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एक आशंका की ओर बढ़ता अमेरिका

अब यह संभावना काफी प्रबल है कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के अगले राष्ट्रपति हो सकते हैं। आइए, अब जरा उनके रास्ते को ठीक से समझने की कोशिश करें। यह वह  शख्स है, जो औरतों  के लिए अपमानजनक...

एक आशंका की ओर बढ़ता अमेरिका
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 05 May 2016 09:25 PM
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अब यह संभावना काफी प्रबल है कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के अगले राष्ट्रपति हो सकते हैं। आइए, अब जरा उनके रास्ते को ठीक से समझने की कोशिश करें।

यह वह  शख्स है, जो औरतों  के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करता है। वह अपनी रैलियों में हिंसा को प्रोत्साहित करता दिखाई देता है। वह सभी मुसलमानों के अमेरिका आने पर पाबंदी लगा देना चाहता है और इस बात को लेकर जब उसके लिए 'कू क्लक्स क्लॉन' जैसे बदनाम संगठन की संज्ञा का इस्तेमाल किया गया, तो इस शख्स पर उसका कोई असर नहीं दिखा। उन्हें भले ही राजनीति के बाहर का आदमी माना जाता हो, लेकिन यही ट्रंप अब अमेरिका के सबसे बड़े पद पर विराजने की ओर तेजी से बढ़ते दिखाई दे रहे हैं।

ये सब वे चीजे हैं, जिनकी कभी किसी ने कोई कल्पना भी नहीं की थी, लेकिन अब वाकई ये चीजें होने जा रही हैं। इंडियाना की प्राइमरी में हुए चुनाव से पहले किसी ने सोचा ही नहीं था कि ऐसा हो भी सकता है। एक साल पहले तो कोई सोचता ही नहीं था कि यह भी होगा, पर अब यह होने जा रहा है। अब यह लगभग तय हो चुका है कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के अगले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार होंगे। वह हमेशा यह कहते थे कि वह जीत रहे हैं। अब वह सचमुच उम्मीदवारी जीत रहे हैं। पहले की बातों के विपरीत आप इसे लतीफा या नारा नहीं मान सकते, यह सच है।

अक्सर यह भी लगता है कि वह इस विडंबना को अच्छी तरह समझते हैं। मंगलवार को अपनी 'एक्सेप्टेंस स्पीच' की शुरुआत में उन्होंने कहा भी, 'यह एक अविश्वसनीय दिन बन गया है, एक अविश्वसनीय शाम, और एक अविश्वसनीय साल भी'। सचमुच इसके लिए एक ही शब्द है- अविश्वसनीय। मंगलवार की रात को जब ट्रंप जीतते दिखाई दिए, तो          टेड क्रूज ने अपना प्रचार अभियान स्थगित करने की घोषणा कर दी। वही अकेले थे, जो डोनाल्ड ट्रंप और उनकी रिपब्लिकन उम्मीदवारी के बीच खड़े थे।

किसी ने नहीं सोचा था कि ऐसा भी होगा। शुरुआत में जो चुनावी नतीजे आ रहे थे, वे यही बता रहे थे कि ट्रंप और क्रूज में कांटे की टक्कर चल रही है। क्रूज के पास जितनी भी ताकत थी, उन्होंने सब की सब इस अभियान में झोंक दी थी। उन्होंने अपना सारा पैसा, अपनी सारी प्रतिष्ठा को इसमें लगा दिया था। यहां तक कि मंगलवार के प्राइमरी चुनाव से पहले तक उनके खेमे के लोग बार-बार यही दोहरा रहे थे कि प्रतिनिधियों का जो गणित है, वह रिपब्लिकल पार्टी को डोनाल्ड ट्रंप की उम्मीदवारी से बचा लेगा। लेकिन तभी टेड क्रूज ने यह घोषणा कर दी। अब रिपब्लिकन पार्टी के प्राइमरी चुनावी हंगामे में सिर्फ           एक शख्स बचा रह गया है। अब यह सब कुछ 'वन मैन शो' बनकर रह गया है।

