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खेड़की दौला टोल प्लाजा सिरहौल बार्डर पर शिफ्ट करने की तैयारी

दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे स्थित खेड़की दौला टोल प्लाजा को सिरहौला बार्डर पर लाने को टोल कंपनी और बैंकर सहमत हो गए हैं। आए दिन लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए टोल को बदलने की कोशिश लंबे समय से...

खेड़की दौला टोल प्लाजा सिरहौल बार्डर पर शिफ्ट करने की तैयारी
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 18 Jan 2017 09:30 PM
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दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे स्थित खेड़की दौला टोल प्लाजा को सिरहौला बार्डर पर लाने को टोल कंपनी और बैंकर सहमत हो गए हैं। आए दिन लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए टोल को बदलने की कोशिश लंबे समय से चल रही थी। कंपनी और बैकर्स राजी नहीं हो रहे थे। इनके द्वारा सहमति देने के बाद अब गेंद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के पाले में चली गई है। प्राधिकरण सैद्धांतिक रूप से इसके लिए तैयार था।

मिलेनियम सिटी एक्सप्रेस-वे प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ रघुरामन ने बताया कि खेड़की दौला में जगह कम होने के कारण आए दिन जाम लगता है। दफ्तर के समय तो यहां से निकला दूभर हो जाता है। इस दिक्कत से निपटने के लिए मौजूदा टोल को फिर से सिरहौल पर लेजाने का प्रस्ताव रखा गया। मगर टोल कंपनी और एक्सप्रेस-वे निर्माण में पैसा लगाने वाले बैंक आफ इंडिया, स्टेट बैंक आफ बिकानेर एवं जयपुर, आईडीएफसी, पंजाब नेशनल बैंक एवं ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स के नुमाइंदों की बैठक की दिल्ली में बैठक हुई । उसमें कुछ शर्तों के साथ खेड़की दौला टोल हटाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। इसके बाद अब एनएचएआई की अनुमति की दरकार है। वहां से मंजूरी मिलते ही टोल को सरहौल बॉर्डर पर शिफ्ट कर दिया जाएगा।

सिरहौल पर जगह ज्यादा

सीईओ के मुताबिक टोल लगाने के लिए सिरहौल बार्डर पर जगह काफी है। पर्याप्त जगह होने की वजह से वहां पर जाम नहीं लगेगा। गुरुग्राम एक्सप्रेस वे स्थित खेड़की दौला टोल को हटाने की मांग काफी समय से चल रही है। टोल के कारण मानेसर के विकास में बाधा माना जा रहा है। यहां के कारोबारी लंबे समय से टोल हटानी मांग उठा रहे हैं।

करोड़ों लगाए हैं

बैंकों ने टोल निर्माण के लिए 1852 करोड़ रुपये दिए हैं। कंपनी का कहना है कि ऐसे में यह राशि यदि प्रदेश सरकार दे तो टोल को हटाया जा सकता है। यदि सरकार ऐसा नहीं कर सकती है तो सरहौल बॉर्डर पर टोल वसूली की इजाजत दे। उन्होंने कहा कि नए टोल बनाने को लेकर सर्वे समेत कई कदम उठाने होंगे।

एनएचएआइ के जवाब का इंतजार-

एनएचएआई ने सहमति दे दी तो बैंकर्स और मिलेनियम सिटी एक्सप्रेस-वे प्राइवेट लिमिटेड सरहौल बॉर्डर पर टोल प्लाजा स्थापित करने की कार्रवाई शुरू कर देंगे। टोल प्लाजा लगाने से पहले कंपनी के अधिकारी विदेश में बने टोल का अध्ययन करेंगे। जिस देश का अच्छा सिस्टम होगा इसी प्रकार के टोल प्लाजा तैयार होगा। हालांकि ताइवान अच्छे टोल प्लाजा है।

आसान नहीं डगर

सिरहौल टोल पर पहले भी विदेशी तर्ज पर टोल लगाया गया था लेकिन कोई तकनीक काम नहीं आई। लोगों को रोजाना जाम से जूझना पड़ता था। मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा।बाद में सरकार को टोल हटाना पड़ा। ऐसे में सरहौल बॉर्डर पर फिर से टोल वसूलना शुरू करना इतना आसान भी नहीं है।

-21 लेन का है खेड़की दोला बैरियर है

-75 हजार वाहन गुजरते हैं

-27.8 किलोमीटर है एक्सप्रेस वे

-32 लेन का था सिरहौल टोल

-दो लाख वाहन गुजरते हैं सिरहौल टोल पर

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