फोटो गैलरी

Hindi Newsअब सरकारी विभागों में भी चलेगा ईपीएफओ का डंडा

अब सरकारी विभागों में भी चलेगा ईपीएफओ का डंडा

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को अब सरकारी कार्यालयों में भी कार्रवाई के लिए हरी झंडी मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद भविष्य निधि आयुक्त...

अब सरकारी विभागों में भी चलेगा ईपीएफओ का डंडा
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 03 Dec 2015 05:19 PM
ऐप पर पढ़ें

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को अब सरकारी कार्यालयों में भी कार्रवाई के लिए हरी झंडी मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद भविष्य निधि आयुक्त को पत्र लिखकर इस कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है।

उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि संगठन अपने स्तर पर किसी भी सरकारी कार्यालय में तैनात अनुबंधित कर्मियों के भविष्य निधि की जांच कर सकता है। मुख्यमंत्री ने ईपीएफओ को नियमानुसार कार्रवाई की छूट भी दी है। अभी तक संगठन केवल निजी क्षेत्र में ही अपनी कार्रवाई करता था।

मुख्यमंत्री की चिट्ठी मिलने के साथ ही संगठन ने शहर के सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर अनुबंधित कर्मचारियों का ब्यौरा देने एवं उनके पीएफ की कटौती के साथ ही उसकी अदायगी सुनिश्चित करने को कहा है। संगठन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक सरकारी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों का तो जीपीएफ जमा होता है, जबकि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ईपीएफ की व्यवस्था है।

अब चूंकि सभी विभागों में नियमित स्टॉफ की भारी कमी है। इसलिए हर जगह प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए अनुबंध पर कर्मचारी लगाए गए हैं। यह सभी कर्मचारी ईपीएफ के दायरे में हैं, लेकिन सीधी पहुंच न होने की वजह से कई प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा अशंदान जमा नहीं कराया जा रहा था। इस संबंध में पिछले दिनों संगठन के केंद्रीय कार्यालय की ओर से प्रधानमंत्री को वस्तु स्थिति से अवगत कराया गया था। इसके बाद प्रधान मंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। इसी कड़ी में अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भविष्य निधि संगठन को कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दी है।

यहां लगे हैं अनुबंधित कर्मचारी
भविष्य निधि संगठन ने अपने स्तर पर एक सर्वे कराया है। इसमें नगर निगम, हुडा, जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग, दक्षिण हरियाणा विद्युत वितरण निगम, जनस्वास्थ्य, पंचायती राज एवं रोडवेज आदि में अनुबंधित कर्मचारी लगे होने की पुष्टि हुई है। केवल गुड़गांव जिले में ही ऐसे कर्मचारियों की संख्या छह सौ से अधिक है।

ईपीएफ करार के तहत होती है तैनाती
कामगार अधिनियम के मुताबिक किसी भी सरकारी या गैर सरकारी संस्था में अनुबंधित कर्मचारी लगाने के लिए एक करार होता है। करार के मुताबिक ईएसआई एवं पीएफ में पंजीकृत संस्था ही मैन पॉवर आपूर्ति कर सकती है। इस संस्था को हर महीने कर्मचारियों का अंशदान जमा करना होता है। इसकी मॉनिटरिंग संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी करते हैं। हालांकि अभी तक यह व्यवस्था केवल औपचारिकता के लिए थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद इसे लागू करना होगा।

नगर निगम में हो चुका है ईपीएफ घोटाला
करीब दो साल पहले नगर निगम कार्यालय में तैनात अनुबंधित कर्मचारियों के पीएफ घोटाले का खुलासा हुआ था।  उस समय नगर निगम के तत्कालीन अधिकारियों ने सिविल लाइंस थाने में ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कराते हुए उस ठेकेदार का ठेका निरस्त कर दिया था। इसके अलावा अन्य विभागों में भी आए दिन इसी तरह के आरोप लगते रहे हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें