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गुड़गांव: कैथल का गैंगेस्टर सुरेंद्र ग्योंग भी गुड़गांव पुलिस के रडार पर

गुड़गांव के गैंगेस्टर महेश अटैक और गैंगस्टर बिंदर गुर्जर के बडे़ भाई मनीष गुर्जर की गैंगवार में हुई हत्या के मामले में पुलिस गैंगस्टर सुरेंद्र ग्योंग की भूमिका की भी पड़ता कर रही है। कैथल जिले का...

गुड़गांव: कैथल का गैंगेस्टर सुरेंद्र ग्योंग भी गुड़गांव पुलिस के रडार पर
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 20 Oct 2016 09:54 PM
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गुड़गांव के गैंगेस्टर महेश अटैक और गैंगस्टर बिंदर गुर्जर के बडे़ भाई मनीष गुर्जर की गैंगवार में हुई हत्या के मामले में पुलिस गैंगस्टर सुरेंद्र ग्योंग की भूमिका की भी पड़ता कर रही है। कैथल जिले का गैंगस्टर सुरेंद्र मई 2014 से पैरोल पर जेल से बाहर आया था तब से ही फरार है। पिछले दिनों कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता रणदीप सुरजेवाला को धमकी देने और ंगदारी मांगने के बाद अचानक चर्चा में आया था। 

झज्जर की जिला जेल में बंद सुरेंद्र ग्योंग मई 2014 में कैथल जिले में स्थित अपने पैतृक आवास की मरम्मत के लिए पैरोल मांग कर बाहर आया था। लेकिन मई 2014 से लापता हो गया। गुड़गांव पुलिस इन दोनों हत्याकांड में गैंगस्टर कौशल और उसके गुर्गे अमित डागर के खिलाफ पहले ही तलाश कर रही है। लेकिन अब पुलिस ने अपने रडार पर सुरेंद्र ग्योंग को भी रख लिया है। पुलिस कमिश्नर संदीप खिरवर ने कहा कि इन दोनों मामलों में कौशल और अमित डागर के साथ सुरेंद्र ग्योंग की भूमिका की हम जांच कर रहे हैं। इस बाबत जरूरी जानकारियां जुटाई जा रही हैं। सुरेंद्र के खिलाफ पहले ही लुक आऊट नोटिस जारी किया जा चुका है। हरियाणा पुलिस द्वारा गठित एसआईटी उसकी तलाश में है। 

गुड़गांव जिला कारावास भोंडसी में बंद बिंदर गुर्जर के बडे़ भाई शराब कारोबारी मनीष गुर्जर को 17 अक्तूबर की रात हत्या कर दी गई थी। उसके पूर्व 21 सितम्बर की रात गैंगेस्टर महेश अटैक की हत्या की गई। दोनों ही मामलों में वारदात करने का तरीखा एक सरीखा ही था। पुलिस कमिश्नर स्वीकार करते हैं कि अपराधियों में अंदरुनी संघर्ष चल रहा है। इस पूरे सिलसिले को रोकने के लिए पुलिस प्रयासरत है। कैथल में व्यापारियों से जबरन वसूली करने वाला सुरेंद्र ग्योंग मार्च 2006 में प्लाईवुड व्यापारी नरेंद्र अरोड़ा की हत्या के बाद पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए दक्षिण अफ्रीका भाग गया था। हरियाणा पुलिस ने 2008 में इंटरपोल की मदद से उसे गिरफ्तार कर हरियाणा लाई थी। इसके पश्चात अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुना दी थी। 2014 में सुरेंद्र मई माह में पैरोल पर बाहर आया था लेकिन फिर लौट कर जेल नहीं गया। 

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