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हिलेरी को ट्रंप से मिल सकती है मात

अमेरिकी राष्ट्रपति पद की आधिकारिक उम्मीदवारी की कोशिश कर रहे डोनाल्ड  ट्रंप भले ही पार्टी के भीतर विरोध का सामना कर रहे हैं। लेकिन रिपब्लिकन पार्टी का आधिकारिक प्रत्याशी बनने की स्थिति में...

हिलेरी को ट्रंप से मिल सकती है मात
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 19 May 2016 04:55 PM
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अमेरिकी राष्ट्रपति पद की आधिकारिक उम्मीदवारी की कोशिश कर रहे डोनाल्ड  ट्रंप भले ही पार्टी के भीतर विरोध का सामना कर रहे हैं। लेकिन रिपब्लिकन पार्टी का आधिकारिक प्रत्याशी बनने की स्थिति में वह अपने संभावित डेमोक्रेट प्रतिद्वंद्वी व पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को मात दे सकते हैं। यह आकलन फाक्स न्यूज ने अपने नए सर्वेक्षण के आधार पर किया है। इसमें  ट्रंप को हिलेरी पर तीन अंकों की बढ़त मिलती नजर आ रही है।

फॉक्स न्यूज ने 14 से 17 मई के बीच करीब 1021 लोगों पर राष्ट्रीयव्यापी चुनाव पूर्व सर्वेक्षण कराया। इसके मुताबिक 45 फीसदी मतदाताओं ने ट्रंप का समर्थन किया है, जबकि 42 फीसदी मतदाता ही हिलेरी के पक्ष में दिखे। यह बढ़त इस मायने में अहम है कि फॉक्स न्यूज के ही जून 2015 के सर्वेक्षण में हिलेरी को ट्रंप पर सात फीसदी की बढ़त हासिल थी। बता दें कि  जून 2015 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रत्याशी चुनने की महज प्रक्रिया शुरू हुई थी। 

दोनों प्रत्याशियों के प्रति नहीं अच्छी राय 
भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप या हिलेरी की जीत हो, लेकिन अधिकतर अमेरिकी उनके प्रति नकारात्मक राय रखते हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक 56 फीसदी लोग ट्रंप को नापसंद करते हैं। वहीं, 61 फीसदी लोगों ने कहा कि हिलेरी की उनके मन में नकारात्मक छवि है। 

श्वेतों में ट्रंप तो अश्वेतों में हिलेरी लोकप्रिय 
सर्वेक्षण में शामिल 55 फीसदी श्वेत लोगों ने कहा कि वे ट्रंप का समर्थन करते हैं, जबकि हिलेरी के समर्थन में केवल 31 फीसदी श्वेत दिखे। अश्वेत मतदाताओं में 90 फीसदी ने हिलेरी का साथ दिया और महज सात फीसदी टं्रप के समर्थन में नजर आएं। इसी प्रकार हिस्पैनिक्स वोटों का 62 फीसदी हिस्सा हिलेरी को और 23 फीसदी हिस्सा ट्रंप को जाता नजर आ रहा है।  

चुनावी अभियानों पर विदेशी हैकरों के हमले 
अमेरिकी की खुफिया एजेंसी नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक जेम्स क्लैपर ने दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनावी अभियानों को विदेशी हैकर निशाना बना रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को सेंटर फाॠर बाईपार्टिजन पाॠलिसी में एक सवाल के जवाब में कहा, हमें पहले से ही वेबसाइट हैकिंग के कुछ संकेत मिल चुके हैं। जैसे जैसे चुनाव अभियान में गति आएगी, वैसे वैसे साइबर हमले भी बढ़ेंगे। हालांकि क्लैपर ने इन हमलों की विस्तृत जानकारी नहीं दी। 

प्रत्याशियों के नस्ली बयानों से मून स्तब्ध 
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून अमेरिका का नाम लिए बिना कहा कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी का दाव करने वाले नेताओं की नस्लभेदी टिप्पणियां स्तब्ध करने वाली है। उन्होंने बुधवार का कहा कि अमेरिका के संभावित नेताओं और राजनीतिज्ञों को लोगों को नहीं बांटना चाहिए। प्रतिष्ठित कोलंबिया यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा मून ने कहा, हम सीरिया में और दूसरी जगहों पर युद्ध अपराधों को लेकर चिंतित हैं। हम नस्लभेद और नफरत से स्तब्ध हंै, खास कर जब राजीतिज्ञ और भावी नेता ऐसा करते हैं। उनका फर्ज लोगों में एकता लाना है ना कि उन्हें बांटना है।

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