फोटो गैलरी

Hindi Newsमलेशिया में बोले मोदी, भारत की स्थिति सभी आर्थिक सूचकांकों में बेहतर, बिजनेस के लिए सबसे शानदार माहौल

मलेशिया में बोले मोदी, भारत की स्थिति सभी आर्थिक सूचकांकों में बेहतर, बिजनेस के लिए सबसे शानदार माहौल

अर्थव्यवस्था को पटरी पर वापस लाने की दिशा में कई पहल करने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि सुधार भारत में बदलाव लाने के लक्ष्य की दिशा में बढ़ने का एक मार्ग है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री...

मलेशिया में बोले मोदी, भारत की स्थिति सभी आर्थिक सूचकांकों में बेहतर, बिजनेस के लिए सबसे शानदार माहौल
एजेंसीSat, 21 Nov 2015 12:11 PM
ऐप पर पढ़ें

अर्थव्यवस्था को पटरी पर वापस लाने की दिशा में कई पहल करने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि सुधार भारत में बदलाव लाने के लक्ष्य की दिशा में बढ़ने का एक मार्ग है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने पारदर्शी और सुस्पष्ट कर व्यवस्था के साथ बौद्धिक संपदा अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने का संकल्प भी व्यक्त किया।

आसियान कारोबार और निवेश शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले 18 महीने में मुद्रास्फीति को कम करने के साथ उच्च जीडीपी वद्धि दर की ओर उन्मुख होने और विदेश निवेश को बढ़ावा देने जैसे कार्य किये हैं। उन्होंने कहा कि सुधार अपने आप में कोई अंतिम बिंदु नहीं है। सुधार लंबी यात्रा के गंतव्य की ओर बढ़ने का एक मार्ग है। लक्ष्य भारत में बदलाव लाना है। उन्होंने कहा कि मई 2014 में जब भाजपा नीत सरकार सत्ता में आई तब अर्थव्यवस्था उच्च राजकोषीय और चालू खाता घाटे से जूझ रही थी और आधारभूत संरचना परियोजना रूकी हुई थी तथा मुद्रास्फीति लगातार बनी हुई थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह स्पष्ट था कि सुधार जरूरी है। हमने अपने आप से सवाल किया कि किसके लिए सुधार का लक्ष्य क्या हो, क्या यह केवल जीडीपी की दर में वृद्धि के आकलन के लिए हो या समाज में बदलाव लाने के लिए हो। मेरा जवाब स्पष्ट है, हमें बदलाव लाने के लिए सुधार लाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास के फल को उन क्षेत्रों तक ले जाना होगा जो इससे वंचित हैं। इसे आबादी के निचले स्तर तक ले जाना होगा।  हमें आसमान की उंचाइयों को छूते हुए जिंदगियों को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीने के हमारे कार्य से यह सुनिश्चित हुआ है कि जीडीपी वृद्धि दर उपर गयी है और मुद्रास्फीति नीचे आई है, विदेशी निवेश उपर गया है और चालू खाता घाटा नीचे आया है, कर राजस्व उपर गया है और ब्याज दर नीचे आई है, राजकोषीय घाटा नीचे गया है और रुपया स्थिर हुआ है।

ढांचागत और संस्थागत सुधार समेत कई अन्य पहलों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार कर व्यवस्था को पारदर्शी और सुस्पष्ट बनाना सुनिश्चित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है जहां पर गंभीर निवेशकों और ईमानदार करदाताओं को तेजी से और भेदभावरहित ढंग से निर्णय प्राप्त हो सकें। उन्होंने कहा कि इससे भी आगे, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत सभी नवोन्मेषकों के बौद्धिक संपदा अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करने को प्रतिबद्ध है। हमने पारदर्शिता और बौद्धिक संपदा प्रशासन को आनलाइन बनाने के लिए कई पहल की हैं। इस वर्ष के अंत तक व्यापक राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति आने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि निवेश के प्रवाह में नयी जान डालने के लिए दूसरे स्तर के ढांचागत और वित्तीय सुधार पेश किये गए हैं। हम अर्थव्यवस्था को और खोलने की कोशिश कर रहे हैं तथा कराधान प्रणाली में स्थिरता लाने और इसे सुस्पष्ट बनाने की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निवेश में काफी वृद्धि हुई है और जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने के लिए जीवाश्म ईंधन पर कार्बन कर लगाया गया है।

भारत की स्थिति सभी आर्थिक सूचकांकों में बेहतर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की स्थिति लगभग सभी आर्थिक सूचकांकों में बेहतर है। मोदी ने कहा कि 18 माह पूर्व राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सरकार में आने के बाद देश के आर्थिक हालात सुधरे हैं और आज प्रत्येक आर्थिक सूचकांक में भारत की स्थिति बेहतर है।

प्रधानमंत्री ने भारत और आसियान के देशों को स्वाभाविक साझीदार बताया और कहा कि इनके बीच संबंध प्राचीन काल से हैं। उन्होंने कहा कि मैं कहता रहा हूं कि 21वीं सदी एशिया की सदी है। मैं ऐसा आसियान देशों के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए कहता हूं। मोदी शनिवार को ही 13वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और रविवार को 10वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

भारत बौद्धिक संपदा अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध
मोदी ने कहा कि भारत सभी अन्वेषकों के बौद्धिक संपदा अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी ने कहा कि इस साल औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में पिछले साल के मुकाबले वृद्धि देखी गई है। हम भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपको इसके लिए आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत सभी अन्वेषकों के बौद्धिक संपदा अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें