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टीम इंडिया को किस तरह का कोच चाहिए

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने जब टीम इंडिया के कोच के लिए विज्ञापन निकाला था, तब उसे भी शायद ही अंदाजा रहा होगा कि इस जिम्मेदारी के लिए 57 लोग आवेदन करेंगे। यह शायद अपने आप में एक अनोखा रिकॉर्ड ही...

टीम इंडिया को किस तरह का कोच चाहिए
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 20 Jun 2016 09:35 PM
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने जब टीम इंडिया के कोच के लिए विज्ञापन निकाला था, तब उसे भी शायद ही अंदाजा रहा होगा कि इस जिम्मेदारी के लिए 57 लोग आवेदन करेंगे। यह शायद अपने आप में एक अनोखा रिकॉर्ड ही होगा। इतने सारे आवेदनों के पीछे टीम इंडिया की साख है या यूं कहें कि क्रिकेट की दुनिया के सबसे अमीर और ताकतवर बोर्ड बीसीसीआई की साख। यह कोच को सबसे मोटी रकम देने वाला बोर्ड है।

दुनिया के जिस खिलाड़ी में भी कोच बनने की चाहत है, वह टीम इंडिया का कोच जरूर बनना चाहता है। वह सफल हो या नाकाम, मगर टीम इंडिया का कोच बनने के बाद विश्व क्रिकेट में उसका 'प्रोफाइल' जरूर बढ़ जाता है। सदी की शुरुआत में जॉन राइट जब कोच बने थे, तब से लेकर ग्रेग चैपल, गैरी कर्स्टन व डंकन फ्लेचर जैसे विदेशी खिलाड़ी भारतीय कोच की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। बतौर कोच फ्लेचर को करीब सवा चार करोड़ रुपये सलाना मिलते थे। यानी रोज के एक लाख रुपये से भी ज्यादा। रवि शास्त्री को बीसीसीआई ने सात करोड़ रुपये सलाना का ऑफर किया था।

इस मामले में खिलाडि़यों की पसंद-नापसंद भी अहम है। टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली रवि शास्त्री को यह जिम्मेदारी दिए जाने के पक्ष में हैं, तो  महेेंद्र सिंह धौनी माइकल हसी के नाम की सिफारिश करते दिखे हैं। इस लिस्ट में अनिल कुंबले के नाम के आ जाने से मुकाबला मजेदार हो गया है। कुंबले के पास किसी भी टीम को कोचिंग देने का तजुर्बा नहीं है, जो कोच के लिए आवेेदन करते वक्त मांगा भी गया था। बावजूद इसके कुंबले का कद बहुत बड़ा है। वह भारतीय क्रिकेट के सबसे दिग्गज खिलाडि़यों की फेहरिस्त में शुमार हैं। अनिल कुंबले ने सचिन तेंडुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण, यानी क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी के तीनों सदस्यों के साथ लंबे समय तक क्रिकेट खेला है। जीत और हार साथ-साथ देखी है। लिहाजा जरूरी योग्यता न होने के बाद भी उनके नाम पर चर्चा जरूर होगी। 57 में से 21 दावेदारों को शॉर्ट-लिस्ट किया गया है, जिनका आज इंटरव्यू होना है।

उसके बाद सिर्फ यह सोचा जाना है कि भारतीय टीम को कैसा कोच चाहिए? जॉन राइट जैसा उदार कोच, ग्रेग चैपल जैसा विवादित कोच, डंकन फ्लेचर जैसा अप्रभावी कोच या फिर गैरी कर्स्टन जैसा सामंजस्य बिठाने वाला कोच। कर्स्टन की कोचिंग में भारत ने विश्व कप जीता था, इसलिए उन्हें सबसे बेहतर कोच बताना बिल्कुल आसान है। वह खुद 'रिंग मास्टर' बनने व सुर्खियों से दूर रहने वाले कोच थे। इस सबको देखते हुए बाकी सभी आवेदकों के मुकाबले रवि शास्त्री का पलड़ा भारी रह सकता है, क्योंकि आगे की रणनीति कोहली को केंद्र में रखकर होनी है। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया कामयाबी के एक नए सफर पर निकलने की तैयारी में है, उन्हें सही रास्ता दिखाने वाला भी चाहिए होगा।  
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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