फोटो गैलरी

Hindi Newsगड्ढे खोदने के सुख की सीमा

गड्ढे खोदने के सुख की सीमा

जैसे कुछ डॉक्टर आंख के हैं,  कुछ कान के, वैसे ही अन्य पेशेवर भी अपने-अपने क्षेत्र के हैं। कुछ पंडे-पुजारी ठगने में माहिर होते हैं, तो कुछ दूसरों के लिए गड्ढे खोदने के। उन्हें मुगालता है कि वे...

गड्ढे खोदने के सुख की सीमा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 22 Mar 2015 06:32 PM
ऐप पर पढ़ें

जैसे कुछ डॉक्टर आंख के हैं,  कुछ कान के, वैसे ही अन्य पेशेवर भी अपने-अपने क्षेत्र के हैं। कुछ पंडे-पुजारी ठगने में माहिर होते हैं, तो कुछ दूसरों के लिए गड्ढे खोदने के। उन्हें मुगालता है कि वे ईमानदारी के मंदिर की इकलौती मान्य मूरत हैं, वह भी पत्थर की नहीं, हाड़-मांस की। नैतिक मूल्यों के प्रमाण-पत्र बांटना उनकी ही बपौती है, दूसरों को मूल्यहीन ठहराना उनका हक। ऐसों का एक आका है। उसकी सादगी से गांधीजी भी शरमा जाएं। कलियुग में विनम्रता का वह वामन अवतार हैं। नैतिकता की मक्खी नाक पर और उपदेशक अंदाज में वह ऐसे फबते हैं कि देखने वाले को वह महात्मा नजर आएं! हम और हमारे जैसों को मुफ्तखोरी की लाइलाज बीमारी है। उनका वादा मुफ्त की सुविधाएं हैं। तभी हमने उनको वोट दिया। कोठी-बंगले का बिजली-पानी अब झुग्गी-झोंपड़ी तक आएगा, वह भी फ्री में। उनके अनुसार, भ्रष्टाचार के भस्मासुर ने एक दल को ऐसा फूंका है कि उसका नामोनिशान तक नहीं है। ऐसों ने राज्य का खजाना खुद खा-पीकर खाली कर दिया है, वरना पैसों की क्या कमी थी? अब वह पधारे हैं।

ऐसे किसी की भी खैर नहीं, जो निर्धनों को सताए! बस स्टिंग की देर है कि गरीबी की दबी-कुचली माटी वरदी के कुम्हार को कबीराना शैली में धमकाएगी कि ‘अब मैं रौदूंगी तोय’ का समय है। वह जानते हैं कि पुलिस पर किसी का नियंत्रण नहीं, तो उसका क्या होगा? पर असत्य आश्वासन चुनावी मतदान के मैग्नेट हैं। इस शाकाहारी शेर के मुंह सत्ता का खून लग चुका है। तारीख की तालीम है कि जो अस्त्र दूसरों का विनाश करते हैं, वही कभी-कभी अपना भी। आदर्श के आसमान पर मुंह उठाकर थूकना और तड़ी हो लेना, उनका स्वभाव है। इस बार उनके पैरों में अपनों द्वारा की गई स्टिंग की बेड़ी है। वह आदतन सिर उठाकर थूकते हैं, पर भागे तो कैसे? प्रतिद्वंद्वियों के लिए गड्ढा खोदना समाज, सियासत व सरकार में एक सुखद टाइम-पास है। दिक्कत यह है कि गड्ढा खोदने वाले का अपनी ही मौलिक तकनीक के गड्ढे में जा टपकना भी संभावना के दायरे से परे नहीं। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें