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गोरखपुर की नर्स ने फतह की 16 हजार फीट की ऊंचाई

मैदानी क्षेत्र में रहने और अस्पताल में सेवा करने वाली नर्स रजनी को पहाड़ों से प्यार हो गया। नर्सिंग की नौकरी छोड़ कर वह पवर्तारोही बन गई। महज छह महीने की प्रैक्टिस के बाद करीब 16 हजार फीट ऊंची सीती...

गोरखपुर की नर्स ने फतह की 16 हजार फीट की ऊंचाई
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 03 Nov 2016 01:20 PM
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मैदानी क्षेत्र में रहने और अस्पताल में सेवा करने वाली नर्स रजनी को पहाड़ों से प्यार हो गया। नर्सिंग की नौकरी छोड़ कर वह पवर्तारोही बन गई। महज छह महीने की प्रैक्टिस के बाद करीब 16 हजार फीट ऊंची सीती धार की चोटी भी फतह कर ली। अब रजनी का लक्ष्य 20 हजार फीट ऊंची हनुमान टिब्बा चोटी है।

संतकबीर नगर जिले के धनघटा क्षेत्र स्थित कर्मा गांव की रहने वाली 23 साल की रजनी साओ आज लोगों के लिए उदाहरण बन गई हैं। जिला अस्पताल गोरखपुर में बतौर संविदा नर्स तैनात रजनी की बचपन से ही इच्छा थी कि वह पहाड़ों पर घूमे, ऊंची-ऊंची पहाड़ियों पर चढ़े। अपने इस शौक को पूरा करने के लिए रजनी ने छह महीने पहले नर्सिंग की नौकरी छोड़ दी और पहाड़ों का रूख कर लिया।

रजनी ने गोरखपुर विश्वविद्यालय के क्रीड़ा विभाग से सम्पर्क किया। पहाड़ों पर चढ़ने की इच्छा जाहिर की लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। गूगल पर सर्च किया जिससे मनाली, दार्जलिंग और उत्तरकाशी के इंस्टीच्यूट की जानकारी हुई जहां पर्वतारोहण का प्रशिक्षण दिया जाता है। रजनी ने मनाली पहुंचकर 26 दिन का बेसिक कोर्स किया और फिर 15 अक्तूबर की भोर में निकल गईं पहाड़ चढ़ने। दृढ़ इच्छा शक्ति और सामने लक्ष्य। रजनी ने 16 हजार फीट ऊंची हिमाचल की सीती धार फतह कर ली।

मुश्किलों भरा रहा गांव से लेकर पहाड़ का सफर

रजनी के पिता रामअद्या किसान हैं। परिवार में माता-पिता के अलावा दो और छोटी बहनें और दो भाई हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के दौरान पर्वतारोहण का कोर्स करने की इच्छा जताई मगर वह कोर्स विश्वविद्यालय में चलता ही नहीं । इतना ही नहीं कोई उसके विषय में जानकारी तक नहीं दे सका। छह महीने पहले किसी ने बताया कि लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में इसके जानकार मौजूद हैं। वहां पहुंची। वहां से हिमाचल प्रदेश के मनाली में स्थित अटल बिहारी बाजपेयी पैरामाउंटिंग स्कूल की जानकारी मिली। इसके बाद रजनी ने इस्तीफा देकर मनाली का रूख कर लिया।

जनवरी में शुरू होगा एडवांस कोर्स

बेसिक कोर्स करने के दौरान ही पीर पंजाल की चोटी पर चढ़ने का चुनौती मिली। एडवांस कोर्स के लिए जनवरी में जाना है। एडवांस कोर्स में ही 19750 फीट ऊंची हिमाचल प्रदेश में हनुमान टिब्बा की चढ़ाई करनी है। रजनी ने बताया कि देश का सफल पर्वतारोही बनना ही उसके जीवन का लक्ष्य है।

खुद को फिट रखने के लिए करती थी एक्सरसाइज

रजनी ने अपने सपने को पूरा करने के लिए मेहनत की। वह पढ़ाई के दौरान भी कसरत करती थी।

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