ऑपरेशन से पैदा होने वाले बच्चों में मोटापे का खतरा : रिसर्च
ऑपरेशन के जरिए पैदा हुए बच्चों में सामान्य प्रसव की तुलना में मोटापे की संभावना 15 फीसदी अधिक होती है। यह जानकारी एक अध्ययन में सामने आई है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि यह खतरा वयस्क होने तक बना...
ऑपरेशन के जरिए पैदा हुए बच्चों में सामान्य प्रसव की तुलना में मोटापे की संभावना 15 फीसदी अधिक होती है। यह जानकारी एक अध्ययन में सामने आई है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि यह खतरा वयस्क होने तक बना रहता है।
क्या मिले साक्ष्य?
हारवर्ड में पब्लिक हेल्थ स्कूल के टी.एच. चान स्कूल में सहायक प्रोफेसर जॉर्ज चवारो ने कहा कि हालांकि सीजेरियन प्रसव कई मामलों में जीवन बचाने की आवश्यक विधि है, लेकिन इसमें मां और नवजात शिशुओं के लिए खतरा है। उन्होंने बताया कि इस अध्ययन से कई दमदार साक्ष्य मिले हैं कि सीजेरियन प्रसव और बचपन के मोटापे के बीच वास्तव में संबंध है।
रिसर्च में क्या है प्रोफेसर का कहना?
निष्कर्ष बताते हैं कि परिवार के भीतर सीजेरियन प्रसव से पैदा हुए बच्चों में सामान्य प्रसव से जन्मे अपने भाई-बहनों की तुलना में मोटापे की संभावना 64 फीसदी ज्यादा पाई गई। प्रोफेसर चवारो का कहना है कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि सिर्फ प्रसव के तरीके के अलावा भाई-बहन के मामले में मोटापे की जोखिम वाले अधिकांश संभावित कारक एक ही तरह की भूमिका में रहते हैं, इसमें आनुवंशिक लक्षण भी शामिल हैं।
इसके अलावा ऐसी महिलाएं जो पहले सीजेरियन प्रसव से बच्चे को जन्म दे चुकी थी और फिर इनसे जन्मे सामान्य प्रसव वाले बच्चों में मोटापे के खतरे की संभावना सीजेरियन की तुलना में 31 फीसद कम रही।
कैसे हुआ रिसर्च?
इस अध्ययन के लिए शोध दल ने 22,000 से ज्यादा युवाओं का ग्रोविंग अप टूडे स्टडी (जीयूटीएस) में विश्लेषण किया। इसमें प्रतिभागियों ने 1996-2012 के बीच हर साल या दो सालों में प्रश्नों के जवाब दिए।