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साझा बयान भारत के पक्ष में: पाकिस्तानी विपक्ष

भारत के साथ साझा बयान को लेकर विपक्षी पार्टियों ने पाकिस्तान सरकार की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि यह कश्मीर पर इस्लामाबाद के रुख की कीमत पर नई दिल्ली के बहुत ज्यादा पक्ष में है। डॉन अखबार ने खबर...

साझा बयान भारत के पक्ष में: पाकिस्तानी विपक्ष
एजेंसीFri, 11 Dec 2015 04:22 PM
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भारत के साथ साझा बयान को लेकर विपक्षी पार्टियों ने पाकिस्तान सरकार की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि यह कश्मीर पर इस्लामाबाद के रुख की कीमत पर नई दिल्ली के बहुत ज्यादा पक्ष में है। डॉन अखबार ने खबर दी है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की शिरीन मजारी की अगुवाई में विपक्ष ने कल संसद में सरकार पर हमला बोला। गठबंधन के एक प्रमुख सहयोगी ने यहां हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के बीच हुई बातचीत के नतीजों पर संदेह जताया।

शिरीन ने नेशनल असेम्बली में कहा कि साक्षा बयान साफ तौर पर मुंबई हमलों के मुकदमे को लेकर भारत की चिंताओं को संबोधित करता है, लेकिन समझौता एक्सप्रेस और कश्मीर मुद्दे का क्या, जिन्हें सरकार ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में उठाया था और ऐसे कड़े कदम उठाने की शेखी बघारी थी। साझा बयान से हवाला देते हुए कि भारतीय पक्ष को यह आश्वासन दिया गया कि मुंबई हमले के मुकदमे के पहले के निष्कर्ष में तेजी लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, उन्होंने समग्र और व्यापाक द्विपक्षीय वार्ता के बीच अंतर के बारे में सफाई मांगी। वह हैरान थी कि क्या द्विपक्षीय वार्ता का दोबारा से शुरू करने का मतलब यह है कि पाकिस्तान ने बहुपक्षीय मंचों पर मुद्दों, खासतौर पर कश्मीर के मुद्दे को उठाने के अपने विकल्प को त्याग दिया है।

शिरीन ने साझा बयान की भाषा पर सवाल किया और कहा कि प्रधानमंत्री को इसे सदन में स्पष्ट करना चाहिए। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने भी कहा कि ऐसे बयानों पर सरकार की तरफ से बयान आने चाहिए क्योंकि यह नहीं बताते कि बातचीत के दौरान क्या निकला। उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान अपने प्रस्ताव के तहत कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाता है तो भारत कहता है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है जिसके लिए किसी अंतरराष्ट्रीय मंच की जरूरत नहीं है। द्विपक्षीय स्तर पर भारत की दलील होती है कि कश्मीर उसका अभिन्न अंग है। तो किसी को इस सदन को बताना चाहिए कि किस स्तर पर इसे भारत के साथ उठाने की सरकार की मंशा है।

रहमान ने कहा कि जहां तक कश्मीर मुद्दे का संबंध है तो संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत कोई भी पाकिस्तान को इसे दुनिया के किसी भी मंच पर उठाने से नहीं रोक सकता है। उन्होंने नेशनल असेम्बली की कश्मीर समिति को सशक्त बनाने का आहवान किया जिसके वह अध्यक्ष हैं और कहा कि इसे संसद का शक्तिशाली अंग बनाना चाहिए।

बहरहाल, जेयूआई-एफ प्रमुख की पार्टी सत्ता पक्ष के पास बैठती है। उन्होंने अफगानिस्तान पर मंत्रियों की हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन आयोजित करने के लिए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तारीफ की जिसके बारे में उनका मानना है कि क्षेत्रीय देशों को एक साथ लाने में यह एक बड़ी भूमिका निभाएगा।

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