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नोएडा--- गाजियाबाद

नोएडा। मुख्य संवाददातापूर्व मुख्यमंत्री मायावती के भाई और नोएडा प्राधिकरण के पूर्व क्लर्क आनंद कुमार की संपत्तियों की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर होंगे। यह दावा भाजपा सांसद किरीट सोमैया का...

नोएडा--- गाजियाबाद
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 08 Apr 2017 10:20 PM
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नोएडा। मुख्य संवाददाता

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के भाई और नोएडा प्राधिकरण के पूर्व क्लर्क आनंद कुमार की संपत्तियों की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर होंगे। यह दावा भाजपा सांसद किरीट सोमैया का है। उन्होंने अपनी वेबसाइट पर आनंद कुमार और उनकी पत्नी का 51 कंपनियों से जुड़े होने का दावा कर रखा है। आनंद कुमार की संपत्तियों की जांच प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग कर रहा है। बीते वर्ष दिसंबर में निदेशालय ने नोटबंदी के दौरान आनंद कुमार और बहुजन समाज पार्टी के खाते में बड़ी रकम जमा करने का खुलासा किया था।

किरीट सोमैया की ओर से उपलब्ध कराए तथ्यों के आधार पर आनंद कुमार, उनके परिवार और परिचितों ने 125 कंपनियों में बड़ा निवेश कर रखा है। वह 50 से अधिक छोटी बड़ी कंपिनयों में हिस्सेदार भी हैं। कई में वह निदेशक जैसे बड़े पदों पर हैं। उनका सवाल है कि कनिष्ठ सहायक क्लर्क से कई कंपनियों के निदेशक और हजार करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित कर लेना गले नहीं उतरता। ऐसे में जांच होनी चाहिए। उन्होंने वर्ष 2011 में ही जांच की मांग की थी। उन्होंने आनंद कुमार और उनके परिवार का कई कपंनियों में जुड़े होने से संबंधित साक्ष्य भी उपलब्ध कराए थे।

सांसद की वेबसाइट पर आनंद कुमार और उनकी पत्नी की कंपनियों और उसका लेखा-जोखा उपलब्ध कराया गया है। बताया गया है कि आनंद कुमार ने अपने मित्रों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये को ठिकाने लगाने के लिए 100 से अधिक कंपनियां बनाईं। इनमें से कई कंपनियों अल्प अवधि के लिए खोली गईं। पांच बड़ी कंपनियों में इन्हें प्रत्यक्ष रूप से शामिल बताया गया है। नौ से अधिक कंपनियों में आनंद कुमार को निदेशक बताया है जबकि आनंद और उनकी पत्नी को 16 से अधिक कंपनियों में मालिक या बड़े शेयर होल्डर होने का दावा किया है।

सेक्टर-44 का आवंटन सरेंडर

आनंद कुमार दिसंबर 1994 में प्राधिकरण में बतौर कनिष्ठ सहायक क्लर्क के पद पर नियुक्त हुए थे। इसी दौरान उनके भाई सुभाष ने भी प्राधिकरण में ही कारपेंटर की नौकरी हासिल की। बताया जाता है कि तीन महीने बाद ही दोनों को सेक्टर-44 में एक-एक घर आवंटित किया गया था। हालांकि, जल्द ही दोनों ने अपने आवंटित घर सरेंडर कर दिए। बताया जाता है कि बाद में आनंद कुमार ने रियल स्टेट के कई बड़े बिल्डरों के प्रोजेक्ट में निवेश किया।

सीबीआई जांच बढ़े

मौलिक भारत संस्था के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता ने मांग की है कि सीबीआई जांच केवल यादव सिंह तक सीमित न रह कर बसपा सरकार के दौरान प्राधिकरण में हुए आवंटनों खासकर ग्रुप हाउसिंग, फार्म हाउस, व्यावसायिक, सिटी सेंटर के आवंटनों की कैग से जांच कराई जाए। वह अपनी इस मांग को जल्द लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार से अनुरोध करेंगे। इससे पहले वह इस संबंध में नए सिरे से तथ्य जुटाएंगे।

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अफ्रीकी नागरिकों ने सीएम योगी से दखल की मांग की

सौहार्द्र

-अफ्रीकी छात्रों, पुलिस, आरडब्ल्यूए और कॉलेजों के बीच हुई बैठक

-विदेशी नागरिकों के लिए किरायानामा बनवाना जरूरी होगा

-पुलिस ने बैठक से मीडिया को दूर रखने का प्रयास किया

ग्रेटर नोएडा। मुख्य संवाददाता

अफ्रीकी मूल के नागरिकों, पुलिस, आरडब्ल्यूए और कॉलेज प्रबंधनों के बीच शनिवार को बैठक हुई। नाइजीरियाई छात्रों ने मांग की कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस मामले में दखल देना चाहिए। एसपी देहात से कहा कि आपका यह कहना गलत है कि हिंसा के पीछे नस्लीय भेदभाव नहीं था।

नाइजीरियाई छात्र सैम ने कहा, नाइजीरिया में हजारों भारतीय रह रहे हैं। वहां आज तक किसी भारतीय के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है। हमारे देश में भारतीयों को बड़े सम्मान से देखा जाता है। यहां हमारे साथ गलत व्यवहार किया जाता है। अधिकांश भारतीय हमारे बारे में गलत सोच रखते हैं। मुझे लगता है कि इस मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को दखल देना चाहिए।

मित्रा सोसाइटी के निवासियों का कहना है कि अफ्रीकी छात्र रोजाना रात को बवाल काटते हैं। 10-12 कारें लेकर सोसाइटी में घुसते हैं और तेज रफ्तार के साथ दौड़ाते हैं। कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। एनएसजी सोसाइटी में पुलिस अधिकारियों ने जांच की तो वहां सीसीटीवी कैमरे खराब पाए गए। सोसाइटी के अध्यक्ष से पूछा गया तो बताया कि चूहों ने तार काट दिए हैं। इस पर एसपी ने अध्यक्ष को फटकार लगाई।

जिला प्रशासन ने आदेश दिया है कि कोई भी विदेशी नागरिक किराए पर रहेगा तो उसके मालिक पंजीकृत किरायानामा बनवाना होगा। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई होगी। कॉलेज प्रबंधनों को हालात संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। पुलिस ने मीटिंग हॉल में पहुंचे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कर्मियों से कैमरे बंद करवा दिए गए। पुलिस अधिकारियों ने हॉल से बाहर जाने को कह दिया।

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तीन कंपनी बना 40 करोड़ ठग चुके

20 हजार लोगों से ठगी के मामले में नया खुलासा

फॉलोअप

पीड़ितों ने नेशनल कंज्यूमर कंप्लेंट फोरम की साइट पर शिकायत की

किसी जांच एजेंसी ने पीड़ितों की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया

नोएडा। धनंजय वर्मा

घर बैठे कमाई का झांसा देकर 20 हजार से अधिक लोगों से 15 करोड़ की ठगी करने वाली ऑनलाइन कंपनी मोबलो डॉट इन के बारे में नया खुलासा हुआ है। कंपनी संचालक इससे पहले तीन अलग-अलग नाम से कंपनी बनाकर हजारों लोगों से 40 करोड़ की ठगी कर चुके हैं। पीड़ितों ने नेशनल कंज्यूमर कंप्लेंट फोरम की साइट पर इस बारे में शिकायत की है।

निवेशकों से मिली जानकारी के मुताबिक रामप्रीत शाह, दीपक और उमेश नाम के शख्स मिलकर अलग-अलग नाम से ऑनलाइन कंपनियां बनाते हैं। इसके बाद लोगों को घर बैठे कमाई का झांसा देकर निवेश करवाकर ठगते हैं। नोएडा सेक्टर-34 की रहने वाली रंजना सक्सेना ने मोबलो कंपनी और उसके अधिकारी रामप्रीत शाह के खिलाफ कोतवाली सेक्टर-49 में ठगी की एफआईआर दर्ज कराई है।

राजस्थान निवासी नरेंद्र सिंह ने कंपनी की शिकायत नेशनल कंज्यूमर कंप्लेंट फोरम की वेबसाइट पर की है। उन्होंने बताया कि मोबलो कंपनी के संचालकों ने पहले मुद्राट्रेड डॉट कॉम, मुनाफा डेली डॉट कॉम और फ्यूचर ट्रेड डॉट बिज नाम की कंपनी बनाई थी। आरोपियों ने इन दोनों कंपनियों में हजारों लोगों से निवेश करवाकर 40 करोड़ रुपये ठग लिए थे। इन कंपनियों के खिलाफ शिकायत को किसी भी जांच एजेंसी ने गंभीरता से नहीं लिया है।

नरेंद्र सिंह ने बताया कि मुद्राट्रेड डॉट कॉम और मुनाफा डेली डॉट कॉम कंपनी में उन्होंने 3 लाख रुपये का निवेश किया था। कंपनी लोगों से 2 हजार रुपये से लाखों रुपये तक निवेश करा रही थी। कंपनी ने लोगों को 200 दिन तक प्रतिदिन निवेश की गई राशि का एक प्रतिशत देने का झांसा दिया था। कंपनी नवंबर 2015 में शुरू हुई थी। मार्च 2016 में बंद हो गई थी।

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-सभी केंद्र--जेपी कंपनी के निदेशक समेत चार पर केस

पुलिस ने एक निवेशक की तहरीर पर धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया

दनकौर। संवाददाता

गाजियाबाद निवासी एक व्यक्ति ने जेपी कंपनी इंफ्राटेक लिमिटेड के निदेशक समेत चार अधिकारियों पर धोखाधड़ी करके रुपये हड़पने का आरोप लगाया है। एसपी देहात सुजाता सिंह के निर्देश पर दनकौर कोतवाली पुलिस ने इनके खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार करने समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पीड़ित ने मुख्यमंत्री को भी ट्वीट कर मामले की शिकायत की है।

गाजियाबाद के वैभवखंड में रहने वाले निखिल चंदेल एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक उन्होंने अगस्त 2013 में दनकौर क्षेत्र स्थित स्पोर्ट्स सिटी में सेक्टर-22 बी में जेपी कंपनी के नेचर व्यू प्रोजक्ट में 750 वर्ग फीट का फ्लैट बुक किया था। कंपनी के अधिकारियों ने उस वक्त 12 लाख 15 हजार रुपये बुकिंग के लिए जमा कराए थे। उनको 36 महीने में फ्लैट पर पजेशन देने का आश्वासन दिया गया था। कंपनी द्वारा दी गई अवधि पूरी होने के बाद 2016 में निखिल ने सेक्टर-128 स्थित कंपनी के कार्यालय में फ्लैट देने के बारे में पूछा तो कंपनी के निदेशक ने पजेशन देने का समय छह महीने और बढ़ा दिया था। उन्होंने यमुना प्राधिकरण में मामले की जानकारी की तो पता चला, इस प्रोजेक्ट का नक्शा ही पास नहीं हुआ था। मार्च 2017 में निखिल को कंपनी के फर्जी तरीके से रुपये ठगने की जानकारी प्राधिकरण से हुई थी। पीड़ित ने एसपी देहात से मामले की शिकायत की थी। एसपी देहात के निर्देश पर कंपनी के निदेशक समीर गौड़, मनोज गौड़, प्रधान प्रबंधक मनोज डेम्बला और वरिष्ठ प्रधान प्रबंधक राजीव तलवार पर फर्जी दस्तावेज तैयार करके फ्लैट बुक करने की एवज में रुपये ठगने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस का कहना कि मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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---मैनेजर के सिर में लोहे की रॉड मारकर कार लूटी

आम्रपाली ग्रैंड अपार्टमेंट के समीप कार सवार बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया

ग्रेटर नोएडा। संवाददाता

सेक्टर जीटा वन स्थित आम्रपाली ग्रैंड अपार्टमेंट के समीप शुक्रवार की रात चार बदमाशों ने अपनी एस्टीम कार मैनेजर की कार के सामने लगा दी। मैनेजर ने विरोध किया तो बदमाशों ने उसके सिर में लोहे की रॉड से हमला कर दिया। लुटेरे मैनेजर की कार और पर्स लूटकर फरार हो गए। पर्स में नकदी, डेबिड कार्ड और लाईसेंस था। मैनेजर को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

ग्रेटर नोएडा के सेक्टर जीटा वन स्थित आम्रपाली ग्रैंड अपार्टमेंट में रवीश ठाकुर रहते हैं। वह नोएडा स्थित एक कंपनी में मैनजर हैं। वह शुक्रवार की रात करीब 11 बजे अपनी ऑल्टो कार में सवार होकर रामपुर बाजार से खरीदारी करके घर लौट रहे थे। आम्रपाली ग्रैंड अपार्टमेंट के समीप विपरित दिशा में आ रहे एस्टीम कार में सवार बदमाशों ने मैनेजर को रोक लिया। बदमाशों ने उनसे लूटपाट का प्रयास किया। मैनेजर ने विरोध किया तो बदमाशों ने सिर पर लोहे की रॉड से हमला करके मैनेजर को घायल कर दिया। बदमाश मैनेजर की ऑल्टो कार लेकर फरार हो गए। कार में उनका पर्स रखा था जिसमें एक हजार रुपये, डेबिट कार्ड और लाइसेंस रखा था।

पीड़ित अस्पताल में भर्ती

लहुलूहान हालत में मैनेजर ने घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और पीड़ित को अस्पताल पहुंचाया। मैनेजर का अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस लुटेरों की तलाश में जुटी है।

दो महीने में पांच कार लूटीं

बेखौफ बदमाशों ने दो महीने में पांच कार लूटी ली हैं। पुलिस एक भी घटना का खुलासा नहीं कर सकी है। इनमें से तीन कार लूट की घटनाएं नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र में जबकि एक सूरजपुर और एक कासना थाना क्षेत्र से हुई। पुलिस पीड़ितों को आश्वासन देकर टरका देती है।

नए गिरोह की दस्तक

शहर में किसी नए गिरोह ने दस्तक दी है। गैंग के बदमाश ताबड़तोड़ लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इससे लोगों में खौफ है। उधर, लोगों में पुलिस के प्रति रोष व्याप्त है। पुलिस इस गैंग की तलाश में जुटी है लेकिन कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल रही है। इसके चलते बैखौफ बदमाश एक के बाद एक लगातार वारदातओं को अंजाम दे रहे हैं।

कोट---

मैनेजर से कार लूट की घटना हुई है। सूरजपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। पुलिस की टीम बदमाशों की तलाश में जुटी है। जल्द बदमाशों को गिरफ्तार किया जाएगा।

-सुजाता सिंह, एसपी देहात, ग्रेटर नोएडा

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--ग्रेटर नोएडा मेट्रो के लिए पटरी बिछाने का काम शुरू

80 प्रतिशत पटरी बिछाने का काम हो चुका है मेट्रो डिपो के अंदर

ग्रेटर नोएडा/नवीन कुमार

नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो के लिए पटरी बिछाने का काम शुरू हो गया है। मेट्रो डिपो से लेकर अल्फा वन कॉर्मिशयल बेल्ट तक पटरी बिछाने का काम पूरा हो चुका है। डिपो के अंदर भी पटरी बिछाने का काम 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा रेल कॉपोरेशन (एनएमआरसी) ने दिसंबर तक मेट्रो का संचालन शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

एनएमआरसी अगले दो माह के अंदर डिपो से नॉलेज पार्क के बीच मेट्रो का ट्रायल करेगा। छह किलोमीटर के इस ट्रैक को तेजी के साथ तैयार किया जा रहा है। ट्रैक पर बिजली के पोल लगा दिए गए हैं। अब पटरी बिछाने का काम चल रहा है। डिपो से लेकर अल्फा वन कॉमर्शियल बेल्ट तक पटरी बिछा दी गई है। हालांकि, छह किलोमीटर के अंदर दो जगह पर यू-गार्डर रखे जाने बाकी हैं।

दरअसल, एनएमआरसी को जून में कोच की पहली खेप मिलेगी। खेप मिलने के बाद एनएमआरसी डिपो के अंदर और डिपो से नॉलेज पार्क के बीच मेट्रो का ट्रायल करेगा। मेट्रो संचालन की निर्धारित समय सीमा जून 2018 है। हालांकि, उम्मीद है कि दिसंबर 2017 तक मेट्रो दौड़ने लगेगी।

नॉलेज पार्क-2 स्टेशन की पार्किंग सबसे बड़ी होगी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शनिवार को एनएमआरसी और डीएमआरसी को चार मेट्रो स्टेशन के लिए पार्किंग की जमीन दे दी है। नॉलेज पार्क-2 स्टेशन की पार्किंग ग्रेटर नोएडा में सबसे बड़ी होगी। यहां 10,400 वर्ग मीटर में पार्किंग बनेगी और 300 वाहन खड़े होंगे।

परी चौक स्टेशन पर 300 वाहन खड़े होंगे

परी चौक और डेल्टा वन मेट्रो स्टेशन की पार्किंग 6,000 वर्ग मीटर पर बनेगी। परी चौक की पार्किंग की क्षमता 300 वाहन और डेल्टा वन की पार्किंग की क्षमता 160 वाहनों की होगी। अल्फा वन पर 4,950 वर्ग मीटर में वाहनों की पार्किंग बनेगी। यहां 160 वाहन खड़े किए जा सकेंगे। शहर के अन्य दो मेट्रो स्टेशन की पार्किंग पर जल्द फैसला होगा।

जमीन के अंदर पार्किंग और बाहर कॉमर्शियल गतिविधियां

डेल्टा वन और अल्फा वन मेट्रो स्टेशन पर जमीन के अंदर पार्किंग होगी। पार्किंग के ऊपर कॉमर्शियल गतिविधियां होंगी। वहां पर रोस्टोरेंट, कॉफी कैफे आदि दुकानें होंगी। इन दोनों मेट्रो स्टेशन पर कॉमर्शियल गतिविधियां विकसित की जाएंगी।

कोट---

नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो के हर स्टेशन पर पार्किंग होगी। ग्रेटर नोएडा के चार मेट्रो स्टेशन पर जगह मिल चुकी है। बाकी दो पर भी जल्द निर्णय ले लिया जाएगा। ट्रैक पर पटरी बिछाने का काम भी तेजी से चल रहा है।

-संतोष यादव, एमडी, एनएमआरसी

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फ्लैट के नाम पर 50 लोगों से ठगी

सेक्टर-20 थाने में चार निवेशकों ने रियल एस्टेट कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराया

नोएडा। प्रमुख संवाददाता

सेक्टर-2 की एक रियल एस्टेट कंपनी के खिलाफ चार निवेशकों ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। एसएसपी के आदेश पर पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पीड़ितों का कहना है कि कंपनी ने 50 लोगों के साथ फ्लैट देने के नाम पर ठगी की है।

ग्रेटर नोएडा डेल्टा-1 में रहने वाले गिरिजा शंकर के मुताबिक उन्होंने अक्तूबर 2013 में देवा कोलोनाइजर के नोएडा एक्सटेंशन स्थित प्रोजेक्ट किंग्स वैली में 900 वर्गफुट का फ्लैट 29 लाख रुपये में बुक कराया था। कंपनी ने बुकिंग के 60 दिन के अंदर 20 फीसदी धनराशि जमा कराने को कहा था। बुकिंग के समय कंपनी ने बताया था कि निर्माण कार्य जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, कंपनी भुगतान मांगेगी। लेकिन कंपनी ने वर्ष 2014 तक काम शुरू नहीं किया। उनके जैसे कई निवेशकों ने ए 2 जेड प्रॉपर्टी डीलर के जरिए बुकिंग कराई थी। बाद में उन्हें जानकारी हुई कि कंपनी का प्रोजेक्ट स्थगित हो गया है। उनके जैसे कई निवेशकों ने अपने रुपये मांगे तो कंपनी टालती रही। उनके जैसे 10 लोग आपस में संपर्क में हैं। तीन अप्रैल को उन्होंने तीन अन्य निवेशकों सेक्टर-22 निवासी कुलदीप सिंह, सेक्टर-75 निवासी अनामिका एवं डीके सिंह के साथ एसएसपी धर्मेंद्र सिंह से मुलाकात कर शिकायत दी थी। एसएसपी ने केस दर्ज करने के आदेश दिए। इसके बाद उनकी शिकायत पर सेक्टर-20 थाने में धर्मेंद्र यादव, राजेंद्र वाधवा, अमेया देशपांडे, अकिवेंद्र प्रताप तथा रवि के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।

--बुकिंग कराने वाले के रुपये भी फंसे

ए 2 जेड प्रॉपर्टी के मालिक रवि का कहना है कि उनके खुद के रुपये भी कंपनी में फंसे हैं। जिन निवेशकों ने एफआईआर दर्ज कराई है, उन सभी की बुकिंग उनकी फर्म के जरिए ही हुई थी। कंपनी मालिक उन्हें कई माह से रुपये देने के लिए टहला रहे हैं।

300 यूनिट बनाने का दावा किया था

निवेशकों का कहना है कि कंपनी ने लॉन्चिंग के समय 300 यूनिट बनाने का दावा किया था लेकिन वर्ष 2014 में जमीन मालिकों में आपसी विवाद के चलते प्रोजेक्ट स्थगित करने का निर्णय ले लिया। निवेशकों का कहना है कि कंपनी ने सिर्फ 50 निवेशकों को ही रुपये वापस किए हैं जबकि 50 निवेशक अपने रुपये के लिए परेशान हो रहे हैं।

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25 बिल्डरों के खिलाफ बीते साल धोखाधड़ी के केस दर्ज हुए

6 मामलों में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया

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---महाठग का पिता गिरफ्तार

आरोपी के खिलाफ नोएडा के फेज-3 थाने और सूरजपुर में धोखाधड़ी का केस दर्ज था

साइबर महाठगी

नोएडा। प्रमुख संवाददाता

देशभर के 6.30 लाख लोगों के साथ 3700 करोड़ की ठगी करने वाले एब्लेज कंपनी के मालिक अनुभव मित्तल के पिता सुनील मित्तल को एसटीएफ ने शुक्रवार को गाजियाबाद की नवयुग मार्केट से गिरफ्तार कर लिया। सुनील मित्तल पर नोएडा के थाना फेज-3 तथा सूरजपुर में धोखाधड़ी का केस दर्ज है। ये दोनों मामले एब्लेज फर्जीवाड़े से जुड़े हैं।

एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक सोशल ट्रेड के नाम पर लोगों से हुई करोड़ों रुपये की कमाई को ठिकाने लगाने के लिए अनुभव मित्तल ने फर्जी कंपनियों के जरिए मनी लांड्रिंग की। 13 जनवरी को एब्लेज इंफो सॉल्यूशंस कंपनी के आरडीसी गाजियाबाद स्थित यस बैंक के खाते से पिलखुआ की मित्तल इलेक्ट्रोनिक कंपनी के बैंक ऑफ इंडिया खाते में पांच करोड़ रुपये स्थानांतरित किए गए थे। मित्तल इलेक्ट्रोनिक के मालिक सुनील मित्तल हैं। दोनों कंपनियों का कोई कारोबारी लेन-देन नहीं हुआ था। जांच में जानकारी मिली है कि अनुभव ने मित्तल इलेक्ट्रोनिक की तरह ही कई फर्मों में भी करोड़ों रुपये की धनराशि स्थानांतरित की है। फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसटीएफ एवं विशेष जांच दल(एसआईटी) ने सुनील मित्तल की गिरफ्तारी को अंजाम दिया है।

अब तक पांच आरोपी पकड़े गए

एसटीएफ ने 1 फरवरी को सेक्टर-63 स्थित एब्लेज इंफो सॉल्यूशंस में छापा मारकर फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। एसटीएफ ने एब्लेज निदेशक पिलखुआ निवासी अनुभव मित्तल, कंपनी सीईओ श्रीधर प्रसाद और तकनीकी प्रमुख महेश दयाल को गिरफ्तार किया था। कंपनी मालिकों को अनुचित लाभ पहुंचाने के आरोप में आरीडीसी गाजियाबाद स्थित यस बैंक के प्रबंधक अतुल कुमार मिश्रा को जांच के दौरान 7 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। सुनील मित्तल की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में अब जेल में पांच आरोपी बंद हैं।

आरोपी एब्लेज का पूर्व निदेशक भी

एसटीएफ का कहना है कि सुनील मित्तल तथा अनुभव मित्तल 7 सितंबर 2010 को एब्लेज के पंजीकरण के समय इसके निदेशक थे। अनुभव की शादी कानपुर की आयुषी से होने के बाद सुनील कंपनी के निदेशक पद से अलग हो गए। गिरफ्तारी के समय सुनील मित्तल से एसटीएफ ने फोर्ड एंडीवर कार भी बरामद की है। यह एसयूवी गाजियाबाद नंबर की है।

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3700 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया एब्लेज कंपनी ने

6.30 लाख लोगों को बनाया शिकार

650 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त

599 करोड़ रुपये प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अटैच किए

15 हजार शिकायतें एसटीएफ को ईमेल पर मिलीं

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32 कंपनियों में फर्जी लेन-देन मिला

एसटीएफ-एसआईटी को धोखाधड़ी की जांच में अनुभव मित्तल की कंपनी एब्लेज से 32 कंपनियों का फर्जी लेनदेन मिला था। यह कंपनियां कानपुर, गाजियाबाद तथा दिल्ली के पते पर पंजीकृत हैं।

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मुख्य आरोपी की पत्नी फरार

अनुभव मित्तल की पत्नी आयुषी अग्रवाल इस मामले में फरार चल रही हैं। एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि आयुषी की तलाश में कानपुर तथा गाजियाबाद में पूर्व में छापेमारी की गई है, लेकिन अभी उनका पता नहीं चल पाया है।

--कोट

एब्लेज मामले में एक और आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। इस मामले में आयुषी अग्रवाल फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

-राजीव नारायण मिश्रा, एडिशनल एसपी, एसटीएफ

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सभी केंद्रों के ध्यानार्थ--जीडीए का ऑडिट सीएजी ऑडिट होगा

पीएम ने गाजियाबाद रैली में की थी घोषणा, कई बड़े प्रोजेक्ट पर रहेगी नजर

गाजियाबाद। मुख्य संवाददाता

गाजियाबाद रैली में प्रधानमंत्री की घोषणा पर अमल शुरू हो गया है। शासन ने जीडीए के कैग ऑडिट के आदेश जारी कर दिए हैं। दो दिन पहले प्राधिकरण अफसरों ने कैग टीम को लौटा दिया था। उसके बाद आनन-फानन में आदेश जारी किए गए हैं। प्राधिकरण अफसरों ने कैग ऑडिट की तैयारी शुरू कर दी है। इस संबंध में कैग को भी पत्र जारी कर दिया गया है।

