क्या यूरोपियन यूनियन में बना रहेगा या फिर बाहर हो जाएगा ब्रिटेन?
ब्रिटेन का यूरोपीय संघ से बरसों पुराना रिश्ता बना रहेगा या टूट जाएगा, इसका फैसला आज हो जाएगा। ब्रिटिश नागरिक यूरोपीय संघ के पक्ष या विपक्ष में वोट करेंगे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन यूरोपीय...
ब्रिटेन का यूरोपीय संघ से बरसों पुराना रिश्ता बना रहेगा या टूट जाएगा, इसका फैसला आज हो जाएगा। ब्रिटिश नागरिक यूरोपीय संघ के पक्ष या विपक्ष में वोट करेंगे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन यूरोपीय संघ में बने रहने के पक्षधर हैं जबकि लंदन के पूर्व मेयर बोरिस जॉनसन ने ब्रिटेन को ईयू से अलग करने की मुहिम छेड़ रखी है। दोनों खेमों ने अंतिम क्षणों तक अपना-अपना पक्ष रखने की मुहिम जारी रखी।
ब्रिटेन में होने वाले इस जनमत संग्रह पर न सिर्फ यूरोपीय देशों बल्कि भारत समेत पूरी दुनिया की नजर है। जनमत संग्रह के चुनाव परिणाम का असर न केवल बाजार पर बल्कि यूरोप तथा पश्चिमी देशों के भविष्य पर भी पड़ सकता है। यह चुनाव लेबर पार्टी की महिला सांसद जो कोक्स की हत्या के कुछ ही दिन बाद हो रहा है। इस घटना का भी चुनाव पर असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। कोक्स यूरोपीय संघ में रहने की पक्षधर थीं।
परिणाम के लिए रात भर इंतजार: यूं तो जनमत संग्रह गुरुवार को ही हो जाएगा, लेकिन ब्रिटेन के अधिकतर चैनलों ने एक्जिट पोल की सटीकता पर संशय जताते हुए अंतिम परिणाम आने का इंतजार करने का फैसला किया है। इसका मतलब यह हुआ कि ब्रिटेन की जनता को परिणाम के लिए रात भर का इंतजार करना पड़ सकता है।
मेरे मंत्रिमंडल के साथी बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। उनके विचार निश्चित तौर पर नौकरी और परिवार की वित्तीय स्थिति पर खतरे को दर्शाते हैं। जो लोग इन विशेषज्ञों को नाजी शासन का समर्थक बता रहे हैं, वह निश्चित तौर मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। - डेविड कैमरन, प्रधानमंत्री ब्रिटेन
यूरोपीय संघ के समर्थक अर्थशास्त्रियों की तुलना नाजी समर्थकों से करना बिल्कुल सही है। नाजी शासन में विशेषज्ञों को पैसा देकर अपनी राय रखने के लिए कहा जाता था। बहुत से अर्थशास्त्र विशेषज्ञ पिछले 20-30 साल में 2008 में आई मंदी को पकड़ने में नाकाम रहे थे। - बोरिस जॉनसन, पूर्व मेयर लंदन