इंडियाना में जब वह 'ट्रंप टावर' से अपने श्रोताओं को संबोधित कर रहे थे, तब  इस जीत का असर उनकी बातों में दिख रहा था। उनके मुंह से उन सभी लोगों की तारीफ निकल रही थी, जिनकी अभी तक वह खिंचाई किया करते थे। उन महिलाओं की भी, जो उनके लिए कई तरह के अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करती रही हैं। यहां तक कि उन्होंने टेड क्रूज की भी तारीफ की, जिनके लिए हाल ही में उन्होंने कहा था कि हर कोई उनसे नफरत करता है। ट्रंप ने उनके बारे में कहा है कि वह एक जोरदार स्पर्द्धी साबित हुए। अब यह मत सोचिए कि इसमें उनका ईमानदार बयान कौन-सा है, डोनाल्ड ट्रंप को इसकी कभी चिंता नहीं रही। इन दोनों नेताओं का आपसी रिश्ता शुरू से ही बहुत साफ रहा है।

मंगलवार को जो हुआ, वह भी इसका अपवाद नहीं है। ट्रंप को अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन को मात देने के लिए क्रूज के आधार को जीतना ही था। अब जब क्रूज इस लड़ाई से बाहर हो गए हैं, तो वह ट्रंप के लिए सबसे बड़े विरोधी नहीं रहे, बल्कि सबसे बड़े सहयोगी हो गए हैं।

उनकी इस रणनीति का असर भी दिखाई दिया है। टेड क्रूज ने जैसे ही अपनी दावेदारी वापस ली, रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष रींस प्राइबस ने आगे बढ़कर अपनी पार्टी से आह्वान किया कि सब डोनाल्ड ट्रंप के पीछे एकजुट हो जाएं। उन्होंने हैशटैग नेवर क्लिंटन का इस्तेमाल करते हुए एक ट्वीट भी किया, जिसमें कहा गया था कि हिलेरी क्लिंटन को मात देने के लिए हम सब को एक साथ आ जाना चाहिए। इस बदलाव को अलबामा के सीनेटर जेफ सेशन्स ने बहुत पहले ही समझ लिया था, जब उन्होंने यह घोषणा की थी कि ट्रंप में वह है, जिसकी रिपब्लिकन पार्टी को आज जरूरत है।

हालांकि तब हर कोई इससे सहमत नहीं था। मसलन, खुद क्रूज ही जमीन-जायदाद का धंधा करने वाले अरबपति डोनाल्ड ट्रंप को 'पक्का झूठा' बताते घूम रहे थे। लेकिन अब इन सब बातों का कोई अर्थ नहीं रह गया है। अब इंडियाना के 57 पार्टी प्रतिनिधि ट्रंप के साथ खड़े हैं। अब टं्रप जरूरी 1,237 प्रतिनिधियों का समर्थन बडे़ आराम से जुटा लेंगे, जो रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी का उनका रास्ता पूरी तरह साफ कर देगा। अभी क्लेवलैंड की प्राइमरी का चुनाव बाकी है और उनके सामने न कोई प्रतिद्वंद्वी है और न कोई चुनौती। इंडियाना की प्राइमरी का चुनाव वह क्षण था, जिसके बारे में क्रूज ने कहा था कि अगर ट्रंप जीतते हैं, तो 'अमेरिका गर्त में पहुंच जाएगा'। शायद वह सही थे, क्योंकि अमेरिका के आम चुनाव नवंबर में होने हैं, जो बहुत दूर है।

अब कुछ भी हो, यह नई स्थिति अमेरिका का यथार्थ है। डोनाल्ड ट्रंप जीत रहे हैं। अब न टेड क्रूज, और न ही  पूरी रिपब्लिकन पार्टी, उन्हें अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रोक सकती है। पार्टी के अंदर जो 'नेवर ट्रंप' का अभियान चल रहा था, अब उसका कोई अर्थ नहीं।
साभार: द गार्जियन
(ये लेखिका के अपने विचार हैं)

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