प्राधिकरण के विकास कार्यों को लेकर कई बार सवाल उठे हैं, लेकिन शासन और अफसर ऑडिट से बचते रहे हैं। पिछली सरकार ने कैग ऑडिट के आदेश नहीं दिए। विधानसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि सभी प्राधिकरणों का कैग ऑडिट कराया जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

शासन ने शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया। प्रमुख सचिव आवास सदाकांत मिश्रा ने यह आदेश जारी किया है। उन्होंने लिखा है कि 11 जून 1985 को जारी शासनादेश में राज्य सरकार की सहायता निधि से एक वित्त वर्ष में एक करोड़ रुपये या इससे अधिक के अनुदान व ऋण लेने वाले प्राधिकरण व संस्थाओं का ऑडिट कैग से करा सकते हैं।

जीडीए के वित्त नियंत्रक टीआर यादव ने बताया कि इस संबंध में सदाकांत मिश्रा का आदेश आया है। उन्होंने बताया कि कैग अफसरों को भी इसकी सूचना भेज दी गई है। प्राधिकरण ने एक कमरा भी कैग ऑडिट के लिए तैयार कर लिया है।

एक साल से अटका था मामला

जीडीए के कैग ऑडिट का मामला एक वर्ष से लटका था। प्राधिकरण का सालाना बजट ढाई हजार करोड़ से ज्यादा है। कई बार योजनाओं पर सवाल उठे हैं। नई लिंक रोड जैसी योजनाओं में केंद्र सरकार की राशि भी लगी है। इसकी जांच के लिए कैग टीम पहले मार्च 2016 में आई थी, लेकिन जीडीए अफसरों के फाइलें नहीं दी। कैग ने तत्कालीन सीएम और राज्यपाल को शिकायत दी। शासन से दबाव बना तो जीडीए ने दोबारा जांच के लिए सहमति जता दी। जून 2016 में कैग ने फिर से ऑडिट शुरू किया। 16 जून को यूपी शासन की तरफ से प्रमुख सचिव आवास सदाकांत ने आपत्ति लगाते हुए जांच कराने से इंकार कर लिया। तब कहा गया था कि जीडीए कैग जांच के लिए बाध्य नहीं है।

मधुबन-बापूधाम योजना में हुआ था खेल

प्राधिकरण की कई योजनाओं पर बार-बार सवाल उठे। अरबों रुपये खर्च कर भी मधुबन-बापूधाम योजना परवान नहीं चढ़ी। कमीशन के खेल में यहां सीवर ट्रीटमेंट प्लांट और बिजली के समान पर 90 करोड खर्चे गए। मामले की जांच हुई और तत्कालीन फाइनेंस कंट्रोलर बीएस चौधरी को सस्पेंड किया गया था। इंदिरापुरम में अंडरग्राउंड केबल डालने के मामले में घपला सामने आया था। ठाकुरद्वारा फ्लाईओवर की चौड़ाई पर कई बार सवाल उठे हैं। यहां कई दुर्घटनाएं भी हो गई हैं। प्राधिकरण में कामकाज को ऑनलाइन करने और ऑनलाइन एप्लीकेशन के नाम पर पैसा खर्च किया गया और अब ये एप्लीकेशन बंद हैं।

-2500 करोड से ज्यादा है जीडीए का सालाना बजट

-2 दिन पहले प्राधिकरण ने किया था कैग ऑडिट से इंकार

-एक साल से चल रहा है कैग ऑडिट का मामला

-1985 के शासनादेश में है कैग ऑडिटकी अनुमति

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