अन्य चश्मदीद ने फ्रांसीसी अखबार को बताया कि हर कोई नीचे गिरा पड़ा था। जो खड़ा था वो उनको रौंदते हुए जान बचाने के लिए भागने की कोशिश कर रहा था। मैं भी बंदूक और गोलियों की आवाज सुनकर नीचे फर्श पर गिर गया। लगातार फायरिंग हो रही थी। वे बिना निशाना बनाए अंधाधुंध फायरिंग करते ही जा रहे थे। मैं किसी तरह भागा, मुझे लाशों के ऊपर से गुजरते हुए जाना पड़ा। नीचे सिर्फ खून ही खून था। गलियों में लाशें बिखरी पड़ीं थीं।

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