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तराई के जलाशयों में पहुंचे प्रवासी पक्षी

तराई के चारों जलाशय इन दिनों प्रवासी पक्षियों से गुलजार हो गए हैं। दूसरी तरफ इनके शिकारी भी सक्रिय हो गए हैं। वन विभाग ने प्रवासी पक्षियों के शिकार को कड़ाई से रोकने के लिए इस बार पुख्ता इंतजाम किए...

तराई के जलाशयों में पहुंचे प्रवासी पक्षी
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 01 Nov 2016 06:41 PM
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तराई के चारों जलाशय इन दिनों प्रवासी पक्षियों से गुलजार हो गए हैं। दूसरी तरफ इनके शिकारी भी सक्रिय हो गए हैं। वन विभाग ने प्रवासी पक्षियों के शिकार को कड़ाई से रोकने के लिए इस बार पुख्ता इंतजाम किए हैं। वनकर्मियों का गश्ती दल तो जलाशयों में गश्त करेगा ही साथ ही शिकारियों पर नजर रखने के लिए विभाग ने जलाशयों के ऊपर ड्रोन में नाइट वीजन थर्मल कैमरे लगाए हैं। ये जलाशयों के आसपास शिकार करने वाले सभी शिकारियों की तस्वीरें ले लेंगे। इससे वन विभाग शिकारियों को आसानी से पकड़ लेगा।

ऊधमसिंह नगर के तुमड़िया, नानक सागर, हरीपुरा हरसान, शारदा सागर, बौर, धौरा डैम में हर साल अक्तूबर में साइबेरिया, चीन और तिब्बत से बड़ी संख्या में जल मुर्गी, सुरखाब, बड़े जल कौए, लालसिर और नीलासिर आदि प्रजाति के प्रवासी पक्षी आते हैं। ये पक्षी मार्च तक जलाशयों में ही डेरा डाले रहते हैं। साइबेरिया और तिब्बत में इन दिनों कड़ाके की ठंड रहती है। उससे बचने के लिए ही ये सभी पक्षी हिन्दुस्तान आ जाते हैं।

दूसरी तरफ जलाशयों के आसपास के गांवों के लोग इन प्रवासी पक्षियों का बड़े पैमाने पर शिकार करते हैं। लेकिन, इस बार शिकारियों को घेरने के लिए वन विभाग ने ड्रोन का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। ड्रोन में एक नाइट वीजन थर्मल कैमरा लगा हुआ है। इस कैमरे के लेंस इतने उम्दा हैं कि ये रात के वक्त भी जलाशयों में चोरी-छिपे शिकार करने वाले शिकारियों की तस्वीरें कैद कर लेगा। ड्रोन का लिंक वन विभाग के स्मार्ट फोन से लिंक रहेगा। शिकारियों की जो भी तस्वीरें ड्रोन में रखा नाइट वीजन थर्मल कैमरा लेगा वह सीधे स्मार्ट फोन पर आ जाएंगी। इससे शिकारियों को पकड़ने में काफी मदद मिलेगी।

कही बर्ड फ्लू का शिकार न हो जाएं शिकारी

जलाशयों के आसपास मंडराने वाले शिकारियों के लिए इस बार बुरी खबर भी है। दरअसल, प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू के वायरस से संक्रमित होने की प्रबल संभावना बनी रहती है। इनका मांस खाने या इनके संपर्क में आने से बर्ड फ्लू का शिकार होने की संभावना बनी रहती है। वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डॉ.पराग मधुकर धकाते ने जलाशयों के आसपास रहने वाले सभी ग्रामीणों को हिदायत दी है कि वह पक्षियों का शिकार करने की कतई कोशिश न करें।

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