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पाटी में दोबारा होगा सर्वे, फिर बनेंगे शौचालय

हाल में खुला शौच मुक्त किए गए पाटी ब्लॉक का शीघ्र ही दोबारा सर्वे किया जाएगा। बजट मिलते ही उन लोगों का चिह्नीकरण किया जाएगा जो अब भी खुले में शौच को बाध्य हो रहे हैं। आपके प्रिय हिन्दुस्तान में...

पाटी में दोबारा होगा सर्वे, फिर बनेंगे शौचालय
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 26 Nov 2016 10:10 PM
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हाल में खुला शौच मुक्त किए गए पाटी ब्लॉक का शीघ्र ही दोबारा सर्वे किया जाएगा। बजट मिलते ही उन लोगों का चिह्नीकरण किया जाएगा जो अब भी खुले में शौच को बाध्य हो रहे हैं। आपके प्रिय हिन्दुस्तान में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद हरकत में आए प्रशासन ने इसकी तैयारी कर ली है।

दरअसल, स्वच्छ भारत मिशन के तहत बीते पांच नवंबर को जिला प्रशासन की ओर से पाटी ब्लॉक को खुला शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया था। प्रशासन दावे कर रहा था कि ब्लॉक के हर घर में पक्का शौचालय बन चुका है। गरीब परिवारों के लिए स्वजल और मनरेगा के तहत सरकार की ओर मदद की गई है। इस बात की पड़ताल के लिए आपके प्रिय हिन्दुस्तान समाचार पत्र ने हालिया दिनों में ब्लॉक के विभिन्न गांवों का भ्रमण किया। पड़ताल में सरकारी दावों की पोल खुलकर सामने आ गई।

पड़ताल में पाया गया था कि ग्राम सभा गागर के गगराड़ी तोक में हरीश चंद्र, गोवर्धन, नरोत्तम, मोहन सिंह, प्रयाग दत्त तथा ग्राम पंचायत टकना के राजस्व ग्राम मथेला छाना में देव सिंह, दीवान सिंह, उमेद सिंह, कुंदन सिंह, प्रकाश सिंह, ग्राम पंचायत पीपल ढींग में प्रेम राम, गोपाल राम, कुंदन राम, ग्राम पंचायत मोलना जाख में धनुलीदेवी, गोपाल राम, जगत राम, मीरावती, जीवन चंद्र, मनोरथ, गंगाराम, पनीराम, महेश राम और जैतराम आदि परिवारों के लिए सरकार की ओर से शौचालय नहीं बनाए गए हैं। ये आंकड़े सीमित गांवों के हैं। पूरे ब्लॉक के डेढ़ सौ गांवों में इनका आंकड़ा दो सौ से अधिक पहुंच सकता है। इस मामले को हिन्दुस्तान ने गत गुरुवार के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसी को संज्ञान में लेते हुए सीडीओ ने बजट मिलने पर दोबारा सर्वे कराने की बात कही है।

कई लोग शौचालय के पैसे भी डकार गए

बताया जा रहा है कि 2012 के सर्वे के दौरान ब्लॉक में परिवारों की संख्या कम थी। जिन लोगों के पास शौचालय नहीं थे उन्हें भी स्वजल या मनरेगा के तहत बजट उपलब्ध कराया गया था। तब यह धनराशि काफी कम मिलती थी। सूत्रों के मुताबिक कुछ लोगों ने तो पुराने शौचालय का रंग-रोगन कर पूरा पैसा हड़प लिया था। कई लोग ऐसे भी थे जिन्होंने शौचालय बनाए ही नहीं। उनमें से अब भी कई लोगों के पास शौचालय नहीं हैं।

क्यों घोषित किया ओडीएफ

भले ही इस चूक के लिए पुराने सर्वे को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। बावजूद इसके लोगों के जेहन में यह सवाल बार-बार उठ रहे हैं कि जब ब्लॉक के कई परिवार खुले में शौच कर रहे हैं, तब इसे ओडीएफ घोषित करने में जल्दबाजी क्यों की गई। घोषित करते समय शौचालय विहीन परिवारों की सूची क्यों तैयार नहीं की गई। ग्राम प्रधानों ने अधिकारियों को इसका प्रमाण पत्र कैसे दे दिया। हालांकि यह सब जांच के बिंदु हैं। यदि इसमें जांच बैठती है तो कई बड़े खुलासे भी सामने आ सकते हैं।

नए सिरे से सर्वे किया जाएगा

पाटी को 2012 के सर्वे के आधार पर खुला शौच मुक्त ब्लॉक घोषित किया गया था। इसके लिए ग्राम प्रधानों ने भी प्रमाण पत्र जारी किया था। संभवत: तब से कई परिवार बंटवारे के आधार पर अलग-अलग रहने लगे होंगे। यदि अब भी कुछ लोग शौचालय विहीन चल रहे हैं तो मनरेगा और स्वजल के माध्यम से उनके लिए शौचालय निर्माण के प्रयास किए जाएंगे। बजट मिलने के बाद इसका नए सिरे से सर्वे किया जाएगा।

- डॉ. आरएस पोखरिया, सीडीओ चम्पावत

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