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विज्ञान का चमत्कार: जब अंतरिक्ष ने पृथ्वी से मिलाया हाथ

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में मौजूद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरिक्ष यात्री अब वहीं से पृथ्वी पर मौजूद वैज्ञानिकों से हाथ मिला सकते हैं। अंतरिक्ष और पृथ्वी के बीच हाथ मिलाने का यह पहला...

विज्ञान का चमत्कार: जब अंतरिक्ष ने पृथ्वी से मिलाया हाथ
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 08 Jun 2015 10:38 AM
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अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में मौजूद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरिक्ष यात्री अब वहीं से पृथ्वी पर मौजूद वैज्ञानिकों से हाथ मिला सकते हैं। अंतरिक्ष और पृथ्वी के बीच हाथ मिलाने का यह पहला टेली-रोबोटिक करिश्मा सफल हो चुका है।

पृथ्वी से 8,046 किलोमीटर दूर स्थित अंतरिक्ष स्टेशन से नासा के अंतरिक्ष यात्री टैरी विर्ट्स ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के टेलीरोबोटिक्स विशेषज्ञ आंद्रे चिले से 3 जून को हाथ मिलाया। आंद्रे उस समय नीदरलैंड में थे। यह असंभव करिश्मा संभव हुआ एक विशेष बल प्रतिक्रिया नियंत्रक लीवर के जरिए। आंद्रे ने कहा, यह ऐसा महसूस हुआ मानो टैरी ने अंतरिक्ष से अपना हाथ नीचे बढ़ाकर मुझसे हाथ मिला लिया।

यह नियंत्रक लीवर अंतरिक्ष में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को हजारों किलोमीटर दूर स्थित चीजों का भान कराने में सक्षम है। अंतरिक्ष स्टेशन में मौजूद लीवर पृथ्वी पर रखे गए नियंत्रक लीवर का जुड़वां है जो इसके चाल की हूबहू नकल करता है। यह लिवर प्रतिक्रिया मुहैया कराता है इसलिए इसके दोनों उपयोगकर्ता एक दूसरे के बल को महसूस कर सकते हैं। इस साल की शुरुआत में नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर ने पहली बार नियंत्रक लीवर का अंतरिक्ष में परीक्षण किया था।

मौजूदा प्रयोग में टैरी से आंद्रे तक आने वाला हरेक संकेत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से एक अन्य उपग्रह तक गया जो पृथ्वी से 36 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर है। यह अमेरिका स्थित ह्यूस्टन मिशन कंट्रोल की मदद से संभव हुआ। उपग्रह से वह संकेत फिर अटलांटिक सागर को पारकर ईएसए के नीदरलैंड स्थित तकनीकी केंद्र तक पहुंचा। 


 

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