थ्रीडी प्रिंटिंग तकनीक से बनाई कृत्रिम खोपड़ी, मासूम को मिला नया जीवन
चिकित्सा के क्षेत्र में थ्रीडी प्रिंटिंग वरदान साबित हो रहा है। लॉस एंजिलिस के डॉक्टरों ने थ्रीडी प्रिंटिंग तकनीक से निर्मित एक कृत्रिम खोपड़ी से सात साल के मासूम टेडी वार्ड को नया जीवन दिया है।...
चिकित्सा के क्षेत्र में थ्रीडी प्रिंटिंग वरदान साबित हो रहा है। लॉस एंजिलिस के डॉक्टरों ने थ्रीडी प्रिंटिंग तकनीक से निर्मित एक कृत्रिम खोपड़ी से सात साल के मासूम टेडी वार्ड को नया जीवन दिया है। डॉक्टरों ने टेडी के मस्तिष्क में कृत्रिम खोपड़ी प्रत्यारोपित करने में कामयाबी पाई है जिसके कारण वह सामान्य बच्चों की तरह खेलकूद व दूसरे काम करने में सक्षम हो पाया है। एक दुर्घटना में टेडी की आधी खोपड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी।
आधी खोपड़ी बेकार हो गई थी
दो साल पहले टेडी कैलिफोर्निया के टोपंगा घाटी की एक चोटी से फिसलकर करीब 10 मीटर नीचे गिर गया। इस दुर्घटना में उसकी खोपड़ी की बाएं तरफ की सभी हड्डियां टूट गई और आधी खोपड़ी बेकार हो गई। कई सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने बड़ी मुश्किल से उसकी जान बचाई, लेकिन उस समय खोपड़ी बदलने का ऑपरेशन सफल नहीं हो पाया।
इसके बाद डॉक्टरों ने उसके सिर में एक हेलमेट लगा दी जिसे टेडी को 24 घंटे पहन कर रहना पड़ता था, ताकि सिर में चोट नहीं लगे। सिर में हेलमेट लगा होने के कारण टेडी को सोने में भी परेशानी होती थी। उसका घर से बाहर निकलना, खेलना, स्कूल-पिकनिक जाना, सब कुछ बंद था और वह एक तरह से घर में कैद हो गया था।
एक साल लगा बनाने में
लॉस एंजिलिस के चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने टेडी के सफल इलाज के लिए गहन अध्ययन किया। एक साल तक शोध करने के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने थ्रीडी तकनीक से कृत्रिम खोपड़ी बनाने में कामयाबी पाई और उसे टेडी के मस्तिष्क में प्रत्यारोपित कर दिया। इसके बाद टेडी सामान्य बच्चों की तरह दौड़ने, खेलने के साथ पढ़ाई और दूसरे सभी काम करने में सक्षम हो पाया है।
असली खोपड़ी की हूबहू नकल
यह थ्रीडी कृत्रिम खोपड़ी प्राकृतिक खोपड़ी की हूबहू नकल है और ठीक वैसे ही काम करता है। इसे बनाने के लिए डॉक्टरों ने टेडी की मस्तिष्क के सैकड़ों थ्रीडी स्कैन और सीटी स्कैन किए जिससे सही आकार का खोपड़ी बनाया जा सके। इसे पोलीइथरइथरकोटोन नाम के पदार्थ से बनाया गया है जिसके सारे गुण प्राकृतिक खोपड़ी के भौतिक गुणों से मेल खाते हैं। यह पदार्थ थर्मोप्लास्टिक पॉलीमर होता है जिससे कई प्रकार के कृत्रिम मानव अंग बनाए जाते हैं।